Saturday, April 20, 2024

विपक्ष की गोलबंदी तेज; राहुल, पवार और फारूक से मिले नायडू, कहा- पहले की बातों को भूलने का समय

चरण सिंह

नईदिल्ली।विधानसभाचुनावोंऔर 2019 केलोकसभाचुनावकोलेकरविपक्षकीगोलबंदीतेजहोगईहै।टीडीपीनेताऔरआंध्रप्रदेशकेमुख्यमंत्रीचंद्रबाबूनायडूनेआजनईदिल्लीमेंआकर कांग्रेसअध्यक्षराहुलगांधी, एनसीपीअध्यक्षशरदपवारऔरनेशनलकांफ्रेंसकेफारूकअब्दुल्लासेअलग-अलग मुलाकातकी।राहुलगांधीसे मुलाकातकेबादपत्रकारोंसे रूबरूनायडूनेकहाकिहमदोनोंकेबीचलोकतंत्रबचानेकोलेकरचर्चाहुईहै।

उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने के लिए हम लोग साथ आए हैं। इस मौके पर उन्होंने दूसरे दलों से भी इस मुहिम से जुड़ने की अपील की। चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि इस समय आरबीआई, सीबीआई, इनकम टैक्स यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट और गवर्नर भी आजादी से काम नहीं कर पा रहे हैं। हमारा उद्देश्य ‘सेव नेशन, सेव डेमोक्रेसी’ है। ‘हम लोग साथ मिलकर काम करेंगे। देश को बचाने के लिए हमें पूर्व की बातों को भूलना होगा। अब हमारा साथ आना लोकतंत्र के लिए जरूरी हो गया है।’ 

दूसरी तरफ राहुल गांधी ने कहा कि हमारी मीटिंग काफी अच्छी रही। हमारी मुलाकात का मूल यह है कि हमें लोकतंत्र और देश के भविष्य को बचाना है। इसलिए हम लोग मिलकर साथ काम करेंगे। उनका कहना था कि सभी विपक्षी ताकतों को एक साथ मिलकर काम करना होगा।

जब पत्रकारों ने राहुल गांधी से विपक्षी दलों के पीएम उम्मीदवार के बारे में पूछा तो राहुल ने कहा कि  ‘आपका ध्यान सेंसेशन पर है और हमारा ध्यान नेशन पर। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि आप भी कुछ समय के लिए नेशन फर्स्ट सोचें।’ राहुल गांधी ने राफेल को लेकर भाजपा पर हमला बोला। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ‘राफेल को लेकर साफ है कि इसमें करप्शन हुआ है। जांच होने पर साफ हो जाएगा कि इसमें किसका हाथ था।’ उनका कहना था कि हम लोग भ्रष्टाचार, रोजगार, किसान, राफेल में हुई धांधली और संवैधानिक संस्थाओं को खत्म करने के मुद्दे को लेकर चुनाव में उतरेंगे।

राहुल गांधी की मुलाकात से पहले चंद्रबाबू नायडू ने शरद पवार और फारूक अब्दुल्ला के साथ भी मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद नायडू ने कहा कि ‘हमने दिल्ली में मिलने का फैसला किया ताकि देश के भविष्य को बचाने के लिए योजना बनाई जा सके।’ नायडू ने कहा कि टीडीपी ने इस साल एनडीए से अपना नाता तोड़ लिया था। हमने यह इसलिए किया क्योंकि केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया। उम्मीद जताई जा रही है कि नायडू माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी से भी मुलाकात कर सकते हैं।

ज्ञात हो कि मानसूत्र सत्र में टीडीपी ने अपनी घोर विरोधी वाईएसआर कांग्रेस से मिलकर केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन दिया था। दरअसल दिसंबर में तेलंगाना में विधानसभा के लिए वोट पड़ रहे हैं। राज्य की सत्ताधारी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति को हराने के लिए टीडीपी और कांग्रेस पहले ही एक साथ आ चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के लिए भी दोनों हाथ मिला सकते हैं। ऐसे में राज्य के साथ ही केंद्र में भी नायडू की अहमियत बढ़ने के आसार बन गए हैं।

 

चंद्रबाबू नायडू की इन मुलाकातों के बाद विपक्ष की गोलबंदी मजबूत होती दिख रही है। जिस तरह से राफेल, सीबीआई और अब रिजर्व बैंक मामले में केंद्र सरकार की फजीहत हो रही है और राहुल गांधी का कद लगातार बढ़ रहा है। उससे कांग्रेस को कम आंकने वाली बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी उससे बातचीत करने के लिए मजबूर हो सकते हैं।

गत दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सोनिया गांधी से मिली थीं। वैसे भी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बढ़त बनाने की बातें सामने आ रही हैं। कर्नाटक में पहले ही जद (एस) और कांग्रेस मिलकर सरकार चला रही हैं। भले ही विधानसभा चुनाव में अरविन्द केजरीवाल ने कांग्रेस से दूरियां बनायी हो पर जब लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस के साथ विपक्ष की मजबूत लामबंदी देखेंगे तो महागठबंधन का हिस्सा बनने से पीछे नहीं हटेंगे।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।

ग्राउंड रिपोर्ट: रोजी-रोटी, भूख, सड़क और बिजली-पानी राजनांदगांव के अहम मुद्दे, भूपेश बघेल पड़ रहे हैं बीजेपी प्रत्याशी पर भारी

राजनांदगांव की लोकसभा सीट पर 2024 के चुनाव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और वर्तमान सांसद संतोष पांडेय के बीच मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है। मतदाता सड़क, पानी, स्वास्थ्य, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को प्रमुखता दे रहे हैं, जबकि युवा बेरोजगारी और रोजगार वादों की असफलता से नाराज हैं। ग्रामीण विकासपरक कार्यों के अभाव पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

वामपंथी हिंसा बनाम राजकीय हिंसा

सुरक्षाबलों ने बस्तर में 29 माओवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया है। चुनाव से पहले हुई इस घटना में एक जवान घायल हुआ। इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी वोटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं और हमले करते रहे हैं। सरकार आदिवासी समूहों पर माओवादी का लेबल लगा उन पर अत्याचार कर रही है।

Related Articles

अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।

ग्राउंड रिपोर्ट: रोजी-रोटी, भूख, सड़क और बिजली-पानी राजनांदगांव के अहम मुद्दे, भूपेश बघेल पड़ रहे हैं बीजेपी प्रत्याशी पर भारी

राजनांदगांव की लोकसभा सीट पर 2024 के चुनाव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और वर्तमान सांसद संतोष पांडेय के बीच मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है। मतदाता सड़क, पानी, स्वास्थ्य, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को प्रमुखता दे रहे हैं, जबकि युवा बेरोजगारी और रोजगार वादों की असफलता से नाराज हैं। ग्रामीण विकासपरक कार्यों के अभाव पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

वामपंथी हिंसा बनाम राजकीय हिंसा

सुरक्षाबलों ने बस्तर में 29 माओवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया है। चुनाव से पहले हुई इस घटना में एक जवान घायल हुआ। इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी वोटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं और हमले करते रहे हैं। सरकार आदिवासी समूहों पर माओवादी का लेबल लगा उन पर अत्याचार कर रही है।