Thursday, March 28, 2024

secularism

धर्मनिरपेक्षता पर मंडराते चौतरफा संकट के बादल!

जब बाबरी मस्जिद गिराई जा रही थी तब उसे पूरा देश ही नहीं पूरी दुनिया देख रही थी कि किन संगठनों के नेतृत्व में ढांचे को गिराया जा रहा है। ठीक इसके विपरीत मंदिर के पक्ष में फैसला देते...

भारत में समानता का विचार मर चुका है, यहां धर्मनिरपेक्षता के लिए कोई जगह नहीं

नई दिल्ली। आज जैसे ही मैंने टीवी पर अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा देखी, मैं पुरानी यादों में खो गया। मुझे याद है कि जब मैं 6 दिसंबर 1992 को 450 साल पुरानी बाबरी मस्जिद को गिरा...

नारायण मूर्ति बोले-लोकतंत्र के लिए सबसे जरूरी शर्त है बहुलतावाद

देश के सामने वर्तमान में ऐसे कई मुद्दे हैं जिस पर हमें तत्काल विचार करने और उससे निपटने के लिए पहल करने की जरूरत है। गुरुवार को इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने एक सभा को संबोधित करते...

विपक्षी दलों का सामूहिक संकल्प-पत्र: देश के लिए उम्मीद की नई किरण 

बेंगलुरु में 26 विपक्षी दलों की बैठक में सामूहिक रूप से कुछ संकल्प लिए गये हैं, जिसमें भविष्य की राह क्या होगी के सूत्र मिलते हैं। अपने पहले वाक्य में ही INDIA गठबंधन ने संविधान की मूल भावना के...

हिंदू राष्ट्र निर्माण के लिए नरेंद्र मोदी उड़ा रहे हैं, धर्मनिपेक्षता की धज्जियां 

28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री ने देश में एक बड़ी लकीर खींच दी है। इसके तमाम पहुलओं के बारे में काफी चर्चा हो चुकी है। एक धर्मनिरपेक्ष देश के प्रधानमंत्री ने धर्मनिरपेक्षता की...

धर्मनिपेक्षता भारत की एकता-अखंडता की पहली शर्त

(साम्प्रदायिकता भारत के राजनीतिक जीवन में एक विषैला कांटा है। भारत की एकता धर्मनिरपेक्षता पर ही निर्भर है, इसके विपरीत साम्प्रदायिकता और धर्मांधता हमारे राष्ट्र को छिन्न-भिन्न कर देगी: जवाहरलाल नेहरू) 28 मई को नई संसद के कथित उद्घाटन के समय...

सर्वोदय समाज का 48 वां सम्मेलन संपन्न, गांधीजनों ने लिया लोकतंत्र बचाने का संकल्प

वर्धा। सर्वोदय समाज और उनके मानने वालों की देश को समझने का अपना नजरिया है। वो अपने ढ़ंग से किसी स्थिति का विश्लेषण करते हैं। लेकिन 48 वां सर्वोदय समाज सम्मेलन के समापन पर जिस राजनीतिक प्रस्ताव को पेश...

कट्टरता विनाश लाती है!

पाकिस्तान में एक ऐसी ट्रेन चलती है जिससे वहां के संपन्न लोग ही यात्रा करते हैं। पाकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान मैंने भी इस ट्रेन से यात्रा की है। यात्रा के दौरान मेरे कंपार्टमेंट में कुछ युवा उद्योगपति...

मौजूदा समय में नहीं लड़ी जा सकती हैं अतीत की लड़ाइयां

ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा करने के अधिकार की मांग करते हुए पांच महिलाओं द्वारा अदालत में प्रकरण दायर करने के बाद से पूरे देश में अतीत से जुड़े कई मुद्दे और विवाद सार्वजनिक विमर्श के केन्द्र में आ गए...

गैर-बराबरी और कट्टरता भरे समाज का सेक्युलरिज्म बनाम हिजाब-विवाद

बात पिछली शताब्दी के सन् साठ दशक की है। हम लोग स्कूल में पढ़ते थे। वह गांव का एक सरकारी स्कूल था। उसमें आसपास के कई गांवों के बच्चे आते थे। ज्यादातर बच्चे हिन्दू-उच्चवर्णीय समुदाय के होते थे। उन...

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अमर्त्य सेन ने लेखकों-पत्रकारों को लंबे समय तक कैद में रखने का किया विरोध

नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन सहित देश-विदेश के कई प्रसिद्ध शिक्षाविदों ने भारत में “बड़ी संख्या में...