Friday, March 29, 2024

प्रधानमंत्री बताएं लोकसभा में पारित किस बिल में किसानों को एमएसपी पर खरीद की गारंटी दी गई है?

नई दिल्ली। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के वर्किंग ग्रुप के सदस्य एवं पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने फसल बीमा मुआवजा राशि के तौर पर किसानों को 10 रुपये से 500 रुपये तक दिए जाने को किसानों का घोर अपमान बतलाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली के लाल किले से जब फसल बीमा योजना की घोषणा की थी, तब यह बताया था कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों की सभी समस्याएं  समाप्त हो जाएंगी। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि फसल बीमा योजना किसानों के लाभ के लिए नहीं, बीमा कंपनियों को अधिकतम मुनाफा देने के लिए चलाई जा रही है।

डॉ सुनीलम ने बताया कि मुलताई के ग्राम जौलखेड़ा में मनोहर पंवार को 799 रुपये फसल बीमा मिला है। उसी तरह भिंड में महगांव निवासी किसान रमेश को मूंग की फसल खराब होने का 204 रुपये मिला है। अटेर के कैलाश को बाजरे का 217 रुपये मिला है, लहर के शिवकुमार को तिल की फसल खराब होने पर 223 रुपये मिला है। 

खंडवा जिले के किसान जगदीश गौड़ को 4 (चार रुपये) मुआवजा राशि दी गई जबकि उसने 1300 रूपये का प्रीमियम जमा किया था। इसी तरह महू के किसान प्रेम सिंह के खाते में 7 रुपये जमा हुए, बड़वानी की किसान लक्ष्मी बाई को 8 रुपये मिले तथा नरेंद्र यादव को 14 रुपये, धार जिले में एक किसान बलराम को 66 रुपये तथा मनावर के उमराव को 29 रुपये मिले हैं।

बीमा कंपनी ने भिंड जिले से 2019 में 12,093 किसानों से 1,80,74,271 रुपये का 

प्रीमियम प्राप्त किया। केवल 801 किसानों का फसल नुकसान का प्रकरण बनाया तथा प्रीमियम की 10% प्रतिशत राशि भी किसानों को मुआवजे के तौर पर नहीं दी गई।

 डॉ सुनीलम ने कहा कि एक तरफ तो 2019 का फसल बीमा किसानों को नहीं मिला वहीं दूसरी ओर 2020 में दस लाख कम किसानों ने बीमा कराया तथा अभी तक एक भी किसान को गेहूं की फसल का मुआवजा नहीं मिला।

डॉ सुनीलम ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार किसानों का उपहास उड़ा रही हैं तथा  किसान विरोधी बिल को लोकसभा में पारित कर यह साबित कर दिया है कि उसे किसान के हितों से कोई लेना देना नहीं है तथा वह केवल और केवल अडानी और अंबानी का अधिकतम मुनाफा देने के लिए कार्य कर रही है। 

डॉ सुनीलम ने कहा कि सरकार बार-बार कह रही है कि उसने किसानों को आजाद कर दिया। असल में सरकार ने किसानों को आत्महत्या करने के लिए और खेती छोड़ने के लिए आजाद कर दिया है तथा कंपनियों को किसानों की लूट करने की आज़ादी दे दी है।

डॉ सुनीलम ने कहा कि बार-बार देश के प्रधानमंत्री, कृषि मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री यह कह रहे हैं कि एमएसपी खत्म नहीं की जाएगी। डॉ सुनीलम ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि वे बताएं कि लोकसभा द्वारा पारित कानून में यह कहां लिखा है कि किसानों से एमएसपी पर खरीद की जाएगी तथा एमएसपी से नीचे खरीद करने वाले व्यापारियों को जेल भेजा जाएगा।

 किसान संघर्ष समिति ने अकाली दल की केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को बधाई देते हुए कहा है कि हमें खुशी है कि केंद्र सरकार के भीतर एक मंत्री ने किसानों के साथ खड़े रहने की हिम्मत दिखाई है। पंजाब में आंदोलन चला रहे किसानों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों की ताकत के आगे सरकार और विपक्ष दोनों को सिर झुका कर किसानों के साथ मजबूर होना पड़ा है। 

डॉ सुनीलम ने कहा कि पंजाब के किसानों की इसी ताकत के कारण उनके द्वारा पैदा किए गए गेहूं और चावल के हर एक दाने की सरकार द्वारा एमएसपी पर खरीद की जाती है तथा बिजली भी मुफ्त दी जाती है। केंद्र सरकार द्वारा तीनों कानून पारित कराए जाने के बाद ना तो किसानों का अनाज एमएसपी पर खरीदा जाएगा ना ही निशुल्क बिजली मिलेगी इसलिए किसान आंदोलन कर रहे हैं। हरियाणा के किसान भी एकजुट हैं।

डॉ. सुनीलम ने मध्य प्रदेश के किसानों से अपील की है कि वे पंजाब के किसानों से प्रेरणा लेकर एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles