दक्षिण की राजनीति सदा आकर्षित करती रही है। एक से बढ़कर एक दिग्गज फ़िल्मी अभिनेता दक्षिण की राजनीति को आगे बढ़ाते रहे हैं और बेहद सफल भी रहे हैं। खासकर तमिलनाडु की राजनीति में फ़िल्मी सितारों की धमक कुछ ज्यादा ही रही है। हालांकि जयललिता के निधन के बाद ऐसा लग रहा था कि तमिलनाडु की राजनीति से अब फ़िल्म अभिनेताओं का साबका खत्म हो जाएगा लेकिन अब ऐसा नहीं लगता। दक्षिण के महान फ़िल्मी सितारे कमल हासन ने राजनीति में उतरने की पूरी तैयारी कर ली है। माना जा रहा है कि कमल हासन शीघ्र ही अपनी राजनीतिक पार्टी का ऐलान करेंगे और एक ऐसी राजनीति की शुरुआत करेंगे जो शायद पहले इस देश में नहीं देखी गई है।
उनका मानना है कि या तो राजनीति से भ्रष्टाचार जायेगा या फिर उनकी राजनीतिक यात्रा समाप्त हो जायेगी। कमल हासन ने कहा है कि वह ऐसी राजनीति में यकीन करते हैं जिसमें जनता को पांच साल तक इंतजार नहीं करना पड़े। कमल हासन के बयानों से साफ लगता है कि उन्होंने अपना राजनीतिक ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है।
नेताओं पर कटाक्ष
इन्हीं तैयारियों के बीच आज उन्होंने ट्विट कर नेताओं पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने अपने ट्विट में कहा कि “काम नहीं तो पैसा नहीं, सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए क्यों? रिसॉर्ट में सौदा करने वाले नेताओं के बारे में क्या राय है।”
उन्होंने कहा, “माननीय न्यायालय ने हड़ताल कर रहे शिक्षकों को चेतावनी दी है। मैंने अदालत से उन विधायकों के खिलाफ भी इसी तरह ही चेतावनी जारी करने को कहा है, जो काम नहीं करते।”
“मैं बदलाव लाना चाहता हूं”
62 वर्षीय कमल हासन ने मीडिया से बातचीत में कहा है, ‘तमिलनाडु की राजनीति में बदलाव आ सकता है। और मैं वह बदलाव लाना चाहता हूं। फिर इससे ज़्यादा फर्क नहीं पड़ता कि बदलाव कितना धीरे-धीरे होगा। मैं बदलाव की प्रक्रिया शुरू करने का वादा करता हूं।’
उन्होंने अपनी तैयारी का और गंभीर संकेत छोड़ते हुए जनता से अपील की, ‘आपको मुझे वोट देने के बाद पांच साल बाद होने वाले चुनाव तक इंतज़ार नहीं करना होगा। अगर मैं नतीज़े नहीं दे पाया तो आप मुझको तुरंत मेरे पद से हटा सकते हैं।’
कमल हासन ने राजनीतिक एजेंडा भी स्पष्ट किया और कहा, ‘या तो मैं जाऊंगा या फिर राजनीति से भ्रष्टाचार को जाना होगा। हम दोनों साथ नहीं रह सकते।’
अपनी पार्टी बनाएंगे हासन?
हालांकि उन्होंने यह भी साफ ज़ाहिर कर दिया कि वे किसी मौज़ूदा राजनीतिक दल का दामन पकड़कर राजनीति में नहीं आएंगे। कमल हासन का मानना है की सभी राजनीतिक दल के अपने चाल चरित्र हैं और अपनी राजनीति भी। हमें इस पचड़े में नहीं पड़ना है। उनके मुताबिक, ‘किसी राजनीतिक दल का मतलब होता है किसी विचार या विचारधारा का प्रतिनिधि होना। और मुझे नहीं लगता कि राजनीति में मेरे लक्ष्य किसी राजनीतिक दल की विचारधारा से मेल खाएंगे।’ यानी उनके द्वारा अलग पार्टी बनाना भी तय है। साफ़ है कि तमिलनाडु की राजनीति को नापने की तैयारी कमल हासन ने कर ली है।
वाम के करीब
वैसे कमल हासन की सोच समझ वाम विचारधारा की रही है और सीपीएम के करीब वे अपने को पाते रहे हैं। वाम नेताओं से लगातार उनके संपर्क भी बने रहे हैं और कई वाम नेताओं को वे अपना आदर्श भी मानते रहे हैं।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से हसन की अच्छी दोस्ती भी है और येचुरी की नीति से वे प्रभावित भी माने जाते हैं। सीताराम येचुरी ने इस सप्ताह के शुरू में कहा था कि अगले साल हैदराबाद में होने वाले पार्टी के महासम्मेलन में लोकप्रिय फिल्मी सितारों का एक सत्र आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा कमल हासन ने इसी महीने के शुरू में केरल के मुख्यमंत्री और माकपा की शीर्ष इकाई- पोलित ब्यूरो के सदस्य पिनराई विजयन से भी मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने कहा था, ‘मैं आपको एक बात तो साफ तौर पर कह सकता हूं कि निश्चित ही मेरा रंग केसरिया नहीं है। वामपंथ के अधिकांश नायक मेरे आदर्श हैं।’
अन्य पार्टियों में हलचल
कमल हासन की राजनीति में पदार्पण को लेकर मौजूदा राजनीतिक पार्टियों के भीतर भी काफी हलचल मची हुयी है। आपको बता दें कि जयललिता के निधन के बाद दक्षिण के महान कलाकार रजनीकांत ने भी राजनीति में आने की बात कही थी। यह बात और है कि रजनीकांत की राजनीति का लोगों को अभी बेसब्री से इंतजार ही है लेकिन कमल हासन ने राजनीति में आने की बात कहकर कई राजनीतिक दलों की नींद उड़ा दी है।
(अखिलेश अखिल वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल दिल्ली में रहते हैं।)