Tuesday, April 23, 2024

विपक्ष ने तेज की सरकार की घेरेबंदी, संगठित रूप देने के लिए नेताओं की बैठक

नई दिल्ली। विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अपने हमले की न केवल धार तेज कर दी है बल्कि उसको और संगठित रूप दिया है। इस सिलसिले में आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में विपक्ष के तमाम दलों की बैठक हुई जिसमें राहुल गांधी ने कहा कि पेगासस, किसान और महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष कोई समझौता नहीं करने जा रहा है। इसके साथ ही इस बैठक में सरकार की संगठित तौर पर घेरेबंदी की रणनीति बनी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “हमारी आवाज़ को संसद में दबाया जा रहा है। हमारा एक सवाल है कि क्या केंद्र सरकार ने पेगासस को खरीदा था कि नहीं? क्या केंद्र सरकार ने उसका इस्तेमाल अपने देश के लोगों के ख़िलाफ़ किया था कि नहीं? हम यह जानना चाहते हैं।”

इससे पहले आज बुधवार की सुबह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेता पेगासस जासूसी मामले को लेकर लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। गौरतलब है कि कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं की मंगलवार को हुई बैठक में यह फैसला किया था।

वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे दोनों सदनों में भविष्य की योजना बनाने के लिए संसद में सभी समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए।

इस बीच, संसद के मानसून सत्र के दौरान आज फिर पेगासस जासूसी कांड, कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी दलों के हंगाम के चलते लोकसभा और राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गयी है।

मॉनसून सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच चल रहे गतिरोध के बीच राज्यसभा में बुधवार को पहली बार प्रश्नकाल हुआ और विभिन्न मंत्रियों ने सदस्यों के पूरक प्रश्नों के जवाब दिये। हालांकि विपक्षी दलों द्वारा पेगासस के मुद्दे पर सदन में गतिरोध डालने के बाद सभापति हरिवंश ने 12 बजकर 41 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।

वहीं विपक्षी दलों के सदस्यों के गतिरोध के कारण राज्यसभा की बैठक भी एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

बता दें कि संसद के मानसून सत्र के दूसरे हफ्ते का दूसरा दिन था और आज भी हंगामे के साथ लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई। पेगासस, कृषि क़ानून और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। 19 जुलाई से मॉनसून सत्र शुरू हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है।

विपक्ष का आरोप है कि सरकार सदन को अपने तरीके से चलाना चाहती है। विपक्षी पार्टियों द्वारा सदन में पेगासस मामले पर चर्चा की मांग पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि “विपक्ष ने सदन में चर्चा के लिए तीन विषय (कोविड, किसानों का आंदोलन, बढ़ती महंगाई) तय किए थे। पहले इन तीन विषयों को पूरा होने दीजिए।”

शिरोमणि अकाली दल ने किसानों के मुद्दे पर संसद में प्रदर्शन किया। सुखबीर सिंह बादल ने कहा, “हम सभी विपक्षी पार्टियों से अपील करते हैं कि एक साथ आएं और एक मुद्दे को उठाएं, इसके समाधान के बाद दूसरा मुद्दा उठाएं। हम संसद के अंदर और बाहर किसानों की आवाज़ उठा रहे हैं।”

आज सुबह भी सदन की बैठक शुरू होते ही जब अध्यक्ष बिरला ने प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया तो कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी के साथ तख्तियां लहराते हुए आसन के समीप आ गए। शोर-शराबे के बीच ही अध्यक्ष ने पूरा प्रश्नकाल चलाया। इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेन्द्र सिंह, न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने अनेक सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए।

इससे पहले पिछले सप्ताह में और इस सप्ताह के शुरुआती दो दिन में विपक्ष के हंगामे के बीच पूरा प्रश्नकाल बाधित रहा था। प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में आज लोक अदालतों की व्यवस्था को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने बताया, देश में चार करोड़ से ज्यादा केस कोर्ट में लंबित हैं। इसमें से ज्यादातर केस लोअर कोर्ट में लंबित हैं।

वहीं राज्यसभा की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने जैसे ही शून्यकाल के तहत मुद्दा उठाने के लिए माकपा की झरनादास वैद्य का नाम पुकारा, विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर हंगामा शुरू कर दिया। सभापति ने सदस्यों से सदन में तख्तियां और पोस्टर नहीं दिखाने के लिए कहा और शून्यकाल चलने देने की अपील की। सदन में व्यवस्था बनते नहीं देख उन्होंने बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। मौजूदा मानसून सत्र में अब तक राज्यसभा में शून्यकाल नहीं हो पाया है।

‘जूते मारों सालों को’ जैसे नारे लगवाने वाले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में विपक्षी पार्टियो के सदस्यों के आचरण पर सवाल खड़े करते हुये कहा कि – “संसद में आज पार्टियों ने अपने पश्नों को रखा लेकिन कांग्रेस और टीएमसी सांसदों ने सदन के स्पीकर पर कागज फेंके। संसद में मौजूदा अधिकारियों के ऊपर भी चढ़े। यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को शर्मसार करने की घटना है। संसद में सरकार विपक्ष के सवालों के उत्तर देने के लिए तैयार है तो कांग्रेस, टीएमसी और अन्य दल संसद में प्रश्न पूछने से क्यों भाग रहे हैं? इनका काम संसद की कार्यवाही में रुकावट पैदा करना है। विपक्ष के काम से लोकतंत्र शर्मसार हो रहा है।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles