Thursday, March 28, 2024

जमशेदपुर में भ्रम : रघुवर या सरयू – मोदी ने किनके लिए मांगे वोट!

जमशेदपुर की रैली में मंगलवार को नरेंद्र मोदी के दो बयानों ने बीजेपी समर्थक मतदाताओं को भ्रम में डाल दिया है। एक बयान है- मोदी वहीं है जहां कमल है। जमशेदपुर पूर्व में बीजेपी प्रत्याशी और मुख्यमंत्री रघुवर दास का चुनाव चिन्ह कमल है और इसलिए यह बयान स्पष्ट रूप से उनके पक्ष में माना जा रहा है। मगर, दूसरे बयान ने वोटरों को उलझा दिया है। नरेंद्र मोदी का दूसरा बयान है- “जो भाजपा के साथ है उसके साथ मोदी है।“ भाजपा में जमशेदपुर पश्चिम से बीजेपी विधायक सरयू राय भी हैं जो मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव मैदान में खड़े हैं। सवाल ये है कि क्या नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया है कि वह सरयू राय के साथ हैं?

“जो भाजपा के साथ उसके साथ मोदी” : सरयू भी हैं बीजेपी नेता

नरेंद्र मोदी ने जमशेदपुर में अपने भाषण में कहा- “मोदी वहीं है जहां कमल है।” दुनिया जानती है कि जहां कमल हैं वही मोदी हैं। इसमें नया क्या है! बीजेपी के स्टार प्रचारक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बात कहने की आवश्यकता क्यों हुई? यह प्रश्न हर उस मन में कौंध रहा है जो जमशेदपुर की चुनावी परिस्थिति से नावाकिफ हैं। मगर, जो जमशेदपुर के सियासी तापमान को समझ रहे हैं उन्हें भी नरेंद्र मोदी के जमशेदपुर में ही दिए गये एक और बयान ने भ्रम में डाल दिया है। इस बयान में नरेंद्र मोदी ने कहा है – “जो भाजपा के साथ है उसके साथ मोदी है।“

‘कमल’ है रघुवर दास के पास

जमशेदपुर शहर में दो विधानसभा क्षेत्र हैं- जमशेदपुर पूर्व और जमशेदपुर पश्चिम। जमशेदपुर पश्चिम से बीजेपी के विधायक हैं सरयू राय। मगर, यही सरयू राय जमशेदपुर पूर्व में मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव मैदान में भी खड़े हैं। हाल ये है कि बीजेपी के दो-दो नेता जमशेदपुर पूर्व में उम्मीदवार हैं। रघुवर दास के पास पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल है, जबकि सरयू राय के पास कमल नहीं है। उनका चुनाव चिन्ह है गैस सिलेंडर। पर सच्चाई यही है कि सरयू राय भी भाजपा में हैं और रघुवर दास भी। ऐसे में नरेंद्र मोदी के इस बयान से बीजेपी कार्यकर्ता असमंजस में पड़ गये हैं- जो भाजपा के साथ है उसके साथ मोदी है। अगर ऐसा है तो क्या मोदी सरयू राय के साथ हैं? इस हिसाब से मोदी रघुवर दास के साथ तो हैं ही।

सरयू राय अब भी बीजेपी नेता

जमशेदपुर में बीजेपी के कार्यकर्ताओँ में एक भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी है। सरयू राय अब भी बीजेपी के नेता हैं। उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा नहीं दिया है। इसी तरह उन्हें बीजेपी ने पार्टी से निकाला भी नहीं है। जाहिर है बीजेपी के कार्यकर्ता समझ नहीं पा रहे हैं कि रघुवर दास और सरयू राय में किसे वोट करें। रघुवर दास मुख्य मंत्री हैं। राज्य में बीजेपी का चेहरा हैं। वहीं, सरयू राय भी नरेंद्र मोदी के नजदीकी रहे हैं। आरएसएस से गहरा नाता रहा है उनका। इस पृष्ठभूमि में एक बार फिर से नरेंद्र मोदी की बिष्टुपुर रैली में कहे गये शब्दों पर गौर करें- “मोदी वहीं है जहां कमल है।” नरेंद्र मोदी के दो बयानों में कौन जुमला है यह तो वक्त बताएगा, लेकिन अपने-अपने हिसाब से बीजेपी के कार्यकर्ता नरेंद्र मोदी के दोनों बयानों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

एनडीए के घटक दल भी सरयू राय के साथ

सरयू राय को एनडीए के घटक दलों का भी समर्थन है। जेडीयू, लोकजनशक्ति पार्टी ने बीजेपी उम्मीदवार के बजाए बीजेपी के बागी उम्मीदवार सरयू राय को समर्थन देने की घोषणा की है। सरयू राय के लिए बीजेपी के सांसद निशिकान्त दुबे भी फेसबुक पोस्ट कर समर्थन दिखा रहे हैं। वहीं आरएसएस से संबंद्ध रहने की वजह से भी उन्हें अंदरखाने बीजेपी के लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। जानने वाले बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ से भी सरयू राय के समर्थन में बीजेपी कार्यकर्ता जमशेदपुर में कैम्प कर रहे हैं। इतना ही नहीं, जमशेदपुर पश्चिमी जहां से सरयू राय विधायक हैं, से भी बीजेपी के कार्यकर्ता उनका समर्थन करने जमशेदपुर पूर्व में आ धमके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के भी सरयू राय का समर्थन करने की भी ख़बर है। इन ख़बरों का कोई खंडन भी नहीं कर रहा है।

(प्रेम कुमार वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल विभिन्न न्यूज चैनलों के पैनल में उन्हें बहस करते देखा जा सकता है।)

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