Friday, March 29, 2024

निकलने लगी है आर्थिक सेहत के गुब्बारे की हवा

रवीश कुमार

सरकार अपना वित्तीय घाटा पूरा करने के लिए बाज़ार से 50000 करोड़ का कर्ज़ लेगी। बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार इससे पता चलता है कि सरकार की वित्तीय स्थिति बहुत बेहतर नहीं है।

इस ख़बर को अंग्रेज़ी के सामान्य और बिजनेस अख़बारों ने प्रमुखता से पहले पन्ने पर छापा था। मैंने एक बड़े हिन्दी अख़बार में देखा कि कोने में मात्र चार लाइन की ख़बर है। इसीलिए कहता हूं कि हिन्दी अख़बार को लेकर सतर्क रहने का समय आ गया है। बंद करना मुमकिन नहीं है इसलिए हर महीने आप अपना हिन्दी अख़बार बदल दें। दूसरा ले लें। तभी आप पाठकों का अख़बारों पर दबाव बनेगा।

नवंबर महीने में जीएसटी से होने वाली राजस्व वसूली में पिछले महीने के मुकाबले 14 फीसदी की कमी आई है। 80,080 करोड़ का ही राजस्व आया है। कहा जा रहा है कि सरकार ने जीएसटी की कई दरों में कटौती की थी, इससे हुआ है। देखते हैं दिसंबर में क्या स्थिति रहती है। क्या सरकार ने फंड लौटा दिए हैं? वादा था कि नवंबर, दिसंबर तक वापस कर दिया जाएगा।

सरकार लघु बचत योजनाओं की ब्याज़ दरों में कटौती कर दी है। एक साल के फिक्स डिपाज़िट पर 6.8 की जगह 6.6 प्रतिशत ब्याज़ मिलेगा। चार साल के फिक्स डिपाज़िट पर 7.6 प्रतिशत की जगह 7.4 प्रतिशत ब्याज़ मिलेगा। पब्लिक प्रोविडेंट फंड का ब्याज़ 7.8 से घटकर 7.6 प्रतिशत हो गया है।

वोट पर भले असर न पड़े मगर वरिष्ठ नागरिक इन्हीं बचत के भरोसे रहते हैं। उनकी कमाई कुछ कम हो जाएगी। यह जनवरी से मार्च और पहले की तिमाही के लिए किया गया है।

इससे बैंक भी बचत योजनाओं पर ब्याज़ दर घटा देंगे। कहां तो बैंक लोन पर ब्याज़ दर में कमी की बात हो रही थी, उल्टा जनता की बचत में कटौती हो गई।

हीरे जवाहरात के निर्यात में नवंबर में 50 फीसदी का उछाल आया है। अप्रैल से अक्तूबर के बीच इसमें 13 प्रतिशत की कमी आ गई थी।

नवंबर में कपड़ों का निर्यात 10 प्रतिशत गिर गया। नवंबर 2016 में 7,783 करोड़ था, जो नवंबर 2017 में 6,719 करोड़ हो गया। एक अरब डॉलर निर्यात कम होता है तो इस सेक्टर में 7 लाख नौकरियां कम हो जाती हैं।

  • 2017 पावर सेक्टर के लिए अच्छा नहीं रहा। पावर प्लांट अपनी क्षमता का 59 प्रतिशत ही उत्पादन कर रहे थे। मांग और आपूर्ति में भारी अंतर रहा।
  • मुकेश अंबानी की कंपनी अनिल अंबानी की कंपनी से 24000 करोड़ की ख़रीद करेगा। अनिल अंबानी मोबाइल बिजनेस का अपना ढांचा बेच रहे हैं।
  • इस साल स्टील के निर्यात में आयात की तुलना में बढ़ोत्तरी हुई है। दुनिया के बाज़ार पर चीन का कब्ज़ा था। स्टील सेक्टर की इस कामयाबी को मुस्कुराहट के साथ देखा जा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में कच्चे तेल के दाम गिरे हैं। इसका भाव 66.27 डॉलर प्रति बैरल है।17 राज्यों में मनरेगा के तहत तय की गई मज़दूरी खेतिहर मज़दूरों की मज़दूरी से भी कम है। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव ने संसद में दी है।

(ये लेख रवीश कुमार के फेसबुक से साभार लिया गया है।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

“काश! यह बेटियाँ बिगड़ जाएँ…इतना बिगड़ें के यह बिफर जाएँ”

दुआ काश! यह बेटियाँ बिगड़ जाएँ इतना बिगड़ें के यह बिफर जाएँ   उनपे बिफरें जो तीर-ओ-तीश लिए राह में बुन रहे...

Related Articles

“काश! यह बेटियाँ बिगड़ जाएँ…इतना बिगड़ें के यह बिफर जाएँ”

दुआ काश! यह बेटियाँ बिगड़ जाएँ इतना बिगड़ें के यह बिफर जाएँ   उनपे बिफरें जो तीर-ओ-तीश लिए राह में बुन रहे...