Tuesday, April 16, 2024

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तथ्यों से परे है कच्चाथीवु पर विवाद और नेताओं की बयानबाजी 

एक वक्त था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण तट के दोनों ओर मछुआरों के मुद्दों का समाधान चाहते थे। कम से कम 2015 में अपनी श्रीलंका की आधिकारिक यात्रा के दौरान तो उन्होंने यही बताया और जताया था। इस...

जयंती पर विशेष: क्या कांग्रेस को कामराज जैसे किसी नये प्लान की जरूरत है?

कांग्रेस जब भी किसी संकट का सामना करती है, तो वह अतीत में समाधान खोजती है। 59 वर्ष पहले मद्रास के तत्कालीन मुख्यमंत्री कुमारस्वामी कामराज ने प्रधानमंत्री नेहरू एंड कांग्रेस सरकार को फिर से सक्रिय करने के लिए 'कामराज...

प्रतिबद्ध न्यायपालिका: इंदिरा गांधी का आपातकालीन सपना मोदी राज में हो रहा है साकार

करीब साढ़े चार दशक पहले आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तो महज मंशा जाहिर की थी कि न्यायपालिका को सरकार के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए, लेकिन उनकी यह मंशा पिछले कुछ वर्षों से मूर्तरूप लेती दिख...

प्रधानमन्त्री जी, 56 इंच सीने का दावा आसान है उस पर खरा उतरना मुश्किल!

‘बड़ा शोर सुनते थे पहलू में दिल का /जो चीरा तो इक क़तरा-ए-ख़ूँ न निकला’ यह शेर अपने 56 इंच सीने वाले साहब पर पूरी तरह खरा नज़र आ रहा है। कभी भी इंदिरा गाँधी, पंडित नेहरू और महात्मा...

बांग्लादेश का मुक्ति संघर्ष: इंदिरा गांधी ने हर मोर्चे पर सफलता हासिल की थी

जब सोवियत संघ के महान नेता स्टालिन की मृत्यु हुई थी तब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा था कि स्टालिन was strong both in peace and war इसी तरह की श्रद्धांजलि श्रीमती इंदिरा गांधी को दी...

बेहद दिलचस्प है ‘गूंगी गुड़िया’ से कुशल राजनेता बनने का इंदिरा का सफर

स्वातंत्र्योत्तर भारत के इतिहास में इंदिरा गांधी एक विलक्षण व्यक्तित्व की राजनेता थीं। वे भारत के प्रधानमंत्री के पद पर 1966 से लेकर 1977 और फिर 1980 से लेकर 1984 तक आसीन रहीं। इसी अवधि में पाकिस्तान का तीसरा...

इमरजेंसी के साथ तानाशाही पर भी बहस कीजिए

हर बार की तरह इस बार भी भारतीय जनता पार्टी ने 25 जून का इस्तेमाल यह साबित करने के लिए किया कि कांग्रेस एक लोकतंत्र विरोधी पार्टी है और इसी वजह से उसने इमरजेंसी लगाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने...

सीपी-कमेंट्री: इंदिरा गांधी की इंटरनल इमरजेंसी और आरएसएस–भाजपा का लोकतंत्र का स्वांग

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक रह चुके हम भारत के लोग के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार द्वारा लागू किये इंटरनल इमरजेंसी (आंतरिक आपातकाल) को लेकर जब-तब और...

इमरजेंसी संस्मरण: बैरक नंबर 10 बटा 4 सेंट्रल जेल ग्वालियर

(एक)बैरक नंबर 10 बटा 4 सेंट्रल जेल ग्वालियर। सबसे लम्बे समय तक -इमरजेंसी की पूरी जेल अवधि- में यही हमारा पता था। यूं जेल प्रवास कोई साढ़े तीन साल का है, मगर बैरकें, कभी-कभी जेल भी, अदल-बदल के। इत्ता...

आपातकाल से भी भयावह है वर्तमान काल !

सन् 1975 का 26 जून से लेकर 21 मार्च 1977 का वह काला दौर जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल को समय की जरूरत बताते हुए उस दौर में लगातार कई संविधान संशोधन किये। 40वें और 41वें संशोधन...

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ग्राउंड रिपोर्टः गंगा क्षेत्र को कछुआ सैंक्चुरी घोषित कर मोदी सरकार ने छीन ली निषादों की रोजी-रोटी

भदोही। लोकसभा चुनाव से बेखबर भदोही के डीह इलाके में गंगा के किनारे 65 साल के साधुराम निषाद नदी...