उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव में करोड़पति और आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशी ज्यादा पसंद आये

उत्तराखण्ड को आज सरकार से ज्यादा प्रदेश का राजनीतिक माहौल बदलने की जरूरत है। क्योंकि पहले तो लोगों की मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था के प्रति रुचि घट रही है। मौजूदा विधानसभा के सदस्यों ने कुल मतदाताओं के 31 प्रतिशत का ही समर्थन हासिल किया है। इसी अल्प जनमत से सरकार भी बनी है भले ही सरकार को 47 विधायकों का प्रचण्ड बहुमत हासिल क्यों न हो। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदेश की जनता को स्वच्छ छवि के नेताओं के बजाय आपराधिक पृष्ठभूमि के नेता और करोड़पति रास आ रहे हैं।

एसोसियेशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) की ताजा अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड विधानसभा के 2022 के चुनाव में सभी विधायकों ने कुल पंजीकृत मतदाताओं के 31 प्रतिशत की औसत से जीत हासिल की। इसका तात्पर्य यह है कि विधायक कुल मतदाताओं के 31 प्रतिशत औसत का प्रतिनिधित्व करते हैं। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में विधायकों ने कुल पंजीकृत मतों के 31 प्रतिशत की औसत से जीत हासिल की थी।

इस चुनाव में 5 विधायकों ने 1000 से कम मतों के अंतर से जीत हासिल की है। 4 विधायकों ने 25 प्रतिशत से अधिक अंतर के साथ जीत हासिल की हैं। भाजपा के 47 में से 36 (77 प्रतिशत) विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में कुल पंजीकृत मतदाताओं के 35 प्रतिशत से कम वोटों से जीत हासिल की। कांग्रेस के 19 में से 12 (63 प्रतिशत) विधायकों, बसपा के 2 में से 2 (100 प्रतिशत) विधायकों और के 2 में से 2 (100 प्रतिशत) विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में कुल पंजीकृत मतदाताओं के 35 प्रतिशत से कम वोटों से जीत हासिल की।

हैरानी का विषय तो यह है कि 19 में से 10 आपराधिक मामले घोषित करने वाले विधायकों ने साफ छवि वाले प्रत्याशियों के विरूद्ध जीत हासिल की है। इन 10 में से 4 विधायकों ने 10 प्रतिशत से अधिक अंतर से जीत हासिल की है। इनमें से निर्वाचन क्षेत्र लैंसडाउन से भाजपा के दिलीप सिंह रावत ने 24 प्रतिशत के अंतर से जीत हासिल की। 19 में से 7 (37 प्रतिशत) आपराधिक मामले वाले विधायकों ने 50 प्रतिशत और इससे अधिक वोट शेयर के साथ जीत हासिल की है।

इस बार 58 में से 11 करोड़पति विधायकों ने कम आय वाले प्रत्याशियों के विरुद्ध जीत हासिल की है। इन 11 में से 6 विधायकों ने 10 प्रतिशत से अधिक अंतर से जीत हासिल की है। 58 में से 25 (43 प्रतिशत) करोड़पति विधायकों ने 50 प्रतिशत और इससे अधिक वोट शेयर के साथ जीत हासिल की है। इनमें से निर्वाचन क्षेत्र बागेश्वर से भाजपा के चंदन राम दास ने 16 प्रतिशत के अंतर से जीत हासिल की।

इस बार विधानसभा में महिलाओं का प्रतिशत अवश्य बढ़ा। कुल 70 विधायकों में से 8 महिला हैं। सभी महिला विधायकों ने 35 प्रतिशत से अधिक के अंतर से जीत हासिल की है। इन महिला विधायकों में से निर्वाचन क्षेत्र देहरादून कैंट से भाजपा की सविता कपूर ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में सबसे ज़्यादा, 59.2 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की। उन्होंने 33.7 प्रतिशत प्रतिनिधित्व और 27.2 प्रतिशत के अंतर के साथ जीत हासिल की है। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में विधायकों ने कुल मतदान के 48 प्रतिशत की औसत से जीत हासिल की। 2017 चुनाव में विधायकों ने कुल मतदान के 47 प्रतिशत की औसत से जीत हासिल की थी।

इस बार 32 (46 प्रतिशत) विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में मतदान किए गए कुल वोटों में से 50 प्रतिशत और इससे अधिक वोटों से जीत हासिल की। 38 (54 प्रतिशत) विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में मतदान किए गए कुल वोटों में से 50 प्रतिशत से कम वोटों से जीत हासिल की। 19 में से 7 (37 प्रतिशत) आपराधिक मामले वाले विधायकों ने 50 प्रतिशत और इससे अधिक वोट शेयर के साथ जीत हासिल की है।

(देहरादून से वरिष्ठ पत्रकरा जयसिंह रावत की रिपोर्ट।)

जयसिंह रावत
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