Saturday, April 27, 2024

भूपेश पंत

बेशर्म सत्ता और लाचारी का इवेंट!

बेशर्म होना आसान नहीं होता। उसके लिये बड़ी साधना की ज़रूरत होती है। इसके लिये समय रहते सिर्फ़ आँखों की शर्म ही नहीं मारनी पड़ती क्योंकि ये तो बड़ा नेता, सेठ, अफसर, भक्त आदि होने की मूलभूत शर्त है...

प्राचीन भारत का नया भविष्य!

पिछले छह सालों में जबकि साबित किया जा चुका है कि आधुनिक पढ़ाई लिखाई और उच्च शिक्षा का तर्कशीलता, बुद्धि, विवेक और इंसानियत से कोई सीधा संबंध नहीं है तो हमें इस बात पर सहज गंभीरता से विचार करना...

राम (लला) राज में धोबियों की नहीं, गधों की होगी सुनवाई!

कलयुग के ज़मीनी विवाद की पुरातात्विक खुदाई से देश में त्रेता युग के बाल कांड का प्रारंभ हुआ है। सरकार अब प्रभु के बाल चरित्र अवतार की ओर से धर्म और सत्ता का एक साथ पालन करेगी। इसके लिये सत्ता के सबसे...

गांधी को कौन मार सकता है!

देश को ब्रिटिश हुकूमत के पंजों से आज़ाद कराने के लिये सत्याग्रह, अहिंसा और असहयोग पर आधारित जनांदोलन की शुरुआत करने वाले महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर देश ही नहीं पूरा विश्व उन्हें याद कर रहा है। अंग्रेजी सत्ता...

क्योंकि मुझे बचपन से खतरों से खेलने की आदत है!

जंगल की कोई याद बताइये? अरे मैं तो जंगल में ही पला बढ़ा हूं। मुझे शुरू से ही चुनौती पसंद है अगर वो मेरे एजेंडे के मुताबिक हो। जब मैं बचपन में छोटा था तो किसी ने मुझसे कहा था कि जंगल...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...