Friday, March 29, 2024

बंद के लिए गाइड लाइन! किसान नेता ने कहा– राजनीतिक दल अपना झंडा घर छोड़ कर आएं

मोदी सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार, 8 दिसंबर के भारत बंद को देशव्यापी समर्थन मिला है और यह सिलसिला लगातार जारी है। कल के बंद के बारे में बात करते हुए सिंघु बॉर्डर से किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि, जैसा पब्लिक सपोर्ट मिल रहा है चार घंटों के संपूर्ण बंद में सफलता की उम्मीद है। आम जनता ड्यूटी के लिए 10 बजे से पहले ऑफिस जा सकती है। जो जहां संभव हो वहां बंद करे, लोग अपना गांव अपनी सड़क के तहत NH पर बैठें। दुकानदार लंच के बाद दुकानें खोलें।

इस बीच एक और अहम सूचना यह है कि देश भर के 51 से ज्यादा ट्रांसपोर्टरों के बाद अब आजादपुर मंडी समेत दिल्ली की दूसरी मंडियों के व्यापारियों ने ‘भारत बंद’ का समर्थन करते हुए मंडी में व्यापार न करने का निर्णय लिया है। आजादपुर मंडी के प्रेसिडेंट आदिल अहमद ख़ान ने बताया कि, मंडी के सभी संगठनों ने निर्णय लिया है कि किसानों के समर्थन के लिए मंडी में अपना व्यापार बंद रखेंगे।

उधर पंजाब ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रमुख चरणजीत सिंह लोहारा ने कहा कि, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में 8 दिसंबर को चक्का जाम करने का फैसला किया है। परिवहन संघ, ट्रक यूनियन, टेंपो यूनियन सभी ने बंद को सफल बनाने का फैसला किया है। यह बंद पूरे भारत में होगा।

किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने कल के  भारत बंद के लिए राजनीतिक दलों द्वारा समर्थन दिए जाने के लिए सभी दलों को धन्यवाद देते हुए एक महत्वपूर्ण बात कही है। उन्होंने कहा, “भारत बंद हमारा शांतिपूर्ण आह्वान है, सबसे अपील है कि इसे ज़ोर-ज़बरदस्ती से न करें। राजनीतिक दलों ने जो हमारा समर्थन किया है उसके लिए उनका धन्यवाद, उनसे अपील है कि जब किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए आएं तो अपना झंडा घर छोड़कर आएं।” 

इस मौके पर किसान नेता निर्भय सिंह धुदीके ने कहा कि किसानों का आंदोलन केवल पंजाब तक सीमित नहीं है। कनाडा के प्रधानमंत्री सहित पूरी दुनिया से इस शांतिपूर्ण आन्दोलन को समर्थन मिल रहा है। 

आज ही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बदल ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख कर कहा कि, किसानों की समस्या को लेकर वे बहुत चिंतित हैं और उन्हें लगता है कि यदि सरकार किसानों के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करती तो यह समस्या अच्छी तरह सुलझ सकती थी। 

इधर आज दिन भर बीजेपी नेता कृषि आंदोलन और मंगलवार के ‘भारत बंद’ को लेकर बयान देते रहे। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने तो कल के बंद को लेकर चेतावनी तक दे डाली। शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि, किसान आंदोलन की आड़ में ऐसे तत्व जो हमारे देश में अराजकता जैसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं, हम उन पर भी नजर रखेंगे उनको नहीं छोड़ेंगे।

वहीं किसानों के समर्थन में जिन लोगों ने अपने अवार्ड वापस किये उन पर टिप्पणी करते हुए मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री ने कहा कि “पहले भी अवार्ड वापस हुए थे। ये जितने भी अवार्डी हैं उन्हें अवार्ड कैसे मिले हैं? भारत माता को गाली दो, देश के टुकड़े करो। ये तथाकथित बुद्धिजीवी, तथाकथित अवार्डी ये देशभक्त नहीं हैं!”

वहीं समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, आज हरियाणा से 20 किसानों के एक दल ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद प्रगतिशील किसान क्लब, सोनीपत के अध्यक्ष कंवल सिंह चौहान ने कहा-जो किसान प्रदर्शन कर रहे हैं उन्हें भ्रमित किया गया है। जबकि प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है कि एमएसपी और मंडी सिस्टम को समाप्त नहीं किया जायेगा। 

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपनी ने आज कहा कि गुजरात में किसानों और APMC की तरफ से भारत बंद को सपोर्ट नहीं है। गुजरात में ऐसी कोई स्थिति नहीं है। कल ये बंद सफल नहीं रहेगा। सरकार ने भी पूरी व्यवस्था की है कि बंद के नाम पर कोई हिंसक घटना न घटे।

तमिलनाडु के मंत्री डी जयकुमार ने कहा कि जो लोग बिना अनुमति के प्रदर्शन कर रहे हैं कानून उनके खिलाफ अपना काम करेगा।

बता दें कि सोमवार सुबह ही लखनऊ में किसान यात्रा के लिए निकले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सहित कई सपा नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

अखिलेश यादव ने एक वीडियो ट्वीट कर लिखा है कि सपा कार्यालय पर जिस तरह उप्र की भाजपा सरकार ने पुलिस बल का दुरुपयोग किया है, वो घोर निंदनीय है। अपने विरोध-प्रदर्शन के अधिकार की रक्षा करने वाले सपा के लोकतांत्रिक योद्धाओं की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है।

वहीं किसान आंदोलन पर लंबी ख़ामोशी को तोड़ते हुए आज सुबह बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी 8 दिसंबर के ‘भारत बंद’ का समर्थन किया है।

(पत्रकार नित्यानंद गायेन की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles