Friday, April 26, 2024

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जोश व फ़िराक़ की चंद यादें: फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

जोश साहब से पहली मुलाकात साल 1936 में हुई, जब तरक़्क़ीपसंद मुसन्निफ़ीन की पहली कॉन्फ्रेंस के दौरान उस अंजुमन की दाग़बेल डाली जा रही थी। जब तक लखनऊ वालों के कान में हमारी शायरी की भनक नहीं पड़ी थी...

24 अक्टूबर, अफ़साना निगार इस्मत चुग़ताई की याद का दिन

समूचे भारतीय उपमहाद्वीप में इस्मत चुग़ताई का नाम किसी तआरुफ़ का मोहताज नहीं। वे जितनी हिंदोस्तान में मशहूर हैं, उतनी ही पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी। उनके चाहने वाले यहां भी हैं और वहां भी। आज भी उर्दू और...

बदनीयती से भरा है अरुंधति रॉय के खिलाफ 13 साल पुराने मामले को खोलना

लेखिका व एक्टिविस्ट अरुंधति रॉय और कश्मीर के एक शिक्षाविद के खिलाफ 2010 के एक आपराधिक मामले को दोबारा खोला जाना बदनीयती से भरा लगता है। दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा राय और कश्मीर विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर...

अब निशाने पर अरुंधति रॉय! 13 साल पुराने मामले में मुकदमे की अनुमति पर लोगों की तीखी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली। पत्रकारों और लेखकों के उत्पीड़न की कड़ी में अब बारी है मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय की है। दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने उनके और पूर्व कश्मीरी प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन के खिलाफ 2010 के एक...

लोकतंत्रः अतीत, वर्तमान और भविष्य

(वरिष्ठ पत्रकार और लेखक अरुण कुमार त्रिपाठी के संपादकत्व में 'आज के प्रश्न' श्रृंखला के तहत ‘लोकतंत्र: अतीत, वर्तमान और भविष्य’ शीर्षक से एक किताब प्रकाशित हुई है। किताब में तकरीबन 12 लेखकों के लेख शामिल किए गए हैं।...

जनपक्षीय कवि, लेखक, पत्रकार सुरेश सलिल की स्मृति में

हिंदी, साहित्य और पत्रकारिता में अमूल्य योगदान करने वाले 19 जून 1942 को जन्मे जनपक्षीय कवि, लेखक सुरेश सलिल अपने लेखन, संपादन, पत्रकारिता तथा अनुवाद से आजीवन मानवता की सेवा करने के बाद 22 फरवरी को दुनिया को अलविदा...

आजादी की लड़ाई में कई तरक्कीपसंद शायरों ने सीधे तौर पर की थी हिस्सेदारी

देश की आज़ादी लाखों-लाख लोगों की कु़र्बानियों का नतीज़ा है। जिसमें लेखक, कलाकारों और संस्कृतिकर्मियों ने भी एक अहम रोल निभाया। ख़ास तौर से तरक़्क़ीपसंद तहरीक से जुड़े लेखक, कलाकार आज़ादी के आंदोलन में पेश-पेश रहे। अपने गीत, ग़ज़ल, नज़्म, नाटक, अफ़सानों और आलेखों के...

जश्न और जुलूसों के नाम थी आज़ादी की वह सुबह

देश की आज़ादी लाखों-लाख लोगों की कु़र्बानियों का नतीज़ा है। जिसमें लेखक, कलाकारों और संस्कृतिकर्मियों ने भी अपनी बड़ी भूमिका निभाई। ख़ास तौर से तरक़्क़ीपसंद तहरीक से जुड़े लेखक, कलाकार मसलन सज्जाद ज़हीर, डॉ. रशीद जहां, मौलाना हसरत मोहानी,...

एक अलहदा शाम अलहदा शख्सियत के नाम

नई दिल्ली। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (नई दिल्ली) में असगर वजाहत, रामशरण जोशी, इब्बआर रब्बी, विष्णु नागर, राजेश जोशी आदि कई आमंत्रित नागरिकों के बीच 19 जून 2022 की वो शाम बुजुर्ग कवि, लेखक, पत्रकार और संपादक सुरेश सलिल...

पुस्तकों को सेल्फ़ में क़ैद न करो, उन्हें बांटो!

अंग्रेजी के एक बहुत बड़े लेखक थे स्टीवेंसन।  वे एक बार बस में सफर कर रहे थे और कोई पुस्तक पढ़ने में तल्लीन थे। जब उनका स्टाप आया तो वे फट से उतर गए मगर अपनी पुस्तक वहीं छोड़...

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गैर-बराबरी के मुद्दे पर गुमराह करने में जुटे मोदी

इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन के पुनर्वितरण की सोच को निशाने पर लिया है। वे तथ्यों का...