Friday, April 26, 2024

जयंती

मोदी के मुख्यमंत्रित्व दौर से ज्यादा थी सोलंकी के कार्यकाल में गुजरात की जीडीपी

अहमदाबाद। गुजरात के कद्दावर ओबीसी नेता और भूतपूर्व मुख्यमंत्री माधवसिंह सोलंकी की 94वीं जयंती के मौके पर सोलंकी परिवार ने अहमदाबाद के कुशाभाऊ ठाकरे हाल में "स्मरणांजली सभा" का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में पीसीसी अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल,...

जयंतीः गीतकार पंडित नरेन्द्र शर्मा ने ही आकाशवाणी को दिया ‘विविध भारती’

वे हिंदी की आन-बान और शान थे। उनका व्यक्तित्व बहुआयामी था। कवि-गीतकार, लेखक, अनुवादक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और प्रशासक अपने जीवन में पंडित नरेन्द्र शर्मा को जो भी भूमिका मिली, उन्होंने उसके साथ पूरा न्याय किया। हिंदी साहित्य में...

फ़ैज़ की जयंतीः ‘अब टूट गिरेंगी ज़ंजीरें, अब जिंदानों की खैर नहीं’

उर्दू अदब में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का मुकाम एक अजीमतर शायर के तौर पर है। वे न सिर्फ उर्दू भाषियों के पसंदीदा शायर हैं, बल्कि हिंदी और पंजाबी भाषी लोग भी उन्हें उतनी ही शिद्दत से मोहब्बत करते हैं।...

जयंतीः सोवियत यूनियन की अहम हस्ती गफूरोफ भी थे जोय अंसारी के प्रशंसक

मुल्क में तरक्की पसंद तहरीक जब परवान चढ़ी, तो उससे कई तख्लीककार जुड़े और देखते-देखते एक कारवां बन गया, लेकिन इस तहरीक में उन तख्लीककारों और शायरों की ज्यादा अहमियत है, जो तहरीक की शुरुआत में जुड़े, उन्होंने मुल्क...

जयंतीः उम्र में छोटे भगत सिंह को गुरु बना लिया था उधम सिंह ने

पंजाब की सरजमीं ने यूं तो कई वतनपरस्तों को पैदा किया है, जिनकी जांबाजी के किस्से आज भी मुल्क के चप्पे-चप्पे में दोहराए जाते हैं, पर राम मुहम्मद सिंह आज़ाद उर्फ उधम सिंह की बात ही कुछ और है।...

डॉ. मुल्कराज आनंदः भारत के चार्ल्स डिकेंस

डॉ. मुल्कराज आनंद, मुल्क की उन बाकमाल शख्सियतों में शामिल हैं, जिन्होंने विदेशियों को यह बतलाया कि एक हिंदुस्तानी भी उन्हीं की जुबान में उन जैसा उत्कृष्ट लेखन कर सकता है। अंग्रेजी जुबान उनके लिए कोई टैबू नहीं है।...

जयंतीः जोश मलीहाबादी की रगों में दौड़ता था इंकलाब!

उर्दू अदब में जोश मलीहाबादी वह आला नाम है, जो अपने इंकलाबी कलाम से शायर-ए-इंकलाब कहलाए। जोश का सिर्फ यह एक अकेला शेर, काम है मेरा तगय्युर, नाम है मेरा शबाब/मेरा नाम ‘इंकलाबो, इंकलाबो, इंकिलाब, ही उनके तआरुफ और...

जयंतीः शहादत के बाद भी अंग्रेज सरकार थर्राती थी गेंदालाल से

देश की आजादी कई धाराओं, संगठन और व्यक्तियों की अथक कोशिशों और कुर्बानियों का नतीजा है। गुलाम भारत में महात्मा गांधी के अंहिसक आंदोलन के अलावा एक क्रांतिकारी धारा भी थी, जिससे जुड़े क्रांतिकारियों को लगता था कि अंग्रेज...

जयंती पर विशेष: हर तरह का पाखंड बना देवताले की कलम का निशाना

हिंदी साहित्य में साठ के दशक में नई कविता का जो आंदोलन चला, चंद्रकांत देवताले इस आंदोलन के एक प्रमुख कवि थे। गजानन माधव मुक्तिबोध, नागार्जुन, शमशेर बहादुर सिंह, केदारनाथ अग्रवाल जैसे कवियों की परंपरा से वे आते थे।...

जयंतीः किसान आंदोलन से देश निर्माण की बड़ी भूमिका तक पहुंचे थे सरदार पटेल

आज हम जिस भारत को देखते हैं, उसका तसव्वुर शायद ही सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम के बिना पूरा हो। सरदार पटेल ही वे शख्सियत थे, जिन्होंने हमारे देश के छोटे-छोटे रजवाड़ों और राजघरानों को एक कर भारत...

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ईवीएम से ही होगा मतदान, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की वीवीपेट पर्चियों के मिलान पर सभी याचिकाएं

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों की वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपेट) पर्चियों...