Author: मीना राय

  • इलाहाबाद से प्रयागराज: नाम ही नहीं, पूरा शहर बदल गया है!

    इलाहाबाद से प्रयागराज: नाम ही नहीं, पूरा शहर बदल गया है!

    1977 में हम इलाहाबाद आए। तब से लेकर आज तक इलाहाबाद में बहुत बदलाव देखे। तब यह शहर फल, फूल और बगीचों का शहर था। अमूमन एक मंजिले, दो मंजिले मकानों का शहर। तिमंजिले मकान थे लेकिन बहुत कम। शहर के सड़क-चौराहे पहले भी चौड़े थे आज उनमें से कुछ और चौड़े हो गये हैं…