Friday, March 29, 2024

अडानी को मिले हसदेव जंगल के कोयला खदान का काम रोके जाने से राहुल लिए गये ईडी के निशाने पर?

नेशनल हेरल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से बुधवार को लगातार तीसरे दिन पूछताछ की। अब तक उनसे करीब 27 घंटे पूछताछ हो चुकी है। अब एजेंसी ने उन्हें शुक्रवार 17 जून को चौथी बार पूछताछ के लिए तलब किया है। लेकिन इस बीच पूरे मामले में एक ट्विस्ट आ गया है। कहते हैं बात निकलेगी तो फिर दूर तलाक जाएगी। और यह बात छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल में अडानी के कोयला खनन के लिए जंगल काटने पर रोक से जाकर जुड़ गयी है। छत्तीसगढ़ के पत्रकार आलोक पूतुल ने ट्वीट करके कहा है कि छत्तीसगढ़ में चर्चा है कि अडानी के MDO वाला खदान अटका तो सुप्रीम कोर्ट में ईडी ने सीएम के एक मामले की फ़ौरन सुनवाई की मांग की। कोयला खदान की हाँ हुई तो सुनवाई आज तक टली हुई है। राहुल गाँधी ने कैम्ब्रिज में इसी खदान को लेकर कार्रवाई की बात कही थी।अब ईडी उनसे पूछताछ कर रही है।  

इसी तरह आलोक शुक्ला ने ट्वीट किया है जिसमें कहा गया है कि राहुल ने कहा था कि हसदेव में आपका साथ देने की मुझे कीमत चुकानी पड़ेगी पर मैं इसकी परवाह नहीं करता।

दरअसल हसदेव अरण्य को बचाने के आंदोलन को छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने समर्थन किया है। इस मामले में अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान आया है। रायपुर में सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि टीएस सिंहदेव चाहते हैं तो पेड़ क्या डंगाल तक नहीं कटेगा, गोली चलाने की नौबत नहीं आएगी। गोली चलाने वाले पर ही गोली चल जाएगी। इस बयान के बाद हसदेव अरण्य का मामला अब सुर्खियों में आ गया है। 

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव हसदेव अरण्य पहुंचे थे। उन्होंने आंदोलन में बैठे ग्रामीणों से मुलाकात की और काटे जा रहे पेड़ को देखा। इसके बाद उन्होंने हसदेव बचाने के लिए आंदोलन कर रहे ग्रामीणों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि एक राय होइए, फिर कोई गोली बंदूक लेकर आएगा तो मेरे को बुला लीजिएगा। पहली गोली मैं खाऊंगा, दूसरी गोली अपको लगेगी। इसके साथ टी एस सिंहदेव ने यह भी ग्रामीणों से कहा हसदेव अरण्य के बारे में राहुल गांधी से बात करेंगे। इनको इसके बारे में जानकारी देंगे। इसके बाद पेड़ काटने पर सरकार ने रोक लगा दी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने हसदेव अरण्य में अडानी को MDO आधार पर आवंटित कोयला खदानों को रद्द करने का संकेत दिया है। सिंहदेव पहले ही सीएम को पत्र लिख चुके हैं कि पूरे इलाक़े को NO GO घोषित कर देना चाहिए।  

इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेरल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से बुधवार को लगातार तीसरे दिन मैराथन पूछताछ की। जांच एजेंसी ने उनसे ‘असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) और इसका स्वामित्व रखने वाली कंपनी ‘यंग इंडियन’ से जुड़े फैसलों में उनकी ‘निजी भूमिका’ के बारे में पूछताछ की। उन्हें शुक्रवार को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस नेता ने गुरुवार को छूट मांगी थी जिसकी इजाजत दे दी गई।

कांग्रेस का दावा है कि इस मामले में कोई एफआईआर नहीं है और ‘अनूसूचित अपराध’ नहीं है जिसके आधार पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) का मामला दर्ज हो और राहुल गांधी व सोनिया गांधी को तलब किया जाए। अधिकारियों ने कहा कि ईडी की कार्यवाही प्राथमिकी के आधार पर की जाने वाली प्रक्रियाओं की तुलना में कहीं ज्यादा ठोस है, क्योंकि अदालत ने आयकर विभाग की ओर से दायर आरोप पत्र का संज्ञान लिया है और प्रक्रिया जारी रखी। उनका कहना है कि इंडियन पेनल कोड की धाराएं 120 बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) आयकर के मामले में लागू होती हैं और ये उन अपराधों का निर्धारण करती हैं जिनसे ईडी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर ले।

दरअसल 1938 में कांग्रेस पार्टी ने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल ) बनाई थी। इसी के तहत नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला जाता था। 26 फरवरी 2011 को एजेएल पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज था और इसी को खत्म करने के लिए एक और कंपनी बनाई गई। जिसका नाम था यंग इंडिया लिमिटेड। इसमें राहुल और सोनिया की हिस्सेदारी 38-38% थी।यंग इंडिया को एजेएल के 9 करोड़ शेयर दिए गए। कहा गया कि इसके एवज में यंग इंडिया एजेएल की देनदारियां चुकाएगी, लेकिन शेयर की हिस्सेदारी ज्यादा होने की वजह से यंग इंडिया को मालिकाना हक मिला। एजेएल की देनदारियां चुकाने के लिए कांग्रेस ने जो 90 करोड़ का लोन दिया था, वह भी बाद में माफ कर दिया गया।

2013 में सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया और राहुल के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज कराया था। इसमें स्वामी ने गांधी परिवार पर 55 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप लगाया था। हालांकि इस केस में ईडी की एंट्री साल 2015 में हुई।

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने गृह मंत्री अमित शाह,वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कानून मंत्री किरेन रिजिजू को क़ानूनी नोटिस भेजा है। इस नोटिस में कहा गया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को राजनीतिक हथियार बनाकर राहुल गांधी को बेवजह परेशान किया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि बीजेपी के इशारे पर ईडी की मनमानी को तुरंत बंद किया जाना चाहिए।

विवेक तन्खा ने नोटिस में कहा है कि कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी को बदनाम करने के लिए व्यवस्थित तरीके से ईडी मीडिया को जानकारी लीक कर रही है। ईडी लगातार मीडिया में राहुल गांधी से संबंधित गलत जानकारी दे रही है। नोटिस में कहा गया है कि कांग्रेस नेतृत्व को परेशान और अपमानित करने के लिए स्टेट मशीनरी का सबसे दयनीय दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि याद रखें इतिहास गलत करने वाले को कभी माफी नहीं देता।

तन्खा द्वारा भेजे गए नोटिस में आरोप लगाया गया है कि बीते एक साल से बिना कानून की जानकारी के ईडी बीजेपी के विरोधी दलों को टारगेट कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आने वाले गुजरात और अन्य राज्यों के चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी अपने विरोधी दलों को दबा रही है। विवेक तन्खा ने मांग की है कि कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ आधारहीन और गलत जानकारी प्रचारित करने की ईडी की कोशिशों पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। तन्खा ने कहा है कि ईडी के दोषी अधिकारियों के खिलाफ सरकार कर्रवाई करे।

प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को राहुल गांधी से लगातार तीसरे दिन भी पूछताछ की। इसी पूछताछ को लेकर कांग्रेस ने सरकार को एक क़ानूनी नोटिस भेजा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि मीडिया को ग़लत जानकारी दी जा रही है कि राहुल सवालों से कैसे निपट रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार उस क़ानूनी नोटिस में समाचार चैनलों की रिपोर्टों का हवाला दिया गया है।

आज भेजे गए क़ानूनी नोटिस में अपनी बात रखने के लिए समाचार चैनलों की तीन रिपोर्टों का हवाला दिया गया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार नोटिस में कहा गया है कि इन चैनलों ने अज्ञात सूत्रों के आधार पर दावा किया है कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी राहुल पूछताछ करने वालों के सवालों से बचने की कोशिश कर रहे हैं और ‘अपने वकीलों द्वारा सिखाए गए लगते हैं’। नोटिस में कहा गया है कि सरकार को इन जानबूझकर किए जा रहे लीक को रोकना चाहिए।

रिपोर्ट के अनुसार नोटिस में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने कई मौक़ों पर दोहराया है कि ऐसे मामलों में, जहाँ जाँच लंबित है, मीडिया में समय से पहले खुलासा या लीक होना क़ानून के शासन के लिए अभिशाप है। नोटिस में कहा गया है कि यह एक विफल एजेंसी का अंतिम शरण होता है।

नोटिस में आरोप लगाया गया है कि ईडी के सवालों का राहुल गांधी किस तरह से ‘सामना’ कर रहे हैं, मीडिया को इस बारे में गलत जानकारी प्रदान की जा रही है। नोटिस में न्‍यूज चैनल्‍स की तीन रिपोर्टों का हवाला दिया गया है।इसमें कहा गया है कि इन चैनलों ने अज्ञात स्रोतों के हवाले से दावा किया कि मनी लांड्रिंग के आरोपी राहुल गांधी इस दौरान पूछताछकर्ताओं के सवालों को टालने का प्रयास कर रहे थे और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वकीलों ने उन्‍हें सिखा-पढ़ाकर भेजा है।नोटिस में कहा गया है कि सरकार को इस इरादतन लीक को रोकना चाहिए।

इस बीच कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की राहुल गांधी से पूछताछ का हवाला देते हुए दावा किया कि उनकी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। चौधरी ने बिरला से आग्रह किया कि वह इस मामले में दखल दें। उन्होंने कहा, कुछ बेतुके आरोपों की आड़ में राहुल गांधी से रोजाना 10-11 घंटे तक की पूछताछ की जा रही है।

एक संसद सदस्य के साथ इस तरह के अमानवीय व्यवहार के कारण राजनीतिक बदले की भावना की साजिश की बू आती है। चौधरी ने बिरला से आग्रह किया कि आप हमारे संरक्षक हैं और ऐसे में आपसे आग्रह है कि राहुल गांधी के साथ जो अपमानजनक व्यवहार हो रहा है, उसको लेकर दखल दें।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

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