Saturday, April 27, 2024

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उत्तराखंड भोजन माता प्रकरण: दलितों के अपने संवैधानिक अधिकार छोड़ने के चलते कायम है गांवों में ‘सामाजिक सौहार्द’

अखबारों में यह खबर आई है कि उत्तराखंड के सूखीढांग जाआईसी में भोजन माता प्रकरण का हल हो गया है। अभी तक की सूचना के अनुसार घटना क्रम इस प्रकार है पहले सवर्णों के बच्चों (ब्राह्मणवाद-मनुवाद के जहर से...

धर्म की अफीम चटाकर, ओबीसी लोकतांत्रिक क्रांति को आरएसएस ने कैसे रोका

डॉ. आंबेडकर के नेतृत्व में दलित लोकतांत्रिक क्रांति के बाद यदि भारत में ब्राह्मणवाद की कब्र खोदने वाली कोई लोकतांत्रिक क्रांति हो सकती थी, तो वह थी- ओबीसी क्रांति (शूद्र क्रांति)। यदि दलित लोकतांत्रिक क्रांति के बाद ओबीसी लोकतांत्रिक...

सौ साल पीछे छोड़ चुकी राह पर लौटती कांग्रेस!

पिछले हफ्ते दो महत्वपूर्ण घटनायें हुईं जिन्होंने देश की जनता पर गहरा प्रभाव डाला है। एक तो राम मंदिर का भूमिपूजन था जिसका सरकार प्रायोजित भव्य और जोरदार जलसे के साथ संपन्न होना कोई आश्चर्य की बात नहीं कही...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...