Wednesday, April 24, 2024

किसानों ने घेरा अंबानी का मुंबई स्थित कॉरपोरेट हेडक्वार्टर, केंद्र के पत्र पर कल होगा फैसला

नई दिल्ली/मुंबई। किसानों के आंदोलन की आग बढ़ती जा रही है। वह अब कारपोरेट के दामन तक पहुंच गयी है। आज मुंबई में हजारों की संख्या में किसानों ने उद्योगपित अंबानी के कॉरपोरेट दफ्तर को घेर लिया। तमाम संगठनों के किसानों ने अंबेडकर पार्क से बांद्रा-कुर्ला में स्थित अंबानी के दफ्तर तक मार्च निकाला। हालांकि वहां पहुंचने से पहले ही उन्हें रोक लिया गया। इस बीच, हरियाणा के किसानों ने 25-27 दिसंबर के बीच सूबे के सभी टोल प्लाजा को फ्री करने का फैसला लिया है। दूसरी तरफ किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के आये पत्र पर व्यापक विचार-विमर्श करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचने का फैसला लिया है। इसके लिए किसानों ने कल की तारीख तय की है।

आज सिंघु बॉर्डर पर 32 किसान संगठनों की बैठक हुई और उसमें ये तय किया गया कि केंद्र सरकार की चिट्ठी पर कल की बैठक में फैसला लिया जाएगा। प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ये जानकारी किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने दी। उन्होंने कहा कि हम किसान संगठन एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत कोई निर्णय लेते हैं। हम भाजपा की सरकार नहीं हैं। जहां कृषि मंत्री बैठक में बात करने आता है और उसे कुछ भी कहना होता है तो बैठक से ही फोन करके पूछता है कि क्या कहूं।  

साथ ही प्रेस कान्फ्रेंस में संधू ने जानकारी दी कि हरियाणा में 25 से 27 दिसंबर तक टोल फ्री किए जाएंगे। किसानों ने रविवार को ही ये ऐलान कर दिया था। प्रेस कान्फ्रेंस में आज इसकी पुष्टि की गई।

 आज किसान आंदोलन के 27 वें दिन सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों ने ब्लड डोनेशन कैम्प लगाकर खून दान किया। सिंघु बॉर्डर से किसानों का यह खून पंजाब के अस्पतालों को भेजा जा रहा है मरीज़ों के इस्तेमाल के लिए। इसके साथ ही किसानों ने अपने ख़ून से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तीनों किसान विरोधी कृषि क़ानूनों को वापस लेने की गुहार की है।

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वहीं दिल्ली से लगे गाज़ीपुर बॉर्डर को (दिल्ली-गाजियाबाद) आज पूरी तरह से ब्लाक कर दिया है, जिससे दिल्ली आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा किसान आंदोलन के चलते चिल्ला बॉर्डर (नोएडा-दिल्ली) भी बंद कर दिया गया। आज सुबह कुठार पुरानपुर यूपी गेट जा रही किसानों की कुछ ट्रैक्टर टॉलियां रोके जाने के बाद आंदोलनकारी किसानों ने आज सुबह दिल्ली-गाज़ियाबाद सीमा पर एनएच-9 पर बैठकर उसे ब्लॉक कर दिया। सुबह से ही एनएच-9 की दिल्ली-गाजियाबाद सीमा पर ट्रैक्टर टॉलियां लेकर जुटने लगे थे।  

बता दें कि किसान नेताओं ने कृषि मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र को लेकर सोमवार को कहा था कि अगर सरकार ‘ठोस समाधान’  पेश करती है तो वे हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन दावा किया कि वार्ता के लिए अगली तारीख के संबंध में केंद्र के पत्र में कुछ भी नया नहीं है। इससे पहले नौ दिसंबर को छठे चरण की वार्ता स्थगित कर दी गयी थी।

वहीं किसान संगठनों ने बिहार और दूसरे राज्यों को कृषि कानून के खिलाफ़ दिल्ली बॉर्डर पर हो रहे किसान आंदोलन से जुड़ने के लिये अपील किया है।

दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अपील करते हुए कहा गया कि कृषि क़ानूनों के खिलाफ़, एमएसपी की गारंटी के मुद्दे पर बिहार के किसान भाई किसान आंदोलन से जुड़ें क्योंकि एपीएमसी के विघटन का दुष्प्रभाव बिहार के किसान भोग रहे हैं।

किसान आंदोलन की अगली रणनीति के तहत 26 और 27 दिसंबर को किसान NDA में शामिल दलों के नेताओं से मिलकर उनसे अपील करेंगे कि वो सरकार पर दबाव डालें और तीनों कानून वापस करवाएं। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ भी प्रदर्शन शुरू किए जाएंगे। साथ ही अडानी-अंबानी का बायकॉट जारी रहेगा।

इनकम टैक्स के छापे के विरोध में बंद रहेंगी पंजाब की मंडियां

पंजाब में इनकम टैक्स विभाग द्वारा आढ़ती एसोसिएशन के प्रमुख के घर और दूसरे आढ़तियों के घर पर रेड के कारण शनिवार तक पूरे सप्ताह पूरे पंजाब की मंडियां बंद रखी जाएंगी। किसान आंदोलन को आर्थिक मदद देने के कारण आढ़तियों के खाते जांचे जा रहे हैं, इसको लेकर गुस्सा है। पंजाब में आढ़तियों ने कहा है कि विरोध स्वरूप हड़ताल करेंगे और कपास की मंडियों में आ रही फसल अब नहीं ख़रीदेंगे। आढ़तियों पर छापेमारी के विरोध में किसान इनकम टैक्स ऑफिसों के बाहर भी प्रदर्शन करेंगे।

अंबानी के कॉरपोरेट हाउस के सामने किसानों ने निकाला मार्च

महाराष्ट्र के विभिन्न संगठनों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिये आज मुंबई में ‘अंबानी कॉरपोरेट हाउस’ के बाहर मार्च आयोजित किया। किसान संगठन के लोग दोपहर बाद अंबेडकर उद्यान में एकजुट हुए। किसानों की भीड़ को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। पहले हजारों की संख्या में किसान डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर उद्यान में एकत्र हुए फिर वहां से बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित अम्बानी कॉरपोरेट कॉम्प्लेक्स तक मार्च निकाला। मार्च में पूर्व सांसद राजू शेट्टी के नेतृत्व वाले स्वाभिमानी शेतकरी संघटना (एसएसएस) के अलावा प्रहार संघटना, फार्मर्स एंड पीजेन्ट पार्टी और लोक संघर्ष मोर्चा भी हिस्सा लिया।

केरल सरकार बुधवार को कृषि क़ानून के खिलाफ लाएगी प्रस्ताव

केरल की LDF सरकार कल बुधवार को एक विशेष सत्र बुलाकर कृषि क़ानूनों के खिलाफ़ एक प्रस्ताव पास करेगी।  

एनडीए की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने ऐलान किया है कि किसान आंदोलन के समर्थन में 26 दिसंबर को उनकी पार्टी दो लाख किसानों को लेकर राजस्थान से दिल्ली मार्च करेगी।

वहीं शिरोमणि अकाली दल ने किसान आंदोलन के दौरान शहीद होने वाले संत राम सिंह सिंघरीवाला और 42 अन्य किसानों की शहादत पर 2 जनवरी से अखंड पाठ करवाने का फैसला किया है। साथ ही शिरोमणि अकाली दल ने संसद में अपातकालीन सत्र बुलाकर कृषि क़ानूनों को ख़त्म करने की अपील की है।

ट्रेड यूनियनों ने 23 दिसंबर को लंच छोड़ने की अपील की

एटक समेत तमाम ट्रेड यूनियनों की तरफ से किसानों के भूख हड़ताल के समर्थन में कल 23 दिसंबर को लंच न करने की अपील की गई है। एटक की सेक्रेटरी अमरजीत कौर ने कहा है कि कल सभी मजदूर भाई किसान भाइयों के भूख हड़ताल के समर्थन में लंच स्किप करें। हम किसान विरोधी कृषि क़ानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी की किसानों की मांग का समर्थन करते हैं।

फेसबुक ने किसान एकता मोर्चा का पेज बंद होने पर दी सफाई

फेसबुक पर किसानों के पेज ब्लॉक करने के आरोप पर फेसबुक प्रवक्ता ने सफाई देते हुए कहा है कि फेसबुक पेज ‘किसान एकता मोर्चा’ पर अचानक बढ़ी एक्टिविटी की वजह से हमारे ऑटोमेटेड सिस्टम ने इसे स्पैम कर दिया, क्योंकि यह हमारे मानकों पर खरा नहीं उतर रहा था। हालांकि, मामले को समझने के बाद हमने 3 घंटे के अंदर ही पेज को रिस्टोर कर दिया।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि स्पैम के खिलाफ लड़ाई में हमारा मुख्य काम ऑटोमैटिक सिस्टम से ही होता है। अगर किसी एकाउंट से कम समय में बहुत ज्यादा एक्टिविटी रिकॉर्ड होती है, तो इससे हमें आशंका हो जाती है कि यहां कुछ गड़बड़ हो सकती है। ऑटोमेटेड सिस्टम के अलावा जहां जरूरत होती है, हम ह्यूमन एक्सरसाइज का भी इस्तेमाल करते हैं। बता दें कि रविवार को किसान एकता मोर्चा ने फेसबुक पर केंद्र सरकार के दबाव में उनका पेज ब्लॉक करने का आरोप लगाया था।

छत्तीसगढ़ किसान सभा की अगुवाई में किसानों का एक जत्था दिल्ली रवाना

छत्तीसगढ़ किसान सभा का एक जत्था आज कोरबा जिले के किसान सभा अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर की अगुवाई में रवाना हुआ। बांकीमोंगरा क्षेत्र के ग्रामीणों ने जबर्दस्त नारेबाजी के साथ किसान सभा का ‘हंसिया, हथौड़ा अंकित लाल झंडा’ दिखाकर इस जत्थे को रवाना किया। इस जत्थे के कल दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है।


छत्तीसगढ़ किसान सभा के राज्य अध्यक्ष संजय पराते ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि “यदि अगले कुछ दिनों में इन कानूनों को मोदी सरकार वापस लेने का फैसला नहीं करती, तो अन्य जिलों से भी किसानों के जत्थे भेजे जाने की योजना बनाई गई है। राजनांदगांव जिला किसान संघ सहित छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के अन्य घटक संगठन भी अपने जत्थे दिल्ली भेज रहे हैं। ये जत्थे दिल्ली की सीमाओं पर अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठे लाखों किसानों के विशाल समुद्र की बूंद बनेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि “यह जत्था किसान संगठनों के साझे मोर्चे छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन, छत्तीसगढ़ किसान सभा व आदिवासी एकता महासभा द्वारा इस कानून के खिलाफ प्रदेश के गांव-गांव में चलाए जा रहे अभियान-आंदोलन की जानकारी देगा और अन्य राज्यों में चलाए जा रहे आंदोलन के स्वरूपों और इसके अनुभवों से शिक्षित होगा और छत्तीसगढ़ में भी इस आंदोलन को और तेज करने के लिए इसका उपयोग करेगा।”

मोदी-शाह के खिलाफ़ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्जॉ करने की अपील

पंजाब के फिरोजपुर में एक किसान कुलबीर सिंह ने सोमवार को खुदकुशी कर ली, जो दिल्ली के आंदोलन में शामिल होकर लौटे थे।

जबकि पिछले 27 दिन से बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान निरंजन ने आत्महत्या करने की कोशिश की। लेकिन उन्हें बचा लिया गया। तबियत में सुधार के बाद निरंजन ने बयान देते हुए कहा है कि “मैं अब अच्छा महसूस कर रहा हू्ं। सरकार शायद तब जागेगी कि जब आत्महत्या जैसी घटनाएं होंगी। जब किसान जीवित नहीं रहेगा तो कोई और कैसे जिंदा रहेगा।

निरंजन ने कहा कि “जब कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है तो उसे इस काम के लिए उकसाने वाले पर पुलिस केस दर्ज करती है। मेरे मामले में पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर केस दर्ज किया जाना चाहिए।”

इससे पहले पंजाब के भटिंडा जिले में भी 22 साल का एक युवा किसान ने भी आंदोलन से लौटने के बाद जहरीले पदार्थ का सेवन करके कथित रूप से खुदकुशी कर ली थी। युवा किसान का नाम गुरलाभ सिंह था और वो भटिंडा जिले के दयालपुरा मिर्जा गांव का निवासी था। गुरलाभ सिंह दिल्ली बॉर्डर के पास चल रहे प्रदर्शन का हिस्सा था।

किसान आंदोलन से 14 हजार करोड़ का नुकसान

कॉन्फिडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने एक आंकड़ा जारी किया है इस आंकड़े के मुताबिक किसान आंदोलन से अब तक करीब 14,000 करोड़ रुपए के व्यापार का नुकसान हो चुका है। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में अब तक लगभग 14 हज़ार करोड़ रुपए के व्यापार का बड़ा नुक़सान हो चुका है। किसान आन्दोलन के चलते व्यापार को हो रहे करोड़ों रुपये के नुकसान का हवाला देते हुए कैट ने किसान नेताओं और केंद्र सरकार से अपील करते हुए बातचीत के द्वारा इस मसले को तुरंत सुलझाने की मांग की है।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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