Friday, April 19, 2024

आक्सीजन की कमी से देश में एक भी मौत नहीं: केंद्र सरकार

नई दिल्ली। संसद में आज सरकार ने कहा कि आक्सीजन की कमी से देश में एक भी कोविड मरीज की मौत नहीं हुई है। इसके साथ ही उसका आंकड़ों के बारे में कहना था कि उसने वही आंकड़े मुहैया कराए हैं जिनको राज्यों से उसे दिया गया था। और राज्यों को भी किसी तरह का ऐसा निर्देश केंद्र की तरफ से नहीं दिया गया था कि वो आंकड़े कम करके दिखाएं। ये सारी बातें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज राज्यसभा में कोरोना पर हुई चर्चा के दौरान कही।

सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जिस तरह से सरकार ने बगैर तैयारी के नोटबंदी कर दी थी उसी तरह से कोविड मामले में भी उसकी कोई तैयारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि ” इतने बड़े देश में कोरोना से कितने लोग मरे क्या ये रहस्य ही बना रहेगा? सरकार देश में कोरोना से 4 लाख से अधिक मौतों की बात बताती है। जो झूठे आंकड़े सरकार जारी कर रही है, वो सत्य से दूर हैं।” उन्होंने आगे कहा कि “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 15 मई 2021 को कहा कि जो लोग चले गए वो मुक्त हो गए। सरकार का समर्थन करने वाले संघ की क्या नीति और मंशा है, ये इससे पता चलता है।”

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि “हमारा सवाल सरकार से ये है कि आप डाटा क्यों छिपा रहे हैं? हमें बताइए, कितने लोगों की जान गई है (कोविड-19 महामारी के चलते)। कुछ रिपोर्ट बताती हैं कि कोरोना से मरने वाले लोगों की असल संख्या सरकार के आधिकारिक आंकड़ों से कहीं अधिक है।” 

इस बीच, शिवसेना सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिंए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाने की मांग की है। 

वहीं पेगासस जासूसी के मुद्दे पर ही तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसद भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। यहां टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि हमारे लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों ने पेगासस और पत्रकारों, विपक्षी नेताओं व टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी के फोन हैक करने के मुद्दे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इस पर (पेगासस) खुली चर्चा नहीं करती है तब तक टीएमसी लोकसभा और राज्यसभा को चलने नहीं देगी। कृषि कानून वापस लीजिए और कल पेगासस पर चर्चा करिए अन्यथा टीएमसी का रुख ’13 अगस्त तक संसद नहीं’ का है।

पेगासस जासूसी विवाद पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने चिंता जताते हुए सरकार से जवाब मांगा है। थरूर ने कहा है कि-“इस बात की पुष्टि हुई है कि भारत में भी मोबाइल पेगासस के जरिये टैप किए गए। उन्होंने कहा कि कंपनी यह उत्पाद सत्यापित सरकारों को ही बेचती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कौन सी सरकार? अगर भारत सरकार कहती है कि उन्होंने ऐसा नहीं किया। किसी और सरकार ने किया, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बेहद गंभीर मुद्दा है। सरकार को इस पर जवाब देना चाहिये। “

शशि थरूर ने आगे कहा है कि “अगर यह पता चलता है कि हमारी सरकार है और यह (ऐसा करने के लिए) अधिकृत है, तो भारत सरकार को जवाब देना चाहिए क्योंकि कानून सरकार को केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दों पर फोन टैपिंग की इज़ाज़त देता है। यह अवैध है। सरकार को जांच में सहयोग करना चाहिए। “

वहीं पेगासस जासूसी विवाद पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने जासूसी में सरकार की भूमिका को नकारते हुये कहा है कि इसमें सरकार की कोई भागीदारी नहीं है, लेकिन अगर विपक्ष उचित प्रक्रिया के माध्यम से मुद्दा उठाना चाहता है तो उन्हें मुद्दा उठाने दो। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस पर पहले ही बयान दिया है। पीएम मोदी ने विपक्ष की धारणा पर चिंता व्यक्त की, लोगों का मुद्दा उठाने की बजाए कांग्रेस सोच रही है कि सत्ता और पीएम उनका अधिकार है। हम दो साल से महामारी झेल रहे हैं लेकिन कांग्रेस बहुत गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार कर रही है।

शिरोमणि अकाली दल ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने बताया, “इन कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ सिर्फ़ शिरोमणि अकाली दल खड़ा है, कांग्रेस अपनी कुर्सी बचाने में लगी हुई है।”

नए कृषि कानून को लेकर शिरोमणि अकाली दल ने लोकसभा परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को तख्ती दिखाई गई।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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