नई दिल्ली। कार्नाटिक संगीतकार, गायक और लेखक टीएम कृष्णा ने कश्मीरियों के प्रति अपनी संवेदना जाहिर करने और उनसे एकताबद्ध होने के लिए अनूठा तरीका अपनाया। उन्होंने आगा शाहिद अली की कविता “पोस्टकार्ड फ्राम कश्मीर” की कुछ पंक्तियों को अपने सुर में गाया। और इसका एक वीडियो बनाकर अपने ट्विटर हैंडल पर जारी कर दिया। इस वीडियो में गीत के पीछे बैकग्राउंड में आडियो के तौर पर कटे टेलीफोन की आवाज और किसी फोन के न मिलने की स्थिति में उससे निकलने वाली आवाज की प्रतिध्वनि बिल्कुल साफ-सुनी जा सकती है। जो इशारों में बताती है कि घाटी में टेलीफोन लाइनें काम नहीं कर रही हैं।
उस मेकैनिकल वायस में बिल्कुल साफ-साफ कहते सुना जा सकता है कि “डायल किए गए नंबर पर इनकमिंग कॉल की सुविधा नहीं है।”
इस वीडियो को देखने के बाद कोई भी इस बात को महसूस कर सकता है कि संचार सुविधा को काट कर कैसे पूरी घाटी को देश के दूसरे हिस्सों से अलग कर दिया गया है। कृष्णा ने इस वीडियो को अपने ट्विटर पर जारी किया है।
देश के एक बड़े संगीतकार और गायक द्वारा जारी यह वीडियो न केवल कश्मीरियों के प्रति देश के संवेदनशील हिस्से की भावना को जाहिर करता है बल्कि इस कठिन दौर में उनके साथ खड़े होने की दूसरों को प्रेरणा भी देता है। यह बताता है कि कश्मीर को देश से काटकर सोचना ही अलगवावाद को जन्म देना है। और इस मामले में जमीन से ज्यादा संवेदना कश्मीरियों के प्रति दिखाए जाने की जरूरत है।
एक ऐसे समय में जबकि केंद्र में बैठी सरकार उनकी दुश्मन बन बैठी है और उसे हर तरह से चुप करा देने की कोशिश कर रही है। और इस कड़ी में पूरी घाटी को एक जेल में तब्दील कर दिया गया है। तब देश के संवेदनशील हिस्से की जिम्मेदारी बन जाती है कि वह उन्हें अपने करीब होने का संदेश दे। वरना पहले से ही अलगाव के रास्ते पर जा चुका कश्मीर केंद्र के इस तुगलकी फैसले से और दूर हो जाएगा।