Thursday, March 28, 2024

धर्म संसद में हेट स्‍पीच के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

दिसंबर 21 में हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में हेट स्‍पीच के मामले पर आज उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होगी। सुनवाई चीफ जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ करेगी। पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस अंजना प्रकाश और पत्रकार कुर्बान अली की ओर से यह याचिका दाखिल की गई है। याचिका में मुस्लिमों के खिलाफ हेट स्पीच की एसआईटी से स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। साथ ही हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट के तहसीन पूनावाला मामले में जारी आदेशों के पालन कराने की मांग की गई है। उन्होंने 17 और 19 दिसंबर, 2021 के बीच अलग-अलग दो कार्यक्रमों में दिए गए हेट स्पीच से संबंधित मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। पहला- हरिद्वार में यति नरसिंहानंद द्वारा और दूसरा दिल्ली में ‘हिंदू युवा वाहिनी’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम ।

इस मामले से देशभर में काफी हंगामा हुआ था और इस मामले में हरिद्वार पुलिस ने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्‍यागी और अन्‍य पर मुकदमा दर्ज किया था। याचिका में SIT से स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच की मांग की थी। हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित वेद निकेतन में दिसंबर में धर्म संसद का आयोजन हुआ था इसमें कुछ वक्‍ताओं ने हेट स्‍पीच दी थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और इस पर काफी विवाद भी मचा था।

धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के आरोपी वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी ने हरिद्वार पहुंचकर शांभवी धाम आश्रम में साधु-संतों से मुलाकात की और फिर इस ‘धर्म संसद’ में भाग लेने वाले यति नरसिंहानंद सहित अन्य कुछ लोगों के साथ हरिद्वार के पुलिस थाने पहुंचे, जहां उन्होंने मुस्लिम मौलवियों पर हिन्दुओं के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने और उन्हें दंडित करने की मांग करते हुए तहरीर दी थी ।

‘धर्म संसद’ का आयोजन जूना अखाड़ा के यति नरसिंहानंद गिरि ने की थी, जिन पर विगत में भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने और हिंसा भड़काने के आरोप हैं । इस कार्यक्रम में कई वक्ताओं ने कथित तौर पर भड़काऊ और उत्तेजक भाषण दिए थे और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हत्या करने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने लोगों से हथियार उठाने और एक पूर्व प्रधानमंत्री को गोली मारने की भी अपील की ।

हरिद्वार में 17-19 दिसंबर को धर्म संसद में हेट स्पीच के खिलाफ याचिका में कहा गया है कि ‘ये केवल हेट स्पीच नहीं बल्कि पूरे समुदाय की हत्या के लिए एक खुला आह्वान के समान था। इस हेट स्पीच ने लाखों मुस्लिम नागरिकों के जीवन को खतरे में डाल दिया। हेट स्पीच हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए एक गंभीर खतरा है, लेकिन करीब 3 हफ्ते बीत जाने के बावजूद पुलिस अधिकारियों द्वारा कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। पुलिस की निष्क्रियता न केवल हेट स्पीच देने की अनुमति देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि पुलिस अधिकारी वास्तव में सांप्रदायिक हेट स्पीच के अपराधियों के साथ हाथ मिला रहे हैं । याचिका में दिल्ली में हुए हिंदू युवा वाहिनी के कार्यक्रम की भी जांच की मांग की गई है। याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय, दिल्ली पुलिस कमिश्नर और उत्‍तराखंड के डीजीपी को पक्षकार बनाया गया है ।

दरअसल हरिद्वार में पिछले महीने एक धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जिसमें विशेष धर्म संप्रदाय के खिलाफ हेट स्पीच दिए जाने का मामला सामने आया था। इस केस में उत्तराखंड पुलिस ने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। पुलिस ने जानकारी दी थी कि सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के विरुद्ध कोतवाली हरिद्वार में धारा 153A IPC के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है ।

हरिद्वार में यह कार्यक्रम तीन दिनों तक चला था। इसमें हेट स्पीच का वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व सेना प्रमुखों, कार्यकर्ताओं और बहुत से अन्‍य लोगों ने विवादित भाषण की तीखे शब्‍दों में निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की थी । तृणमूल कांग्रेस नेता और आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने इस मामले में आयोजकों आौर वक्‍ताओं के खिलाफ खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles