Author: प्रेम सिंह
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उनके राम और अपने राम
संघ संप्रदाय अपनी यह घोषणा दोहराता रहता है कि अयोध्या में जल्दी ही श्रीराम का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। बीच-बीच में यह खबर भी आती रहती है कि अयोध्या के बाहर मंदिर के लिए पत्थर तराशने का काम तेजी से चल रहा है। निर्माणाधीन मंदिर के मॉडल की पूरे देश में झांकी निकालने की योजना…
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असत्य, अंधविश्वास और घृणा बनाम सत्य, तर्क और प्रेम
सभ्यता के बारे में यह जाना-माना सच है कि दर्शन, अध्यात्म, धर्म, विज्ञान, कला, साहित्य, अध्ययन-मनन के अन्य विविध शास्त्र, स्वतंत्र अध्ययन-मनन आदि में गहरे डूबा व्यक्ति हमेशा कम बातें करता है। गांधी की अवधारणा लें तो राजनीति के बारे में भी यह सच माना जा सकता है। (भारत का स्वतंत्रता आंदोलन इस मायने में…
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संघर्ष और समाधान: गांधीवादी परिप्रेक्ष्य
(यह लेख डीएवी महिला कॉलेज, यमुना नगर, हरियाणा में ‘संघर्ष और समाधान: गांधीवादी परिप्रेक्ष्य’ (Conflict and Conflict Resolution : A Gandhian Perspective) विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बीज भाषण (Key-note Address) के रूप में पढ़ा गया था। अमेरिका में अश्वेत युवक जॉर्ज फ्लायड की पुलिस हिरासत में हुई मौत के विरोध में अमेरिका और यूरोप…
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कोरोना काल: मज़दूर चेतना को नई ऊँचाई पर ले जाने का समय
तालाबंदी के डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी देश-व्यापी स्तर पर मेहनतकश मजदूरों की दुर्दशा का सिलसिला थमा नहीं है। हर दिन भूख, जिल्लत और अपने ही देश में बेगानेपन का दंश झेलते मजदूरों के हुजूम-दर-हुजूम चारों तरफ दिखाई दे रहे हैं। गौर कर सकते हैं कि वे लगभग सभी युवा स्त्री-पुरुष हैं; उनके…
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कोरोना महामारी : अमीर इंडिया बनाम गरीब भारत
भारत में बीसवीं सदी का अंतिम दशक ख़त्म होते-होते समस्त मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों, मंचों और माध्यमों से गरीबी की चर्चा समाप्त हो गई। देश की शासक जमात के बीच यह तय माना गया कि अब देश में गरीबी नहीं रही/नहीं रहेगी। जो गरीबी इधर/उधर दिखाई देती है वह गरीबों की अपनी वजह से है;…
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दिल्ली चुनाव : साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की परतें
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान का दिन (8 फ़रवरी 2020) आ गया है। भाजपा ने अपने चुनाव अभियान में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण और कांग्रेस को कोसने की रणनीति बदस्तूर जारी रखी है। हालांकि पब्लिक डोमेन में और भाजपा-विरोधी बुद्धिजीवियों की ओर से साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की चर्चा पर ही जोर बना रहा। कांग्रेस के बारे…
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फोर्ड फाउंडेशन के बच्चों का राजनीतिक आख्यान
पिछले दिनों ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित एक खबर पर नज़र गई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दावा छपा था कि उन्होंने राजनीति का आख्यान (नैरेटिव) बदल दिया है। पिछली सदी के अंतिम दशकों में जब इतिहास से लेकर विचारधारा तक के अंत की घोषणा हुई थी तो उसका अर्थ था कि नवउदारवाद के रूप…