Friday, April 26, 2024

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जन्मदिवस पर विशेष: हिंदुस्तानी रवायत के महान प्रतीक पुरुष राही मासूम रजा

डॉ. राही मासूम रजा (1 सितंबर 1927-15 मार्च 1992) फिरकापरस्ती, जातिवाद, सामंतशाही और वर्गीय विभाजन के खिलाफ निरंतर चली प्रतिबद्ध कलम के एक अति महत्वपूर्ण युग का नाम है। इसी कलम ने मुस्लिम अंतर्मन की गहरी तहें बेहद सूक्ष्मता...

संविधान के बुनियादी सिंद्धातों के खिलाफ है शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में धार्मिक ग्रंथों का शामिल किया जाना

मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के महाविद्यालयों में धार्मिक ग्रंथों रामचरितमानस तथा महाभारत के कुछ अंशों को पढ़ाने का फैसला किया है। हमारे देश की  धर्म,संस्कृति, भाषा और वेशभूषा के क्षेत्र में कई विशेषताएं हैं जो दुनिया के किसी भी अन्य...

COVID-19 के संक्रमण से पस्त हिंदू धर्म को अब ‘राम’ और ‘रामायण’ का सहारा

कोविद-19 महामारी फैलने के बाद मंदिरों के पट बंद हो गए। कोरोना संक्रमण के लाइलाज घोषित होने के बाद सारे आस्तिक धर्म कर्म को छोड़ खुद को सेफ रखने में जुट गए। हर तरफ मौत और दुनिया के ख़त्म...

माहेश्वरी का मत: यह न महाभारत है, न ही कोई धर्मयुद्ध; तेज़ी से फैलने वाली एक वैश्विक महामारी है

नोटबंदी पर पचास दिन माँगने वाले प्रवंचक ने अब इक्कीस दिन में कोरोना के प्रभाव को ख़त्म करने की बात कही है । इनकी बात पर कभी कोई यक़ीन न करे, पर लॉक डाउन का यथासंभव सख़्ती से पालन...

राही मासूम रजा: हिंदुस्तानी रिवायत के महान प्रतीक पुरुष

डॉक्टर राही मासूम रजा (1 अगस्त 1927--15 मार्च 1992)  फिरकापरस्ती, जातिवाद, सामंतशाही और वर्गीय विभाजन के खिलाफ निरंतर चली प्रतिबद्ध कलम के एक अति महत्वपूर्ण युग का नाम है। इसी कलम ने मुस्लिम अंतर्मन की गहरी तहें बेहद सूक्ष्मता से...

प्राचीन भारत का नया भविष्य!

पिछले छह सालों में जबकि साबित किया जा चुका है कि आधुनिक पढ़ाई लिखाई और उच्च शिक्षा का तर्कशीलता, बुद्धि, विवेक और इंसानियत से कोई सीधा संबंध नहीं है तो हमें इस बात पर सहज गंभीरता से विचार करना...

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गैर-बराबरी के मुद्दे पर गुमराह करने में जुटे मोदी

इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन के पुनर्वितरण की सोच को निशाने पर लिया है। वे तथ्यों का...