Friday, March 29, 2024

पूरा देश महसूस करने लगा है किसान आंदोलन की तपिश, रेल रोको ने दिया फिर संकेत

तीन केंद्रीय कृषि क़ानूनों के खिलाफ़ आज किसान “रेल रोको” आंदोलन के अंतर्गत चार घंटे लंबे आंदोलन में कर्नाटक, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली झारखंड, बिहार, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड रेलवे प्रभावित हुए। 

पश्चिम बंगाल के नादिया में भी कई किसान और राजनीतिक संगठन रेल रोको प्रदर्शन में सामिल हुए। रांची में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के कार्यकर्ताओं ने चार घंटे के रेल रोको प्रदर्शन के दौरान पटरियों को ब्लॉक कर दिया। सीपीआई-एम के कार्यकर्ता कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पटरियों पर चलते रहे। 

संयुक्त किसान मोर्चा के रेल रोको आंदोलन में कर्नाटक के किसान भी शामिल हुए। यशवंतपुर रेलवे स्टेशन पर कई किसान संगठनों के सदस्यों ने नारेबाजी की और कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की। 

किसानों के रेल रोको आंदोलन से मुरादाबाद मंडल में रेल संचालन थम गया, जिससे डिब्रूगढ़ राजधानी और जबलपुर-हरिद्वार एक्सप्रेस ट्रेनें रुक गई। प्रदर्शन से पिछले पौन एक घंटे से रेल मार्ग पर आवाजाही बाधित रही। 

यूनाइटेड-किसान मोर्चा के तत्वावधान में किसानों ने 4 घंटे राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ अभियान के तहत जम्मू के चन्नी हिमत इलाके में रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया। राजस्थान के जयपुर में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने चार घंटे तक रेल का रास्ता रोका। बड़ी संख्या संगठन के कार्यकर्ता यहां पटरियों पर बैठकर नारेबाजी करते रहे। 

ओडिशा के पुरी से हरिद्वार जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस को गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर किसानों ने रोका। वहीं किसानों ने मोदीनगर में रेलवे ट्रैक को जाम किया। 

उत्तराखण्ड के बाजपुर में कृषि कानूनों के विरोध में बाजपुर रेलवे स्टेशन की पटरियों पर बैठकर किसानो ने रेल का रास्ता बाधित किया। 

उत्तरप्रदेश के शामली में रेल रोको अभियान के तहत रेलवे ट्रैक पर टेंट लगाकर बैठे किसान। वहीं गढ़ मुक्तेश्वर में तो किसानों ने रेलवे लाइन पर ही मंच सजा लिया। कानपुर, इलाहाबाद में भी रेल रोकी गईं। हरियाणा के सोनीपत, अंबाला और जींद में किसान पटरियों पर बैठ गए हैं। इसमें महिलाएं भी शामिल हैं। कुरुक्षेत्र में गीता जयंती एक्सप्रेस ट्रेन को भी रोका गया है। उधर, हरियाणा के चरखी दादरी में किसानों के लिए खाने-पीने का प्रबंध किया गया। गांव में लोगों ने उन्हें चाय-पकौड़े दिए। वहीं धरनास्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को भी खिलाया गया। 

हरियाणा के सोनीपत में भी बड़ी संख्या में किसान पटरियों पर बैठे हैं। रेलगाड़ियों की आवाजाही रोकी। पटरियों पर जमे कई किसान आराम से हुक्का पीते नजर आए। उड़ीसा के पारलेखामुंडी, कटक, और बहरामपुर में AIKM के बैनर में किसानों रेल रोको आंदोलन में हिस्सा लिया। 

बिहार के सासाराम, और रोहतास जिले में भी AIKM के बैनर के साथ किसानों ने  रेल रोको आंदोलन को आगे बढ़ाया। वहीं बिहार की राजधानी पटना में जन अधिकार पार्टी के सदस्यों ने रेल पटरियों को जाम कर दिया। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पटरी से हटाने के लिए काफी मशक्कत की। 

पटियाला में भी रेल रोको आंदोलन का अच्छा असर दिखा। पटियाला रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी 12 बजे से बैठे हुए हैं। यहां बड़ी संख्या में महिलाएं भी पटरियों पर दिखीं। हरियाणा के अंबाला में किसानों ने पटरियों पर बिस्तर ही लगा लिया। यहां बुजुर्ग और बच्चे रेल की पटरियों पर बैठे। 

कानपुर में भाकियू की ओर से रेल रोको आंदोलन के तहत प्रशासन ने सुबह से ही धर पकड़ शुरू कर दी थी। रुरा पुलिस ने मंडल अध्यक्ष सहित आठ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया, वहीं सरवनखेड़ा ब्लाक अध्यक्ष के भाऊपुर पहुंच कर रेल ट्रैक जाम करने की बात पर उन्हें टांग कर ले जाया गया। 

ग्वालियर में भी बड़े स्तर पर लोगों ने रेलजाम हिस्सा लिया। इस मौके पर पुलिस भी कार्रवाई से पीछे नहीं रही। उसने रामविलास गोस्वामी, अखिलेश यादव, रामबाबू जाटव,  आकांक्षा, प्रीति, रीना, श्याम सहित 500 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया।

वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने हरियाणा हिसार में आयोजित किसान महापंचायत में कहा, “केंद्र सरकार इस मुगालते में ना रहे कि किसान फसल कटाई के लिए जाएंगे। यदि उन्होंने हठ किया तो हम अपनी फसलों को जला देंगे। उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि प्रदर्शन 2 महीने में खत्म हो जाएगा। हम फसल के साथ-साथ प्रदर्शन भी करेंगे।” 

राकेश टिकैत ने आगे कहा, “फसलों की कीमत नहीं बढ़ाई जा रही है, लेकिन ईंधन की कीमतें बढ़ गई हैं। यदि केंद्र स्थिति को बिगाड़ता है तो हम अपने ट्रैक्टर लेकर बंगाल भी जाएंगे। वहां भी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है।”

उधर, भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने किसान संगठनों के आह्वान पर गुरुवार को देशव्यापी रेल रोको आंदोलन की तैयारी कर रहे माले नेताओं की गाजीपुर और चंदौली में गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। 
राज्य सचिव सुधाकर यादव ने बताया कि गाजीपुर के माले जिला सचिव रामप्यारे को जखनियां क्षेत्र में भुड़कुड़ा थाने की पुलिस ने सुबह ही गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि वे रेल चक्का जाम आंदोलन का नेतृत्व करने वाले थे। इसके पहले, चंदौली जिले में चकिया पुलिस ने पार्टी के जिला सचिव अनिल पासवान को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया और थाने लाकर हिरासत में बैठा दिया। राज्य सचिव ने इन गिरफ्तारियों को लोकतंत्र-विरोधी बताते हुए उनकी बिना शर्त रिहाई की मांग की।
राज्य सचिव ने बताया कि इसके अलावा आजमगढ़, मऊ समेत कई जिलों में माले कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन और मार्च निकालकर तीन काले कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की और इस संबंध में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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