Saturday, April 27, 2024

क्या एसपीजी की ‘ब्लू बुक’ के अनुसार निर्धारित की गयी थी पीएम की आकस्मिक यात्रा?

पंजाब के फिरोजपुर में प्रस्तावित रैली रद्द करके प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने बठिंडा हवाई अड्‌डे पर पंजाब सरकार के अफसरों से कहा कि मैं सुरक्षित हवाई अड्‌डे लौट पाया, इसके लिए अपने मुख्यमंत्री को मेरी ओर से शुक्रिया कह देना। इसके बाद इसके पक्ष-विपक्ष में एक से एक खुलासे हो रहे हैं। लगता है यदि उच्चतम न्यायालय इस मामले में सुनवाई पर सहमत हुआ और सुनवाई की तो केंद्र सरकार को बताना पड़ेगा कि क्या प्रधानमन्त्री की फिरोजपुर रैली के लिए यात्रा योजनाएं एसपीजी की ‘ब्लू बुक’ के अनुसार निर्धारित की गई थीं?

दरअसल पीएम की यात्रा योजनाएं एसपीजी की ‘ब्लू बुक’ के अनुसार निर्धारित की जाती हैं। आकस्मिक मार्ग से लेकर सुरक्षित घर तक (सिर्फ प्रधानमंत्री को निकालने के मामले में) पीएम के उन्नत सुरक्षा संपर्क (एडवान्सड सिक्योरिटी लायजन) में एसपीजी, आईबी और राज्य पुलिस शामिल होते हैं। इस संबंध में एएसएल (उन्नत सुरक्षा संपर्क) को एक पुस्तिका के रूप में प्रकाशित किया जाता है, जो कम से कम 200 पृष्ठों की हो सकती है!

क्या पीएमओ/एसपीजी को यह नहीं पता था कि मौसम खराब होगा। ब्लू बुक के अनुसार कम से कम 48 घंटे पहले मौसम विभाग से इनपुट लिया गया था। अगर मौसम खराब हो गया और कार्यक्रम स्थल के लिए हेलिकॉप्टर की सवारी संभव नहीं थी, तो क्या एएसएल के अनुसार आकस्मिक मार्ग तय नहीं किया गया था? क्या यह आकस्मिक मार्ग था जिसे पीएम ने अपनाया था? वहां से 111 किमी की दूरी तय करने में लगभग 2 घंटे लगते हैं।

पीएमओ/एसपीजी को यह भी बताना होगा कि अगर एसपीजी ने सड़क मार्ग से यात्रा करने का फैसला किया, तो क्या यह योजना के अनुसार था? यदि ऐसा नहीं था तो एसपीजी प्रमुख को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। यदि राज्य के डीजीपी ने मंजूरी दे थी कि मार्ग को साफ कर दिया गया था लेकिन वास्तव में  यदि ऐसा नहीं था यानि गलत जानकारी थी, तो उनसे जानबूझकर एसपीजी को गुमराह करने के लिए तत्काल उनका इस्तीफ़ा लेना चाहिए।

भाजपा का कहना है कि प्रदर्शनकारी (भाजपा के झंडे लहराते देखे गए) भाजपा कार्यकर्ता थे, जो पीएम के काफिले के यू टर्न लेने के बाद घटनास्थल पर आए थे। नागरिकों (भाजपा कार्यकर्ता)को एक सुरक्षित मार्ग पर जाने की अनुमति कैसे दी गई और वह भी टेंपो और बसों के साथ जब पीएम अभी भी नजर में थे।

काफिले में एक चेतावनी कार और एक पायलट कार शामिल होती है। क्या पहली कार ने भीड़ को नहीं देखा और काफिले को सतर्क नहीं किया। तो काफिला प्रदर्शनकारियों के इतने करीब 20 मीटर की दूरी पर कैसे रुक गया? क्या एसपीजी को 20 मिनट प्रतीक्षा करने के बजाय तत्काल यू टर्न नहीं लेना चाहिए था?

एएनआई के अनुसार पीएम मोदी ने हवाईअड्डे के अधिकारियों से कहा कि उन्हें सही सलामत लौटने में खुशी हुई। अगर उनकी जान को खतरा था तो एसपीजी को जवाब देना होगा। सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को आंतरिक घेरा सुरक्षा प्रदान करना केवल एसपीजी का काम है।

20 मिनट तक पुल पर फंसे रहने के दौरान भी एसपीजी की क्लोज प्रोटेक्शन टीम पीएम की कार के दोनों ओर थी न कि सामने, जहां कैमरे रिकॉर्ड कर रहे थे और प्रदर्शनकारी थे।

गौरतलब है कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है और हुसैनीवाला शहीद स्मारक जहां प्रधान मंत्री थे, वह पाक सीमा से मात्र एक किमी दूर स्थित है।

एएनआई ने जो तस्वीरें पोस्ट की हैं,उनसे भी एसपीजी कि लापरवाही सामने आ रही है। सवाल है कि किसने इस फोटोग्राफर को पीएम की गाड़ी के इतने करीब आने दिया? अगर यह मीडिया का फोटोग्राफर है, तो उसे इतना करीब क्यों आने दिया गया जब पीएम की जान को खतरा था? क्या पीएम फोटोग्राफर को अपने इतने करीब रखकर उसके साथ घूमते हैं? यह गंभीर चिंता का विषय है। अगर यह पीएम के साथियों में से एक है, तो पहली तस्वीर में गार्ड ने उन्हें रुकने क्यों नहीं दिया? गार्ड बाहर कहीं और देख रहे हैं। यदि अंदर भारत के प्रधान मंत्री थे तो कोई पीएम की कार के इतने करीब एक कोने से तस्वीरें ले रहा है! दरअसल यह भी सुरक्षा का उल्लंघन है!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश ही नहीं, दुनिया भर में सबसे सख्त सुरक्षा प्राप्त शासन प्रमुखों में गिने जाते हैं। उनके हर मूवमेंट के एक-एक सेकेंड की पूर्व तैयारी की जाती है। किसी भी जगह उनकी सुरक्षा के बंदोबस्त कई दिनों पहले से किए जाते हैं। वे कब कहां से गुजरेंगे, कहां रुकेंगे, क्या करेंगे, सब पूर्व निर्धारित होता है।पीएम के दौरे पर सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी और आईबी की होती है।राज्य की पुलिस एसपीजी के निर्देशों और सलाह का पालन करती है । एसपीजी की अनुमति के बिना पीएम का काफिला आगे नहीं बढ़ सकता है। क्या एसपीजी बताएगी कि बिना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के प्रधानमंत्री को 2 घंटे से अधिक समय की सड़क यात्रा क्यों करवाई गई ? यही नहीं यदि किसानों के प्रदर्शन के बारे में पहले ही जानकारी दे दी गई थी, तब भी प्रदर्शन वाले रास्ते में पीएम के काफिले को जाने की अनुमति एसपीजी ने क्यों दी?

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

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