Friday, April 26, 2024

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जयंती पर विशेष: जेपी का इस्तेमाल छोड़ें, उन्हें समझने की कोशिश करें

आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती है और जाहिर है उन्हें पूरे देश में अलग-अलग तरीके से याद किया जा रहा है। जेपी से जुड़े वे लोग तो बचे नहीं हैं जो उनके साथ स्वाधीनता संग्राम में शामिल हुए...

गांधी जयंती पर विशेष: बतख मियां न होते तो गांधी युग भी न होता

भारत की आज़ादी के आंदोलन की वैश्विक पहचान के पीछे महात्मा गांधी का महत्वपूर्ण व्यक्तित्व है और आज उनका जन्मदिन अहिंसा दिवस के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है। 1917 में स्थानीय किसानों की समस्या को देखने...

बोलने की आज़ादी पर अंकुश के लिये राजद्रोह कानून का इस्तेमाल: जस्टिस लोकुर

एक और उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस मदन बी लोकुर ने सोमवार को कहा कि सरकार बोलने की आजादी पर अंकुश लगाने के लिये राजद्रोह कानून का सहारा ले रही है। अचानक ही ऐसे मामलों की संख्या बढ़ गयी...

फ़ासीवाद की बेड़ियां और आज़ादी का मतलब

आज़ादी के बाद जो लोग अब तक यह सोचते रहे कि चिंतन और चुनाव के लिए मनुष्य आज़ाद है और उसकी यह आज़ादी ही उनके चिंतन का मूल है या फ़िर जिन्होंने ऐसा कभी सोचा ही नहीं और हमेशा...

चीनी घुसपैठ को विफल करना सैनिकों को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी: सोनिया गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आजादी के 74वीं सालगिरह की लोगों को बधाई देते हुए सरकार पर कुछ सवाल भी उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि भारत मां की सरज़मी की रक्षा व चीनी घुसपैठ को विफल...

आज़ादी एक अधूरा शब्द नहीं है?

पिछली सदी के आखिरी पहर में अद्वितीय लेखक-पत्रकार राजकिशोर की एक किताब आई थी। उसमें छीजती हुई आज़ादी की चिंता के साथ लिखे उत्कृष्ट और विचारोत्तेजक निबंधों में पहला निबंध ही यही था: ‘आजादी एक अधूरा शब्द है’। इस...

‘चलती हुई लाशों तुम्हें आज़ादी मुबारक’

(पाकिस्तान आज 14 अगस्त को अपनी आज़ादी की सालगिरह मना रहा है। एक मुल्क के तौर पर 1947 से आज तक उसका सफ़र बार-बार तख़्तापलट, तानाशाही, फ़ौज़ और अमेरिका की कठपुतली सरकारों, युद्धों और आतंकवाद में डूबते-उतरते हुए ही...

भारत छोड़ो आंदोलन की चेतना के मायने

अगस्त क्रांति के नाम से मशहूर और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में मील का पत्थर माने जाने वाले भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं सालगिरह 9 अगस्त, 2020 को है। भारतीय जनता की स्वतंत्रता की तीव्र इच्छा से...

संदर्भ भारत छोड़ो आंदोलन: गोलवलकर और सावरकर का था स्वतंत्रता आंदोलन से 36 का रिश्ता

भारत के स्वाधीनता संग्राम की जो विशेषताएं उसे विलक्षण बनाती हैं, उनमें उसका सर्वसमावेशी स्वरूप और निर्णायक तौर पर अहिंसक प्रवृत्ति मुख्य हैं। महात्मा गांधी ने स्वाधीनता आंदोलन और समाज सुधार को अपरिहार्य रूप से अन्तर्सम्बन्धित कर दिया था।...

साझी शहादत- साझी विरासत के नायाब उदाहरण हैं शहीद वारिस अली:इंसाफ मंच

मुजफ्फरपुर। शहीद वारिस अली का नाम स्वतंत्रता संग्राम में बिहार के उन चंद शहीदों की सूची शामिल होने का गौरव हासिल है जिन्होंने सबसे पहले कुर्बानी दी थी। यह पहले बिहारी योद्धा थे जिन्हें अंग्रेजों ने 6 जुलाई 1875 को...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...