Friday, April 19, 2024

विवाद बढ़ने पर यूपी सरकार ने चीफ जस्टिस के बेटे सहित 4 वकीलों का पैनल रद्द किया

उत्तर प्रदेश सरकार ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस यूयू ललित के बेटे श्रीयश यू ललित सहित चार अधिवक्ताओं को सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के लिए सीनियर एडवोकेट में नियुक्त किया था। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के बेटे को राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट पैनल में नियुक्त किए जाने को लेकर तमाम तरह के उठे सवाल और विवाद के बाद नियुक्ति रद्द कर दी गई है।

दरअसल, कुछ दिनों पहले 21 सितंबर को ही उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से प्रभावी पैरवी करने के लिए सीनियर एडवोकेट पैनल में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस यूयू ललित के बेटे श्रीयश यू ललित को नियुक्त किया था। इसके साथ ही पूर्व अपर महाधिवक्ता विनोद कांत के बेटे यशार्थ कांत, नमित सक्सेना और प्रीति गोयल को भी एडवोकेट पैनल में शामिल किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के बेटे को ही राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में प्रभावी पैरवी करने के लिए सीनियर एडवोकेट पैनल में नियुक्त किए जाने को लेकर तमाम तरह का विवाद सामने आया और इसको लेकर सवाल भी खड़े किए गए, जिसके बाद राज्य सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट पैनल में शामिल किए गए चारों अधिवक्ताओं की नियुक्ति रद्द कर दी गई है।

दरअसल एल आर मैनुअल के अनुसार केवल 5 साल की वकालत पर ब्रीफ होल्डर नियुक्त करने का प्रावधान है जबकि मुख्य न्यायाधीश के बेटे को 5 साल की वकालत के बावजूद सुप्रीमकोर्ट में पैरवी के लिए वरिष्ठ वकीलों के पैनल में नामांकित किया गया था। उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से सोमवार की रात चारों अधिवक्ताओं की नियुक्ति को अग्रिम आदेशों तक स्थगित रखे जाने का आदेश जारी किया गया है।

इसके पहले शनिवार को योगी सरकार में विशेष सचिव निकुंज मित्तल की ओर से अधिसूचना जारी कर इसकी सूचना दी गई भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस उदय उमेश ललित के बेटे श्रीयश यू. ललित को उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना सरकारी वकील नियुक्त किया है। वे यूपी सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में राज्य का पक्ष रखने के लिए नियुक्त किए गए वरिष्ठ अधिवक्ताओं के पैनल में शामिल हैं।

गौरतलब है कि पूर्व सीजेआई एनवी रमना की सेवानिवृत्ति के बाद हाल ही में जस्टिस यूयू ललित ने सीजेआई के तौर पर पद संभाला है। वे इस पद पर केवल 74 दिन रहेंगे और आठ नवंबर को 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे। यूयू ललित के परिवार की चार पीढ़ियां न्यायपालिका से जुड़ी हुई हैं। श्रीयश की पत्नी भी वकील हैं।

अब माननीय जजों के पाल्यों(पुत्र पुत्रियों )की वकालत कैसे फलती फूलती है इसका उदाहरण चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस यूयू ललित के बेटे श्रीयश यू ललित को यूपी सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में राज्य का पक्ष रखने के लिए नियुक्त किए गए वरिष्ठ अधिवक्ताओं के पैनल में शामिल किये जाने से समझा जा सकता है, जबकि उनकी प्रैक्टिस की अवधि मात्र 5 साल है।

एक उदाहरण और है

IN THE COURT OF RAJINDER PAL SINGH, (UID CODE NO. HR0150), ADDITIONAL SESSIONS JUDGE, YAMUNA NAGAR ATJAGADHRI.

Bail Application No.: BA-1905-2022.CNR No.: HRYN01-007381-2022.Date of Institution: 15.09.2022.Date of Decision: 19.09.2022.

Rajan Sondhi, aged 32 years, son of Shri Tarvinder Sondhi, resident of House No.52/75A, Thapar Colony, Near MLN College, Jagadhri, Yamuna Nagar-135001.

….Applicant-accused.

Versus

State through Directorate of Revenue Intelligence.

…..Respondent.

File No. DRI/DZU/34/ENQ-14/2022.Under Sections: 9, 25, 25(A), 27(A), 28 & 29 of NDPS Act.

Application under section 439 Cr. P. C. for the grant of regular bail. …..

Argued by: S/Shri Shreeyash U. Lalit and Parvinder Kashyap, Advocates for applicant-accused.

S/Shri Amit Kumar, Intelligence Officer, DRI, Vikesh Kumar Singh, Intelligence Officer, DRI, Gagan Vashwani, Advocate, Ajay Shakti, Advocate and Aman Kaushik, Public Prosecutor for respondent/State.

अगस्त 22 में डीआरआई की एक टीम ने यमुनानगर की एक फैक्ट्री से 661.75 किलोग्राम इफेड्रिन गीले रूप में जब्त किया, जिसका बाजार मूल्य ₹132.35 करोड़ और उसी दवा का कच्चा माल ₹53 लाख मूल्य का था। यमुनानगर के रादौर के बापोली गांव में सील की गई फैक्ट्री जहां डीआरआई की टीम ने गीले रूप में 661.75 किलोग्राम इफेड्रिन और उसी दवा का कच्चा माल जब्त किया। टीम ने कुरुक्षेत्र के लाडवा के एक होटल से दो लोगों को गिरफ्तार किया। डीआरआई ने दावा किया कि दोनों मुंबई के रासायनिक व्यापारी हैं, जिन्हें यमुनानगर की एक अदालत में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। 

इनकी जमानत याचिका में अन्य वकीलों के अलावा चीफ जस्टिस यूयू ललित के बेटे श्रीयश यू ललित यमुना नगर के अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश होकर बहस की थी पर अपर सत्र न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी किए बिना, मैं आवेदक-अभियुक्त को नियमित जमानत की रियायत देना उचित नहीं समझता। अतः वर्तमान जमानत अर्जी खारिज की जाती है। फ़ाइल को मुख्य कागजात के साथ टैग किया जाना चाहिए।

कुरुक्षेत्र के लाडवा के एक होटल से गिरफ्तार किए गए इन दोनों का नाम क्रमश: 51 वर्षीय मोहम्मद आजम और 53 वर्षीय वफादार गजानफर हुसैन था। डीआरआई ने दावा किया कि दोनों मुंबई के रासायनिक व्यापारी हैं, जिन्हें यमुनानगर की एक अदालत में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

विभाग ने अदालत को बताया कि दोनों ने लखनऊ के राजू उर्फ संतोष सिंह और बापोली गांव में मेसर्स श्री मुरलीधर इंडस्ट्रीज के चार साझेदारों मोहित साहनी, श्यामलाल गोयल, विजय शर्मा और राजन सोंधी के साथ मिलकर इकाई में एफेड्रिन की साजिश रची थी।

डीआरआई ने अदालत को बताया कि एफेड्रिन नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (नियंत्रित पदार्थों का विनियमन) आदेश, 2013 की अनुसूची ए के तहत सूचीबद्ध एक नियंत्रित पदार्थ है, और नियंत्रित पदार्थों के निर्माण, व्यापार, बिक्री, भंडारण और कब्जे के लिए सूचीबद्ध है। आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र, विनिर्माण लाइसेंस या प्रमाण पत्र, उपलब्ध नहीं हैं जो एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक से अनिवार्य हैं। इसलिए, ऐसा प्रतीत होता है कि उपरोक्त नामित व्यक्तियों ने एनडीपीएस अधिनियम की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन किया है।

ड्रग्स से सम्बन्धित सुप्रीम कोर्ट का भी एक आदेश सोमवार को पारित हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने ड्रग माफिया पर स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका पर केंद्र से जवाब माँगा है और एमिक्स क्यूरी नियुक्त किया है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यू.यू. ललित, जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने देश में ड्रग माफिया के संबंध में तत्कालीन सीजेआई एनवी रमाना को भेजी गई पत्र याचिका के आधार पर दायर की गई याचिका में एडवोकेट शोएब आलम को एमिक्स क्यूरी नियुक्त किया।

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि सीजेआई के समक्ष 17नवम्बर 2021 को रखे गए कार्यालय नोट को माननीय सीजेआई के निर्देशों के तहत स्वत: रिट याचिका में परिवर्तित कर दिया गया। स्थिति की गंभीरता और इस अदालत के समक्ष रखी गई सामग्री को ध्यान में रखते हुए हम शोएब आलम से एमिक्स क्यूरी के रूप में अदालत की सहायता करने का अनुरोध करते हैं। इस प्रस्ताव को उन्होंने विनम्रतापूर्वक स्वीकार कर लिया है। इस स्तर पर हम केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हैं। हम ऐश्वर्या भाटी, एएसजी को भी नोटिस जारी करते हैं। मामले को 18 अक्टूबर को सूचीबद्ध करें।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

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