Thursday, April 18, 2024

किसानों के समर्थन में आए ट्रांसपोर्टर, संसद का विशेष सत्र बुलाने की उठी मांग

नई दिल्ली। मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों से मुलाकात के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री 3 दिसंबर को किसान यूनियनों के नेताओं के साथ होने वाली अगली बैठक के बारे में जब मीडिया को बता रहे थे उसी समय देश भर में प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में अलग-अलग हलकों से बयान और प्रदर्शन की सूचनाएं आ रही थीं। अब सबसे बड़ी खबर यह है कि, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में 8 दिसंबर से उत्तर भारत की सेवाएं ठप करने की धमकी दी है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 95 लाख ट्रक और अन्य वाहनों की मुख्य संस्था ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने बुधवार को सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसानों की समस्याओं का समाधान करने में सरकार विफल होती है तो 8 दिसंबर से वे अपनी उत्तर भारत की सेवाएं ठप कर देंगे।

यह बहुत बड़ी खबर इस लिहाज से भी है कि बीते सात दिनों से आन्दोलनकारी लाखों किसानों ने दिल्ली को तीन ओर से घेर लिया है और जिस कारण दिल्ली में पंजाब और हरियाणा से होने वाली सप्लाई पर भारी असर पड़ा है। अब ऐसे में यदि मोटर ट्रासंपोर्ट वालों ने भी अपनी सेवाएं बंद कर दी तो दिल्ली वालों को खाने के लाले पड़ जायेंगे।

इससे पहले भी एआईएमटीसी के प्रेसिडेंट कुलतरण सिंह अटवाल ने प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेद्र सिंह तोमर से किसानों के मुद्दों को सुलझाने का अनुरोध किया था।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज कहा कि भारतीय किसान यूनियन को जो ड्राफ्ट देना था वो रात तक आएगा। हम इंतजार में हैं। जब उनका ड्राफ्ट आएगा तो हम कल उस पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि कल 3 दिसंबर को किसान यूनियन के लोग आने वाले हैं, वो अपना पक्ष रखेंगे, सरकार अपना पक्ष रखेगी। देखते हैं कहां तक समाधान हो सकता है।

ठीक इसी वक्त खबर आई कि दिल्ली हाईकोर्ट बार काउंसिल के वरिष्ठ वकील और मानाधिकार कार्यकर्ता एचएस फुल्का ने नये कृषि कानूनों को न केवल किसान विरोधी बताया, बल्कि इन कानूनों को वकील विरोधी भी कहा है। एडवोकेट एच एस फुल्का ने कहा कि यह कानून किसान विरोधी है और वकीलों के खिलाफ़ भी है,  क्योंकि यह कानून सिविल कोर्ट के न्यायिक क्षेत्र में नहीं आता और किसानों को न्याय नहीं मिलेगा। एडवोकेट एच एस फुल्का ने तीनों कृषि कानूनों की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इन कानूनों को वापस लेने की मांग की है।

सरकार के साथ 3 दिसम्बर को होने वाली वार्ता से पहले अब कई किसान संगठन संसद का विशेष सत्र बुलाकर इन कानूनों को रद्द करने की मांग करने लगे हैं। क्रांतिकारी किसान यूनियन ने भी इन कानूनों को वापस लेने के लिए  संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।

वहीं लोक संघर्ष मोर्चा ने 3 दिसंबर  को पूरे  महाराष्ट्र  में  और 5 दिसंबर को गुजरात में  अडानी, अंबानी के साथ मोदी  के  पुतले दहन का ऐलान किया है।

इस बीच आरएसएस से संबद्ध भारतीय किसान संघ ने भी कहा कि एमएसपी की गारंटी देने वाला एक राष्ट्रीय कानून की जरुरत है जिसमें यह तय हो कि जो किसान अपना अनाज कहीं भी बेचने के लिए जाए चाहे मंडी हो या मंडी के बाहर लेकिन  उसके अनाज का एमएसपी से दाम कत्तई कम नहीं होना चाहिए।

(पत्रकार नित्यानंद गायेन की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles