एक भाजपा का नेता था
वह गुजरात का था
वह नरेंद्र मोदी की गुजरात सरकार में मंत्री था
उसका नाम हरेन पंडया था
जब गुजरात में दंगे हुए
तो उस मंत्री ने एक मुसलमान की जान बचाने में मदद करी थी
बाद में उस मंत्री ने एक जांच दल को बताया था कि मोदी ने ही अधिकारियों की मीटिंग करी थी और उनसे कहा था कि मुसलमानों को बचाने की ज़रूरत नहीं है
बाद में मोदी अपने ही मंत्री हरेन को निकाल दिएफिर अगले चुनाव में मोदी ने हरेन को चुनाव लड़ने के लिए भाजपा का टिकट भी नहीं दिया
हांलाकि जेटली और अडवाणी ने मोदी से कहा कि हरेन को टिकट दो लेकिन मोदी ने बात नहीं मानी
कुछ महीने बाद हरेन की लाश उसकी गाड़ी में मिली
हरेन की हत्या से पहले पुलिस ने उस जगह खड़े होकर सामान बेचने वाले लोगों को हटा दिया था
पुलिस अगर हत्या वाली जगह को पहले से खाली करवा रही हो
तो हत्या करने वाला सरकार में बैठा होगा
हरेन को गोली मारी गई थी
लेकिन गाड़ी में खून की एक भी बूंद नहीं थी
गाड़ी में कोई गोली भी नहीं मिली
साफ़ था हरेन को कहीं और मार कर गाड़ी में लाकर लाश को बैठा दिया गया गया था
पुलिस ने हरेन को मारने के इल्ज़ाम में कुछ मुसलमानों को जेल में डाल दिया
ज़िला अदालत ने उन मुसलमानों को सज़ा भी सुना दी
लेकिन हाईकोर्ट ने सभी मुसलमानों को बेक़सूर मानते हुए बरी कर दिया
पुलिस के पास इन मुसलमानों के खिलाफ कोई सबूत नहीं था
फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट में आया
सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच ने फैसला दिया कि इन मुसलमानों ने ही हरेन को मारा था
इन दो जजों में से एक थे अरुण मिश्रा
इसी अरुण मिश्रा ने जस्टिस लोया की मौत का मुकदमा सुप्रीम कोर्ट से खारिज कर दिया था
इसी जज अरुण मिश्रा को मुख्य जज दीपक मिश्रा सरकार के फंसने वाले सारे मुकदमें देते थे
जिनमें अरुण मिश्रा सरकार को बचा देते थे
इसी जज अरुण मिश्रा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस करी थी
तो हरेन पंडया की हत्या में उन मुसलमानों को सज़ा देने वाले एक तो यही बदनाम अरुण मिश्रा थे
हरेन पंड्या हत्या मामले में निर्दोष मुसलमानों के खिलाफ अरुण मिश्रा के साथ यह फैसला देने वाले जज हैं विनीत शरण
तो विनीत शरण की जनम पत्री भी सुन लीजिये
विनीत शरण के पिता एबी शरण इलाहबाद हाईकोर्ट में वकील थे
विनीत शरण ने अपनी वकालत अपने पिता के जूनियर के रूप में शुरू करी थी
जज विनीत शरण के पिता एबी शरण इलाहाबाद के विश्व हिन्दू परिषद् के चीफ थे
लेखिका मंजरी काटजू ने सन 2010 में एक किताब लिखी थी जिसका नाम था ‘विश्व हिन्दू परिषद एंड इंडियन पालिटिक्स’
इस किताब में लेखिका मंजरी काटजू ने बाकायदा एबी शरण का इंटरव्यू छापा था
इस इंटरव्यू में एबी शरण ने कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद लोगों ने आरएसएस से दूरी बना ली थी और अपने बच्चों को उसमें भेजना बंद कर दिया था इसलिए अब आरएसएस ने विश्व हिन्दू परिषद बनाई है
जज विनीत शरण ने तीन और अन्य जजों के साथ मिलकर इलाहबाद के एक बंगाली परिवार की ज़मीन हड़प ली थी
इलाहबाद हाईकोर्ट के जज एपी साही ने जज विनीत शरण के खिलाफ फैसला भी दे दिया था
लेकिन जल्दी ही हाईकोर्ट ने जज के खिलाफ यह फैसला वापस ले लिया और फैसला देने वाले जस्टिस साही का तबादला भी कर दिया
जज विनीत शरण का तबादला भी कर्नाटक कर दिया गया
कुछ समय बाद जज विनीत शरण को ओडिशा का मुख्य जस्टिस बना दिया गया
ओडिशा में जज विनीत शरण ने अडानी के पक्ष में कई फैसले दिए और समुद्र का तट अडानी को सौंप दिया
इलाहाबाद के उस बंगाली पीड़ित परिवार ने राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री को लिखा और सर्वोच्च न्यायलय में अपील करी
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस विनीत शरण के खिलाफ मुकदमा सुने बिना ही पहली सुनवाई में खारिज कर दिया
सन 2018 में विनीत शरण को सर्वोच्च न्यायलय का जज बनाया गया
इसी जज विनीत शरण ने जज अरुण मिश्रा के साथ मिलकर मंत्री हरेन पंडया की हत्या के मामले में बरी हो चुके मुसलमानों को सज़ा सुना दी और सत्ता में बैठे असली कातिलों को बचा लिया
(हिमांशु कुमार गांधीवादी कार्यकर्ता हैं और आजकल हिमाचल प्रदेश में रहते हैं।)
(नोट: लेख में दिए गए विचार लेखक के निजी हैं। उसके लिए जनचौक किसी भी रूप में जिम्मेदार नहीं होगा।)