Wednesday, April 24, 2024

झूठ व फरेब की बोली

कल रात राष्ट्र के नाम संदेश में प्रधानसेवक नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि यह सपना (धारा 370 हटाना) सरदार वल्लभ भाई पटेल का था, बाबासाहेब अंबेडकर का था, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो सपना अब पूरा हो गया है। 

सेवकजी, यह आपका सपना, डॉक्टर शयामा प्रसाद मुखर्जी का सपना, अटल जी का सपना और करोड़ों ‘देशभक्तों’ का सपना हो सकता है लेकिन आपको कोई हक नहीं है कि झूठ बोलकर उसे डॉक्टर अंबेडकर का भी सपना कहें।

मैं जानता हूं कि इतिहास को आप लोगों से ज्यादा घृणित तरीके से किसी ने तोड़ा-मरोड़ा नहीं है, इसलिए उसे विकृत करने से बचाने के लिए डॉक्टर अंबेडकर को उद्धृत कर देता हूं, जो उन्होंने 12 अक्टूबर 1951 को नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देते समय तैयार किया थाः “पाकिस्तान के साथ हमारा झगड़ा हमारी विदेश नीति का हिस्सा है जिसको लेकर मैं गहरा असंतोष महसूस करता हूं। पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्तों में खटास दो कारणों से है- एक है कश्मीर और दूसरा है पूर्वी बंगाल में हमारे लोगों के हालात।

मुझे लगता है कि हमें कश्मीर के बजाय पूर्वी बंगाल पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए जहां जैसा कि हमें अखबारों से पता चल रहा है, हमारे लोग असहनीय स्थिति में जी रहे हैं। उस पर ध्यान देने के बजाय हम अपना पूरा जोर कश्मीर मुद्दे पर लगा रहे हैं। उससे भी मुझे लगता है कि हम एक अवास्तविक पहलू पर लड़ रहे हैं। हम अपना अधिकतम समय इस बात की चर्चा पर लगा रहे हैं कि कौन सही है और कौन गलत।

मेरे विचार से असली मुद्दा यह नहीं है कि सही कौन है बल्कि यह कि सही क्या है। और इसे यदि मूल सवाल के तौर पर लें तो मेरा विचार हमेशा से यही रहा है कि कश्मीर का विभाजन ही सही समाधान है। हिन्दू और बौद्ध हिस्से भारत को दे दिए जाएं और मुस्लिम हिस्सा पाकिस्तान को जैसा कि हमने भारत के मामले में किया। कश्मीर के मुस्लिम भाग से हमारा कोई लेना देना नहीं है। यह कश्मीर के मुसलमानों और पाकिस्तान का मामला है। वे जैसा चाहें वैसा तय करें।”

अपनी बात को सही साबित करने के लिए आप झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं और कोई राजनीतिक दल आपका प्रतिकार भी नहीं कर पा रहा है। आपको अगर जरूरत होती तो आप राम मनोहर लोहिया और जय प्रकाश नारायण को भी अपने झूठ में समेट लेते। लेकिन आपको पता है कि देश में समाजवादी अब कोई ताकत नहीं रह गया है और जो है उसकी कोई हैसियत नहीं रह गई है।

वह समाजवादी ताकतें अपने निजी हित को बचाने के लिए अपनी संपत्ति के अलावा हर चीज समर्पित करने को तैयारा हैं यहां तक कि अपना जमीर भी। आप यह भी जानते हैं कि आपको अगर कोई ताकत चुनौती दे सकती है तो वह दलित है, अंबेडकर विचारधारा है, इसलिए कश्मीर जैसे महत्वूर्ण मसले पर उनकी बातों को अधूरे तरीके से पेश कर रहे हैं जिससे कि दलित समाज में एक भटकाव पैदा हो। अर्थात दलितों में भटकाव भी आप बाबा साहेब के नाम पर ही पैदा करेंगे! और इसके लिए आप बाबा साहेब अंबेडकर के उस बात की सहायता लेते हैं, जो उन्होंने कभी कहा ही नहीं।

डॉक्टर अंबेडकर ने सिर्फ जम्मू-कश्मीर के विभाजन की बात नहीं कही थी बल्कि उन्होंने कहा था कि कश्मीर वाला हिस्सा पाकिस्तान को दे दिया जाए (न कि उसे केन्द्रशासित प्रदेश बना दिया जाए)!

और पंडित नेहरू उस हिस्से को भी भारत के साथ रखना चाहते थे जिसे अनुच्छेद 370 कहते हैं। लेकिन आपकी प्राथमिकता साथ रखने में नहीं गुलाम बनाने की है, शासन करने की है अपनाने की नहीं है, गले लगाने की नहीं है।

(जितेंद्र कुमार स्वतंत्र पत्रकार हैं और आज कल दिल्ली में रहते हैं।)

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