Tuesday, April 16, 2024

कांग्रेस पार्षद शहजाद पठान बने अहमदाबाद नगर निगम में विपक्ष के नेता

अहमदाबाद। अहमदाबाद नगर निगम चुनाव को लगभग 10 महीने बीत चुके हैं। शहरी विस्तारों में भाजपा की तुलना में कांग्रेस बहुत कमज़ोर है। 192 वार्ड वाली अहमदाबाद नगर निगम में केवल 24 पार्षद पंजे के चुनाव चिन्ह पर जीतने में कामयाब हो सके थे। 24 कांग्रेसी पार्षदों में 11 पार्षद मुस्लिम हैं। 24 पार्षद में आधे से ज्यादा ने विरोध पक्ष का दावा कर दिया था। कांग्रेस के सामने पार्षदों द्वारा विद्रोह और दल बदल का खतरा था। इस खतरे के चलते कांग्रेस विरोध पक्ष नेता के चुनाव को लेकर प्रक्रिया टालती रही। पद हासिल करने के लिए अहमदाबाद से दिल्ली तक लॉबिंग हो रही थी। इस वर्ष गुजरात विधानसभा चुनाव भी होने हैं। इसलिए कांग्रेस को निर्णय जल्द से जल्द लेना आवश्यक हो गया था। कांग्रेस ने प्रक्रिया के इंचार्ज सीजे चावड़ा की रिपोर्ट के आधार पर 32 वर्षीय शेहजाद खान पठान को अहमदाबाद नगर निगम में विरोध पक्ष का नेता चुना है। और उपनेता के तौर पर दरियापुर वार्ड से पार्षद नीरव बक्षी को चुना है।

शहजाद खान दानीलीमड़ा वार्ड से पार्षद हैं। इस वार्ड से शहजाद खान पहली बार 2010 में पार्षद चुने गए थे। उससे पहले यह वार्ड बीजेपी के मजबूत वार्डों में से एक था। लेकिन 2010 के बाद से दानीलीमड़ा वार्ड और विधानसभा पर कांग्रेस का दबदबा है। शहजाद खान ने ऑस्ट्रेलिया की सरीना रूसो स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट से बिज़नस मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। पिछले एक दशक से युवा कांग्रेस से जुड़े हैं। खान प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव के अलावा राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के सचिव भी रह चुके हैं। पठान अपने वार्ड की समस्याओं के निदान के लिए सत्ता पक्ष के खिलाफ सड़क वाली राजनीति करते आए हैं। उनके कुछ कार्य जो जनता को बहुत पसंद आए इस प्रकार हैं।

  • 2016 में शहजाद खान अपने समस्याओं महापौर दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गए थे।
  •  2017 में कचरे के पहाड़ (पिराना डंप साईट) के मुद्दे पर डंप साईट का कचरा ट्रैक्टर में भर कर म्युनिसिपल ऑफिस में उड़ेल दिया था। वार्ड में अहमदाबाद नगर निगम में 1987 में गैंगस्टर अब्दुल लतीफ़ शेख के नाम से भाजपा ध्रुवीकरण कर निगम में सत्ता पाई थी। 1987 के अहमदाबाद नगर निदम चुनाव में लतीफ़ अहमदाबाद की पांच विधानसभा सीटों से जीते थे।
  • म्युनिसिपल वाटर सप्लाई में गंदे पानी की बार बार शिकायत करने पर भी निपटारा न करने पर म्युनिसिपल कमिश्नर के टेबल पर वाटर सप्लाई का गन्दा पानी बिखेर दिया ताकि अधिकारी उनकी शिकायत को अधिकारी गंभीरता से लें।
  • लाइब्रेरी की मांग को लेकर नगर निगम के खिलाफ स्कूली बच्चों की रैली निकालकर अनूठा प्रदर्शन किया था।
  • म्युनिसिपल वाटर सप्लाई द्वारा पानी की कटौती के मुद्दे पर ऑफिस में ताला लगवा देना
  • नागरिकता कानून के विरोध में पार्टी लाइन से अलग जाकर बंद का समर्थन और सड़क पर उतरना

नागरिकता कानून के विरोध में 19 दिसंबर 2019 को बंद कॉल के समय अहमदाबाद के शाह आलम में हुई हिंसा में पुलिस ने शहजाद सहित 80 लोगों पर 307 का मुकदमा दर्ज कर सभी को जेल भेज दिया था। 55 दिनों बाद कोर्ट ने इस शर्त पर बेल दी थी कि कोई भी आरोपी नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लेगा। शहजाद खान पठान को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने से नाराज़ होकर दस पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी ने सभी को नोटिस जारी कर अनुशासनहीनता पर जवाब मांगा है। शहजाद खान की नियुक्ति कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा है। जिसके तहत पार्टी अपने कोर वोटर की तरफ लौट अपने पुराने वोट बैंक को मजबूत करना चाहती है।

बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघानी ने शहजाद खान की नियुक्ति पर तंज कसते हुए कहा “कांग्रेस शहजादों की पार्टी है। यहाँ शाहज़ादे ही नेता बनाए जाते हैं।” कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी ने मीडिया को बताया “पठान एक प्रगतिशील मुस्लिम हैं। युवा हैं। पार्टी की विचारधारा से जुड़े हैं। लीडरशिप की क़ाबिलियत है।” पहली बार पार्षद बने नीरव बक्षी को कांग्रेस ने उपनेता बनाकर बीजेपी की ध्रुवीकरण वाली राजनीति पर पानी फेर दिया है। शहजाद खान सोमवार से अहमदाबाद नगर निगम में विरोध पक्ष नेता का पद संभालेंगे।

(अहमदाबाद से जनचौक संवाददाता कलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट।)

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