Thursday, April 18, 2024

controversy

निज्जर विवादः भारत की मुश्किल, अमेरिका की मुसीबत

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के 18 सितंबर को भारत पर गंभीर आरोप लगाने के बाद इस प्रकरण में सबसे विस्फोटक खबर अमेरिकी वेबसाइट द इंटरसेप्ट ने दी है। ट्रुडो ने इल्जाम लगाया था कि भारत सरकार की एजेंसियों...

सनातन धर्म पर विवाद: दक्षिण में जोर का झटका, उत्तर में क्या धीरे-धीरे पसरेगा?

सनातन धर्म का नारा पिछले 3-4 वर्षों से सोशल मीडिया और सार्वजनिक बहस में शामिल करा दिया गया था। पिछले कुछ दिनों से हिंदू धर्म और सावरकर के हिंदुत्व को अलग-अलग करके दिखाने का विमर्श भी हिंदी पट्टी के...

प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट-1991 के अस्तित्व पर निशाना है धर्मस्थलों के स्वरूप बदलने का विवाद

वाराणसी के ज्ञानवापी का मामला जिस तरह दिन प्रतिदिन उलझता जा रहा है उससे स्थिति लगातार गम्भीर होती जा रही है और यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह रामजन्मभूमि- बाबरी मस्जिद सरीखे विवाद की ओर तो नहीं...

फॉक्सकॉन-वेदांता समझौता रद्द, पीएम मोदी के लिए बड़ा झटका 

भारतीय सेमीकंडक्टर योजना को भारी झटका लगा है। खबर आ रही है कि ताइवानी बहुराष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र की चोटी की कंपनी फॉक्सकॉन ने सोमवार को अपनी घोषणा में वेदांता समूह के साथ अपने अनुबंध को रद्द करने का...

एक संसद भवन जिसकी शुरुआत ही भारी विवाद और टकराव से हुई

दुनिया का हर लोकतांत्रिक देश अपने संसद भवन पर गर्व करता है। इसलिए नहीं कि उसे वह बिल्डिंग देश की सबसे अच्छी बिल्डिंग लगती है। किसी अच्छी बिल्डिंग पर लोग मुग्ध होते हैं। पर अपनी संसद या पार्लियामेंट की...

अशोक स्तम्भ विवाद: जो कुछ हो रहा है वह अप्रत्याशित नहीं

सेंट्रल विस्टा की ऊपरी मंजिल पर स्थापित अशोक स्तंभ की प्रतिकृति के अनावरण के बाद से प्रारंभ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। देश के अनेक जाने माने इतिहासकार अशोक स्तम्भ के मूल स्वरूप के साथ हुई...

कितनी जरूरी है स्कूलों में प्रार्थना?

"स्कूल और शिक्षा के मुख्य उद्देश्यों के ख़िलाफ़ हैं, प्रार्थना। प्रार्थना से शुरुआत करना ग़लत है, यह बच्चों को ग़लत दिशा में ले जाती है। जीवनभर बच्चा अपेक्षा करेगा कि कोई भगवान अवतार लेगा और आकर हमारा भला करेगा।...

शर्म-निरपेक्ष गिरोह की वजह से दुनिया में शर्मसार होता धर्मनिरपेक्ष भारत 

(यह टिप्पणी जुमे को हुए उपद्रवों से पहले लिखी गयी है।हालांकि जुमे के दिन हुए प्रदर्शनों ने और उनमें,उनके बहाने घटी हिंसक वारदातों से इस टिप्पणी में कुछ भी परिवर्तित करने योग्य नहीं घटा।सिवाय इसके कि शायर मरहूम निदा...

भोपालियों के बहाने: अविवेकी फतवे से विवेक न खोयें प्लीज

एक स्टुपिड, मीडियोकर, उथला व्यक्ति भोपाल के बारे में कोई भी झाड़ूमार बयान झाड़ दे यह बेहूदगी है, यह उसका अज्ञान और मूर्खों की संगत से हासिल बड़े वाला ओवरकॉन्फीडेंस है। विवेक रंजन अग्निहोत्री का भोपाल के बारे में...

हिंदी का लेखक-प्रकाशक विवाद: साहित्य और जीवन के भ्रम और यथार्थ

सोशल मीडिया पर हिंदी के लेखकों और प्रकाशकों के बीच संबंध के बारे में अभी जो बहस उठी है, वह जितनी दिलचस्प है, उतनी ही विचारोत्तेजक भी है। इसमें एक प्रकार से हिंदी साहित्य और पाठकों के बीच के...

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ऐसा क्यों? बढ़ती मुश्किलों के बावजूद मोदी पर ही दांव! 

आम चुनाव के लिए मतदान शुरू होने से ठीक पहले संभवतः एकमात्र ऐसा जनमत सर्वेक्षण सामने आया है, जिसमें...