Thursday, March 28, 2024

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सीएजी की रिपोर्ट में खादी ग्रामोद्योग की हालत पतली, जबकि मोदी सरकार पेश कर रही है रिकॉर्ड तोड़ बिक्री के आंकड़े 

नई दिल्ली।हाल ही में 9 जून, 2023 को राष्ट्रीय समाचारपत्रों की सुर्खियां कुछ इस प्रकार थीं: “वित्तीय वर्ष 2013-23 तक खादी और ग्रामोद्योग का उत्पादन 26 हजार 109 करोड़ रुपये था। वहीं, 2023 में यह 268% बढ़कर 95 हजार...

बिहार स्पेशल: मॉर्टन चॉकलेट से HMT के ट्रैक्टर, जूट मिल से लेकर शुगर मिल; कैसे बर्बाद हुए उद्योग?

जाति और जाति की राजनीति करने वाला बिहार से बाहर निकलते ही एक बिहारी ना तो अमीर होता है और ना ही ब्राह्मण या दलित। आप बस एक गरीब बिहारी होते हैं, जिसका भारी पेट अपने राज्य में नहीं...

यूपी की बदहाली के गुनहगार कौन?

उत्तर प्रदेश में वे सभी खूबियां हैं जो इसकी जबर्दस्त राजनीतिक और आर्थिक सफलता की कहानी गढ़ सकती हैं। 2,43,286 वर्ग किमी की इसकी विशाल उपजाऊ जमीन, 20.4 करोड़ की विशाल आबादी, गंगा और यमुना जैसी इसकी अविरल प्रवाहमान...

हाल बनारस के बुनकरों का: “न फ्रिक में हैं, न जिक्र में हैं, हम केवल वोट में हैं”

वाराणसी। बनारस में बजरडीहा बुनकर बाहुल्य इलाका है। बुनकरों की बर्बादी, लाचारी, बेबसी और असमय मौत का चलता-फिरता दस्तावेज है ये इलाका। यहां की कच्ची-पक्की गंदगी से भरी गलियों में दड़बेनुमा घरों में हुनरमंद बुनकरों की बिनकारी का दम...

गन्ना किसानों का संकट पार्ट-1: करोड़ों गन्ना किसान और पूरा चीनी उद्योग आख़िर क्यों धँसे हुए हैं अतिरिक्त उत्पादन के दलदल में?

चीनी का उत्पादन घरेलू ख़पत से 25% ज़्यादा है, लेकिन हम न तो पर्याप्त निर्यात कर पा रहे हैं और ना ही इतना एथनॉल बना पा रहे जिससे चीनी उद्योग की सेहत सुधर सके। Surplus production के विकट संकट ने...

स्पेशल रिपोर्ट: अंतिम सांसें गिन रहा है बरेली का मांझा और हथकरघा उद्योग

बरेली। बरेली का नाम सुनते ही दिमाग में तुरंत गाना चला आता है "झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में"। लेकिन बरेली में झुमके के अलावा भी कुछ चीजें हैं जो देश के कोने-कोने में मशहूर हैं। ऐसे ही...

हिंदी पट्टी कैसे हुई गोबर पट्टी में तब्दील?

5 दिन पहले फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित बाथ विश्वविद्यालय के संतोष मेहरोत्रा का यह लेख, अंग्रेजी हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। सभी प्रमुख टेलीविजन चैनलों ने कहीं न कहीं इस विषय पर प्रोफेसर मेहरोत्रा के गहन...

छत्तीसगढ़: मजाक बनकर रह गयी हैं उद्योगों के लिए पर्यावरणीय सहमति से जुड़ीं लोक सुनवाईयां

रायपुर। राजधनी रायपुर स्थित तिल्दा तहसील के किरना ग्राम में मेसर्स शौर्य इस्पात उद्योग प्राइवेट लिमिटेड के क्षमता विस्तार के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए लोकसुनवाई आयोजित की गई थी। जंहा लगभग 12.30 बजे सारे अधिकारी जा चुके थे...

नाजी दौर की तरह सरकार की विचारधारा का समर्थन करने वाली प्रोपेगैंडा फिल्में बना रही है फिल्म इंडस्ट्री

"फिल्म इंडस्ट्री को अब सरकार की ओर से विचार के समर्थन वाली फिल्में बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ऐसी फिल्मों को बनाने के लिए फंड भी दिया जाता है जो सरकार के विचारों का समर्थन करती हों।...

3000 करोड़ रुपये में बिकी वीडियोकॉन, बैंकों का 46000 करोड़ और निवेशकों के करोड़ों डूबे

वीडियोकॉन पर बैंक का कर्जा 46000 करोड़ रूपये है और 3000 करोड़ में बेची जा रही है। बैंकों को 43000 करोड़ गँवाने पड़ेंगे और सरकार दो बैंकों को बेच कर इतना ही कमा पाएगी। यानि की आसान भाषा में...

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आइये, मोदी सरकार संग बेरोज़गारी दूर करें: तीन पोस्ट, तीनों हैरतअंगेज़ भरी!

फेसबुक पर मोदी-नेतृत्व के भाजपा सत्ता प्रतिष्ठान के चरित्र से जुड़ी तीन पोस्टों पर नज़र पड़ी। तीनों ही बेहद...