Friday, April 19, 2024

सोनिया ने कांग्रेसियों से कहा- टीकाकरण के मसले पर सरकार पर दबाव बनाए रखना जरूरी

(कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कांग्रेस पार्टी के महासचिवों/प्रभारियों की बैठक को संबोधित किया। इसमें उन्होंने कोरोना और उसके चलते पैदा हुई स्थितियों पर अपनी पूरी बातचीत केंद्रित की। एक तरफ उन्होंने टीकाकरण में अपने नेताओं को पूरा सहयोग देने का निर्देश दिया वहीं दूसरी तरफ इस मोर्चे पर सरकार द्वारा बरती जा रही लापरवाहियों के लिए उसे निशाना बनाया। पेश है उनका पूरा वक्तव्य-संपादक)

मित्रों,

मैं आप सभी का इस बैठक में स्वागत करती हूँ।

वेणुगोपाल जी ने हाल ही में आप सभी को चार महत्वपूर्ण परिपत्र भेजे हैं। इनमें से तीन कोविड -19 महामारी के संबंध में हैं और दिनांक 7 जून का परिपत्र ईंधन की बढ़ती हुई कीमतों के संबंध में है। हमारे संगठन के लिए अति विशिष्ट कार्यक्रम इनमें सुझाए गए हैं और मुझे विश्वास है कि आपने अपने-अपने राज्यों में इनका अनुसरण किया होगा।

महामारी के संबंध में मैं कहना चाहती हूँ कि यह नितांत आवश्यक है कि हमारी पार्टी संपूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभाए। राष्ट्रीय स्तर पर टीकाकरण की दैनिक दर को तिगुना करना होगा ताकि इस वर्ष के अंत तक हमारी 75% आबादी का पूर्ण रूप से टीकाकरण किया जा सके। निःसंदेह यह पूर्णतया वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति पर निर्भर करता है। हमें केंद्र सरकार पर दबाव बनाए रखना चाहिए, जिसने हमारी पार्टी के आग्रह पर आखिरकार इसकी जिम्मेदारी ले ली है। इसके साथ साथ हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पंजीकरण हो, जहाँ भी टीका लगवाने के प्रति किसी प्रकार की झिझक है, उसका निवारण किया जाए तथा वैक्सीन की बर्बादी को न्यूनतम स्तर पर लाया जाए।

महामारी से संबंधित दो अतिरिक्त बिंदुओं पर मैं कुछ कहना चाहती हूँ। विशेषज्ञ अब से कुछ महीनों बाद संभावित तीसरी लहर की बात कर रहे हैं। उनमें से कुछ आने वाले महीनों में बच्चों की इस महामारी के प्रति भेद्यता की ओर इशारा कर रहे हैं। इस पर भी तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है और हमें इस संबंध में प्रभावशाली कदम उठाने चाहिए ताकि बच्चों को इस आपदा से बचाया जा सके।

यदि इस महामारी का पुनः आक्रमण होता है तो उससे बेहतर तरीके से निपटने के लिए हमें कारगर कदम उठाने होंगे। पिछले चार महीनों में इस महामारी की दूसरी लहर पूरे देश में लाखों-लाखों परिवारों के लिए भयावह रुप से विनाशकारी रही है। हमें इस अत्यंत पीड़ादायक अनुभव से सीख लेनी चाहिए ताकि पुनः इससे दो-चार न होना पड़े।

मैं आपका ध्यान कोविड-19 कुप्रबंधन पर व्यापक श्वेत पत्र की ओर भी आकर्षित करना चाहती हूँ जिसे हमारे कुछ सहयोगियों द्वारा तैयार किया गया और जिसे परसों जारी किया गया था। सारांश हिंदी में उपलब्ध है और संपूर्ण श्वेत पत्र का अन्य भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है। यह एक अत्यंत विस्तृत दस्तावेज है और इसे व्यापक रूप से प्रचारित और प्रसारित करने की आवश्यकता है। मुझे आशा है कि यह कार्य तत्काल कर लिया जाएगा।

ईंधन की बढ़ती कीमतों से सामान्य लोगों पर पड़ रहे असहनीय बोझ से आप सभी वाकिफ हैं। किसानों और लाखों परिवारों को इससे कितना कष्ट हो रहा है, इस तथ्य को उजागर करने के लिए आंदोलन आयोजित किए गए। लेकिन ईंधन के अलावा, कई अन्य आवश्यक वस्तुओं जैसे दालों और खाद्य तेलों की कीमतें भी आसमान छू रही हैं, जिससे व्यापक संकट पैदा हो गया है। यह मूल्य वृद्धि ऐसे समय में हो रही है जब अभूतपूर्व संख्या में लोग अपनी आजीविका खो रहे हैं, जब बेरोजगारी बढ़ रही है और आर्थिक रिकवरी मात्र मृग तृष्णा है।

मैं इन पिछले संकट के महीनों के दौरान राहत जुटाने और उपलब्ध कराने में हमारे अनेक सहयोगियों द्वारा किए गए प्रयासों के लिए अपनी गहरी प्रशंसा व्यक्त करना चाहती हूँ। संकट की घड़ी में लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए युवा कांग्रेस को समुचित जनसमर्थन प्राप्त हुआ, लेकिन देश भर में ऐसे अनेक कांग्रेस के कार्यकर्ता और कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने इस संकट काल के दौरान राहत गतिविधियों  के प्रति स्वयं को समर्पित किया। यही कांग्रेस पार्टी की सामुदायिक सेवा की बेहतरीन परंपरा है। हमें इस दिशा में अपने प्रयास जारी रखने चाहिए। कंट्रोल रूम कार्य करते रहेंगे। हेल्पलाइन भी चालू रहेंगी। एम्बुलेंस और आवश्यक दवाओं जैसी आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता बनी रहनी चाहिए।

अब मैं आपसे विशेष रूप से यह जानना चाहूंगी कि एक पार्टी संगठन के रूप में हमें और क्या-क्या कार्य करने चाहिए। शायद हम 13 जून के नवीनतम परिपत्र को अपनी चर्चा का आधार बना सकते हैं, क्योंकि यह कोविड -19 महामारी और इसके प्रभावों के संदर्भ में आम लोगों तक पहुंचने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना की परिकल्पना करता है।

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