किस्सागोई
लेखक
उर्दू के क्लासिक अदब को जिंदा कर गए शम्सुर्रहमान फारूकी
Janchowk -
यह सन् 1998 की बात है। तब मैं प्रकाशन विभाग से निकलने वाली उर्दू मैगजीन आज कल में सब एडिटर था और मेरे संपादक थे शम्सुर्रहमान फारूकी के भाई महबूब रहमान फारूकी साहब। तब शम्सुर्रहमान साहब का एक मजमून...
व्यंग्य
हमारा नीरो क़िस्सागो है!
Janchowk -
एक बार की बात है, जम्बूद्वीप में एक राजा था। बड़ा ही किस्सागो। जैसा की चलन है कि हर राजा में कुछ न कुछ विशेष होना ही चाहिए, जैसे रोम के राजा को बांसुरी बजाने में महारत थी। जर्मनी...
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संकट में पति कर सकता है स्त्रीधन इस्तेमाल, बाद में लौटाना होगा: सुप्रीम
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