Thursday, April 25, 2024

यूपी के रामराज में पुलिसवाले बने लुटेरे और डॉक्टर कर रहे हैं अपहरण

यूपी में ‘जंगल राज’ नहीं बल्कि ‘राम राज’ है! लेकिन यूपी पुलिस पिछले कुछ दिनों में बदनामी के सारे रिकॉर्ड लगातार तोड़ती जा रही है। अब जो प्रदेश हत्या, बलात्कार जैसे संगीन अपराधों में पूरे देश में टॉप पर हो और वहां पुलिस बावर्दी लूट-डकैती को अंजाम दे तो इसे क्या कहा जाएगा? जहां डॉक्टर अपहरण में पकड़े जाएं तो उसे जंगल राज कहा जाएगा या रामराज? गोरखपुर में लूट-डकैती में पुलिस वाले और नोएडा में अपहरण के आरोप में एक डॉक्टर समेत अन्य लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं।  

गोरखपुर रेलवे बस अड्डे से महराजगंज के दो सर्राफा कारोबारियों को बुधवार को चेकिंग के बहाने अगवा कर 35 लाख की लूट करने वाले वर्दीधारी बदमाश सच्ची-मुच्ची पुलिसवाले ही निकले। लुटेरे पास के ही जिले बस्ती के पुरानी बस्ती थाने पर तैनात दारोगा और दो सिपाही थे। गोरखपुर जिले में सर्राफा व्यापारियों से 35 लाख का सोना, चांदी और नकदी लूटने वाले यूपी पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया गया है। लूट के वक्त ये तीनों पुलिस वाले वर्दी में थे। घटना 20 जनवरी की है।

महराजगंज के दो सर्राफा व्यापारी जेवरात और कैश लेकर बस से गोरखपुर से लखनऊ जा रहे थे। इन्हें रास्ते में पुलिस की वर्दी पहने तीन लोगों ने छानबीन के नाम से बस से उतारा और ऑटो से अगवा कर ले गए। वे सर्राफा व्यापारियों से 35 लाख का सोना, चांदी और कैश लूटकर फरार हो गए।

सर्राफा व्यापारियों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी और बताया कि लुटेरे पुलिस की वर्दी पहनकर आए थे। गोरखपुर पुलिस ने घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज से लुटेरों की तस्वीर निकाली तो पता चला कि वे पुलिस की वर्दी में लुटेरे नहीं बल्कि असली पुलिसवाले थे। इनकी शिनाख्त से पता चला कि ये बस्ती जिले की पुरानी बस्ती थाने में तैनात एसआई धर्मेंद्र यादव, सिपाही महेंद्र यादव और संतोष यादव हैं।

गोरखपुर पुलिस ने तीनों पुलिसवालों को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों आरोपियों को सस्पेंड कर दिया गया है और नौकरी से बर्खास्त करने की सिफारिश सरकार को भेजी गई है। इस थाने के नौ और पुलिस वालों को ड्यूटी में लापरवाही के इल्जाम में सस्पेंड कर दिया गया है। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में तीनों आरोपियों ने कुबूल किया कि वो इससे पहले भी पुलिस की वर्दी में लूटपाट करते रहे हैं। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने बीते साल 29 दिसंबर को एक और सर्राफा व्यापारी को लूटा था।

गोरखपुर पुलिस ने लूटी गई नकदी और सोना भी बरामद कर लिया है। इनके खिलाफ रासुका और गैंगस्टर की कार्रवाई होगी। लापरवाही बरतने पर पुरानी बस्ती थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर अवधेश राज और बुधवार को ड्यूटी पर तैनात आठ अन्य पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है।

डॉक्टर ने किया अपहरण
उत्तर प्रदेश के नोएडा में मेडिकल छात्र का कॉलेज कैंपस से सनसनीखेज तरीके से अपहरण कर लिया गया। अपहरणकर्ताओं ने छात्र के परिजन को फोन कर 70 लाख रुपये की फिरौती मांगी। फिरौती की रकम की व्यवस्था के लिए 22 जनवरी तक की डेडलाइन दी थी। पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को घेरा। एनकाउंटर शुरू किया और छात्र को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। हैरानी वाली बात यह है कि छात्र का अपहरण पेशे से डॉक्टर ने ही किया था।

अपहरण की यह सनसनीखेज वारदात कोतवाली नगर क्षेत्र के हारीपुर स्थित एससीपीएम पैरा मेडिकल कॉलेज की है, जहां बहराइच जिले के पयागपुर का रहने वाला गौरव हलदर कॉलेज के हॉस्टल में रहकर बीएएमएस की पढ़ाई कर रहा है। गौरव 18 जनवरी को दोपहर तीन बजे तक कॉलेज में था, लेकिन उसके बाद अचानक लापता हो गया।

दोपहर करीब 12 बजकर 9 मिनट पर गौरव के पिता निखिल के पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने निखिल के बेटे गौरव का अपहरण कर लिए जाने की जानकारी दी। अपहरणकर्ताओं ने 70 लाख रुपये की फिरौती मांगी। अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की रकम चुकाने के लिए निखिल को 22 जनवरी तक की डेडलाइन दी थी।

छात्र को रेस्क्यू कराने के लिए यूपीएसटीएफ की टीम ने काम किया। एसटीएफ को पता चला कि किडनैपर्स दिल्ली से छात्र को लेकर निकले हैं। वह उत्तर प्रदेश पहुंचकर छात्र के डॉक्टर पिता से 70 लाख रुपये की फिरौती लेने जा रहे हैं। एसटीएफ की टीमें बॉर्डर पर मुस्तैद हो गईं। एनसीआर से लखनऊ की तरफ जाने वाले रास्ते पर एक डिजायर कार नजर आई। एसटीएफ ने कार रोकी तो अपहरणकर्ताओं ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग हुई और अपहरणकर्ता पकड़े गए। टीम ने गौरव को कार की पिछली सीट से बरामद कर लिया।

एसटीएफ की टीम ने बताया कि गौरव किडनैपिंग केस में मुख्य आरोपी डॉ. अभिषेक सिंह, नीतेश और मोहित को गिरफ्तार किया गया है। तीनों का साथ डॉ. प्रीति मेहरा ने दिया था। उसकी तलाश की जा रही है। आरोपियों के पास से एक पिस्तौल, चार जिंदा कारतूस, एक गाड़ी और नशे के इंजेक्शन बरामद हुए हैं।

डॉ. अभिषेक अपनी बुआ के यहां आता-जाता था। इसी दौरान उसकी पहचान गौरव से हुई। उसके बाद उसने मोहित, नीतेश और प्रीति के साथ मिलकर गौरव के अपहरण की साजिश रची। अभिषेक ने प्रीति की दोस्ती गौरव से करवाई। गौरव और प्रीति की फोन पर घंटों बातचीत होने लगी। गौरव अपने घर गोंडा आया हुआ था। प्रीति ने गौरव को फोन करके मिलने के लिए बुलाया। इसके लिए उसने गोंडा में किसी राहगीर का मोबाइल लेकर कॉल की। गौरव उससे मिलने आया तो वहां पहले से मौजूद नीतेश, मोहित और अभिषेक ने उसे नशे का इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर लिया और फिर अपनी कार में उसे डालकर दिल्ली ले गए।

गौरव की दोस्ती डॉ. प्रीति मेहरा नाम की महिला से हुई थी। प्रीति ने गौरव को फोन करके मिलने बुलाया और फिर उसका किडनैप कर लिया। गौरव का अपहरण कर उसे दिल्ली में डॉ. अभिषेक सिंह के फ्लैट पर रखा गया था। गौरव को फ्लैट में बंद करके रखा गया। उसे नशे का इंजेक्शन देकर बेहोश किया गया और उसे लगातार बेहोशी के लिए नशे के इंजेक्शन दिए जाते थे, ताकि वह होश में न आए। देर रात जीरो पॉइंट पर मुठभेड़ के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

अपराध में अव्वल
सबसे ताजा आंकड़े 2018 तक के मौजूद हैं। एनसीआरबी के डेटा के मुताबिक, 2018 में देशभर में 50 लाख 74 हजार 634 अपराध दर्ज किए गए थे। ये आंकड़ा 2017 की तुलना में 1.3 फीसद ज्यादा था। इसमें भी अकेले उत्तर प्रदेश में इस साल 5 लाख 85 हजार 157 क्राइम रिकॉर्ड हुए थे। इस हिसाब से 2018 में देश भर में जितने भी क्राइम रिकॉर्ड हुए, उसमें से सबसे ज्यादा 11.5 फीसद मामले अकेले यूपी में दर्ज हुए थे।

वॉयलेंट क्राइम यानी ऐसे अपराध, जिसमें हिंसा हुई है। जैसे- बलात्कार, बलात्कार की कोशिश, हत्या, हत्या की कोशिश, चोरी-डकैती, दंगा या हिंसा भड़काना और वगैरह-वगैरह। ऐसे वॉयलेंट क्राइम में भी यूपी देश में टॉप पर है। 2018 में देश भर में चार लाख 28 हजार 134 वॉयलेंट क्राइम दर्ज हुए थे। इसमें से 65 हजार 155 मामले अकेले यूपी में दर्ज हुए थे। यानी देश में जितने वॉयलेंट क्राइम रिकॉर्ड हुए, उसमें से 15 फीसद यूपी में दर्ज हुए थे। इतना ही नहीं, 2018 में देश में 29 हजार 17 मर्डर हुए थे, इसमें से सबसे ज्यादा चार हजार 18 हत्याएं यूपी में हुईं। एक लाख से ज्यादा किडनैपिंग हुई थीं, उसमें से 21 हजार से ज्यादा किडनैपिंग यूपी में हुईं। बलात्कार के मामले में भी मध्य प्रदेश और राजस्थान के बाद यूपी तीसरे नंबर पर था।

2018 में देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के तीन लाख 78 हजार 277 मामले दर्ज किए गए थे। इसमें सबसे ज्यादा 59 हजार 445 मामले अकेले यूपी में दर्ज हुए थे। 2018 में देश भर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के जितने मामले दर्ज हुए थे, उसमें से 15.7 फीसद मामले यूपी में सामने आए थे।

लोगों को किसी तरह का लालच देकर उनसे पैसे ऐंठना, किसी दूसरे की प्रॉपर्टी पर कब्जा करना या धोखाधड़ी करना, ऐसे अपराधों को आर्थिक अपराध यानी इकोनॉमिक ऑफेंस कहा जाता है। आर्थिक अपराध के मामले में भी उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है। 2018 में देशभर में एक लाख 56 हजार 268 मामले आर्थिक अपराध के दर्ज किए गए थे। इसमें से 22 हजार 822 मामले सिर्फ यूपी में ही दर्ज हुए थे।

कम्प्यूटर या इंटरनेट के जरिए किए गए क्राइम को साइबर क्राइम माना जाता है। देश में ऐसे अपराधों के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। 2016 में देश भर में 12 हजार 317 मामले साइबर क्राइम के दर्ज हुए थे, जबकि 2018 में 27 हजार 248 मामले। 2018 में साइबर क्राइम के जितने मामले दर्ज हुए थे, उसमें से 23 फीसद मामले अकेले उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए थे। 2018 में उत्तर प्रदेश में छह हजार 280 मामले साइबर क्राइम के रिकॉर्ड हुए थे।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और इलाहाबाद में रहते हैं।)

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