Tag: akbar

  • क्या भारत में साम्प्रदायिकता केवल उपनिवेशवाद की उपज है?

    क्या भारत में साम्प्रदायिकता केवल उपनिवेशवाद की उपज है?

    भारत में वर्तमान संघ परिवार की फासीवादी राजनीति के संदर्भ में इतिहासकारों, समाजशास्त्रियों तथा राज्ञनीतिज्ञों के बड़े वर्ग द्वारा इस तथ्य को बड़े ज़ोर-शोर से स्थापित किया जा रहा है कि हमारे देश में इतिहास के हर दौर में साम्प्रदायिक सौहार्द था। उपनिवेशवाद के दौर में उपनिवेशवादियों की ‘फूट डालो, राज करो’ की नीति से…

  • जब मोदी सरकार ने बांधे मुगल बादशाह अकबर के तारीफों के पुल

    जब मोदी सरकार ने बांधे मुगल बादशाह अकबर के तारीफों के पुल

    बीजेपी और उसकी मौजूदा सरकार अंतरविरोधों का पिटारा है। उसका कोई एक चेहरा नहीं है बल्कि उसने हजार मुखौटे ओढ़ रखे हैं। और हर मुखौटे की उसकी तस्वीर भी अलग-अलग है। संघ के साथ मिलने के बाद उसका यह चेहरा और भी ज्यादा बदरंग हो जाता है। पार्टी और सरकार का भारत के लिए एक…

  • आद्रिजा रॉयचौधुरी का लेख: वास्तव में भक्ति आंदोलन मुगल काल में खूब फला-फूला

    आद्रिजा रॉयचौधुरी का लेख: वास्तव में भक्ति आंदोलन मुगल काल में खूब फला-फूला

    हाल ही में, मध्य प्रदेश की एक रैली में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 वीं शताब्दी के समाज सुधारक और भक्तिकाल के संत रविदास और मुगलों के बीच रिश्ता जोड़ा। संत रविदास के एक मंदिर की आधारशिला रखते हुए, मोदी ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि वे अपनी बात पर अड़े रहे और उन्होंने…

  • सर्व धर्म समभाव की भावना भी अब नफ़रत के निशाने पर

    सर्व धर्म समभाव की भावना भी अब नफ़रत के निशाने पर

    मुग़ल-ए-आजम अक़बर और राष्ट्रपिता गांधी के ‘सर्व धर्म समभाव’ की विचारधारा को मजबूत करना भी अब कम ख़तरनाक नहीं है, विशेषकर आज के समय में जबकि हिंदुत्व की आक्रामक विचारधारा और हिंसा को सत्ता का खुला समर्थन व प्रश्रय मिला हुआ है। ताजा मामला रामराज्य वाले उत्तर प्रदेश की उद्योगनगरी कानपुर का है। जहां यूपी…

  • धार्मिक सद्भाव और सामाजिक प्रतिरोध का त्योहार लोहड़ी

    धार्मिक सद्भाव और सामाजिक प्रतिरोध का त्योहार लोहड़ी

    जहां-जहां पंजाबी समाज है वहां-वहां पूरे देश में लोहड़ी का त्यौहार पूरे जोश-खरोश से मनाया जाता है। पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली और विदेशों, कनाडा अमेरिका, ब्रिटेन आदि में जहां जहां पंजाब के प्रवासी रहते हैं वहां वहां लोहड़ी की ख़ूब धूमधाम होती है। इस मौक़े पर बहुएं बेटियां दुल्ला भट्टी की याद में…

  • अकबर इलाहाबादी से अकबर प्रयागराजी तो अमरूद इलाहाबादी कैसे!

    अकबर इलाहाबादी से अकबर प्रयागराजी तो अमरूद इलाहाबादी कैसे!

    जब से हमारे इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया गया, तब से मैं सोचता रहा हूं कि वहां के अमरूदों का नाम क्यों नहीं बदला गया? क्या इलाहाबाद के नागरिकों के मुकाबले अमरूदों की तरफ से ज्यादा कड़ी प्रतिक्रिया की आशंका थी? इधर काफी समय से मेरा इलाहाबाद उर्फ प्रयागराज जाना नहीं हुआ इसलिए इलाहाबाद के…

  • आरएसएस-बीजेपी पर साया है ‘अल्ला हू अकबर’ और ‘हर हर महादेव’ के नारे का खौफ!

    आरएसएस-बीजेपी पर साया है ‘अल्ला हू अकबर’ और ‘हर हर महादेव’ के नारे का खौफ!

    5 सितम्बर के मुज़फ्फरनगर के इतवार की खासियतें इस बार कारपोरेट गोदी मीडिया के एक हिस्से को भी दर्ज करनी पड़ी। लगभग हरेक ने माना कि पिछली 25 वर्षों में– जबसे इस इलाके में किसानों के बड़े-बड़े जमावड़ों की शुरुआत हुयी है — यह सबसे बड़ी रैली थी। संयुक्त किसान मोर्चे ने ठीक ही इसे…

  • अकबर और महाराणा प्रताप के बहाने एक बार फिर सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश

    अकबर और महाराणा प्रताप के बहाने एक बार फिर सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश

    इधर एक नयी बहस शुरू हो गयी है कि हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की विजय हुयी थी, न कि अकबर की। यह भी कहा जाता है कि, अकबर को नहीं महाराणा प्रताप को महान कहा जाना चाहिए। आरएसएस के मित्र अक्सर यह लांछन लगाते तो हैं कि, वामपंथी इतिहासकारों ने देश का विकृत…

  • प्रिया रमानी के आरोप कायम, एमजे अकबर का मुकदमा ख़ारिज

    प्रिया रमानी के आरोप कायम, एमजे अकबर का मुकदमा ख़ारिज

    यह कहते हुए कि एक महिला को दशकों बाद भी अपनी शिकायत किसी भी मंच पर रखने का अधिकार है, दिल्ली की एक अदालत ने पत्रकार प्रिया रमानी को बरी कर दिया है। इससे पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर को झटका लगा है और प्रिया…

  • हंसाते हुए संजीदा कर देने वाले शायर अकबर इलाहाबादी

    हंसाते हुए संजीदा कर देने वाले शायर अकबर इलाहाबादी

    दबंग फिल्म में सलमान खान का dialogue आपने सुना होगा ‘मैं दिल में आता हूं समझ में नहीं’। गुलाम अली की वो गज़ल भी कभी न कभी आपके कानों से होकर गुज़री होगी, ‘हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है’, दोनों उदाहरण दो बिल्कुल अलग खेमों के बावजूद एक नाम पर आकर…