Saturday, April 27, 2024

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आडंबर, अंधविश्वास और शोषण के बिल्कुल खिलाफ थे शहीद-ए-आजम भगत सिंह

शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने स्वतंत्रता से पूर्व कांग्रेस की पूंजीवादी व सामंतवादी नीतियों के खिलाफ जमकर लिखा था। एक लेख में उन्होंने लिखा था कि समाज के प्रमुख अंग होते हुए भी आज मजदूरों और किसानों को उनके प्राथमिक...

इतिहास में दुष्प्रचार और झूठ का तड़का

इतिहास के साथ दुष्प्रचार और गलतबयानी एक आम बात रही है। सत्तारूढ़ शासक अक्सर अपने विकृत और विद्रूप अतीत को छुपाना चाहते हैं और अपने बेहतर चेहरे को जनता के सामने लाना चाहते हैं। इतिहास में वे बेहतर शासक...

विचारधारा को पैजामे का नाड़ा समझती है आप

विचारधारा अब दिल्ली के बजट में एक मद भर रह गई है। आप ब्रांड देशभक्ति = 500 तिरंगे +भगत सिंह+ अंबेडकर+ योग+ एक सैनिक स्कूल + एक मिलिट्री अकादमी+ बुजुर्गों के लिए वीएचपी के निर्देशन में अयोध्या में बन...

‘पगड़ी संभाल दिवस’ मनाने के जरिये किसानों ने लिया आंदोलन को नई ऊंचाई देने का संकल्प

संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर आज किसानों द्वारा पगड़ी सम्भाल दिवस मनाया गया। दिल्ली के बॉर्डर्स पर चल रहे धरनों पर किसानों ने इस दिवस को अपने आत्मसम्मान का इजहार करते हुए मनाया। इस दौरान किसानों ने...

विद्यार्थी की जयंती पर विशेष: उनके लिए गांधी और भगत सिंह में भेद नहीं था

गणेश शंकर विद्यार्थी का जन्म 26 अक्तूबर, 1890 को अपनी नानी गंगा देवी के घर अतरसुइया इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था। उनका नाम उनकी नानी ने पहले ही चुन लिया था जब उन्होंने अपनी पुत्री यानी गणेश शंकर की...

बेशर्मी और निर्लज्जता की हदें पार करते महामहिम!

संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों ने भी अब शर्म और हया के सारे पर्दों को उतार कर फेंक दिया है। ताजा मामला महाराष्ट्र के गवर्नर की कुर्सी पर बैठे भगत सिंह कोश्यारी का है। वह एक सीधा-सीधा संवैधानिक पद...

कबिरा खड़ा बज़ार (जेल) में!

भगत सिंह को सही अर्थों में वही लोग याद कर रहे हैं, जो उनके दर्शाए रास्ते पर चलकर संघर्ष कर रहे हैं। भगत सिंह ने दलितों को कहा था, “तुम असली श्रमजीवी हो!” हमारे देश में संघर्ष करने वाले...

भगत सिंह के सपनों का भारत बनाम ‘हिन्दू राष्ट्र’

शहीद-ए-आज़म भगत सिंह का आज 113वां जन्म दिवस है। आज तो उन्हें याद करना बनता ही है। देश की आज़ादी के लिए बेशक अन्य हजारों क्रांतिकारियों और स्वतन्त्रता सेनानियों ने भी कुर्बानियां दी हैं। उनके बलिदान को कम करके...

लूट, शोषण और अन्याय की व्यवस्था के खिलाफ भगत सिंह बन गए हैं नई मशाल

आखिर ऐसी क्या बात है कि जब भी हम भगत सिंह को याद करते हैं तो हमें वे युवा के रूप में ही याद आते हैं! भगत सिंह का नाम उनके जीवन काल में ही क्रांति का प्रतीक बन...

भारत छोड़ो आंदोलन की जयंती: बयालीस के गांधी में भगत सिंह का तेवर

भारत छोड़ो आंदोलन की जयंती पर महात्मा गांधी (और उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी) के उस तेवर को याद करने की जरूरत है जो उन्हें भगत सिंह जैसे युवा क्रांतिकारी के करीब लाकर खड़ा कर देता है। इस मोर्चे...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...