Tag: happiness

  • घरेलू उपभोग खर्च सर्वेः खुशहाली की खुशफहमी क्यों?

    घरेलू उपभोग खर्च सर्वेः खुशहाली की खुशफहमी क्यों?

    साल 2022-23 का घरेलू उपभोग खर्च सर्वेक्षण (एचसीईएस) रिपोर्ट जारी होने के बाद नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने इसको आधार बना कर कई बड़े दावे किए। मसलन, इनके साथ ही सुब्रह्मण्यम ने इस बात की जरूरत भी बता दी उपभोक्ता महंगाई सूचकांक में खाद्य पदार्थों का वजन अब घटा दिया जाना चाहिए। उनकी…

  • ग्राउंड रिपोर्ट: बीमारी और महंगाई ने छीना दिवाली पर बाज़ारों की रौनक 

    ग्राउंड रिपोर्ट: बीमारी और महंगाई ने छीना दिवाली पर बाज़ारों की रौनक 

    प्रयागराज। घर में बीमारी, जेब में महंगाई , सूना त्योहार, सूना बाज़ार। यही इस साल की दीपावली त्योहार का दृश्य है। बाज़ार में पटाखों, मूर्तियों, सजावटी सामानों, मिठाइयों की दुकानों के सामने ग्राहकों की भीड़ नहीं महंगाई और बीमारी का सन्नाटा है। पांच दिवसीय त्योहार के पहले तीन त्योहार यानि धनतेरस, नर्क चतुर्दशी और दीपावली…

  • उदास ज़िन्दगी में मसखरी की जगह 

    उदास ज़िन्दगी में मसखरी की जगह 

    हंसी को लेकर आप गंभीर नहीं तो यह ज़रूर जान लें कि आम तौर पर 23 साल की उम्र के आस-पास लोगों का हास्य बोध घटने लगता है। मांसपेशियों के कमज़ोर होने और आंखों की रोशनी के घटने से भी ज्यादा ख़तरनाक है हास्य बोध का गायब हो जाना। यह बात अलग है कि इस…

  • ‘हिज मास्टर्स वॉयस’ में बदल गया भागवत का संबोधन

    ‘हिज मास्टर्स वॉयस’ में बदल गया भागवत का संबोधन

    यह सच है कि मोहन भागवत के विजया दशमी के कर्मकांडी भाषण का संघ के एक पूर्व कट्टरतावादी प्रचारक की सरकार के काल में भी कोई विशेष सांस्थानिक मायने नहीं है। यह किसी पिटे हुए मोहरे की जोर आजमाइश के प्रहसनमूलक प्रदर्शन से ज्यादा अर्थ नहीं रखता है, लेकिन फिर भी महज यह जानने के…

  • ईद तो खुशियां बांटने का नाम है

    ईद तो खुशियां बांटने का नाम है

    ईद का मतलब होता है जो “बार बार आए”। मगर इसका मतलब “ख़ुशी मनाना” और “जश्न मनाना” भी होता है। महीने भर रोज़ा रखने के बाद ईद मनाई जाती है। यह ख़ुशी का दिन होता है। दरअसल ख़ुशी कोई अकेले मना नहीं सकता। अगर कोई मना भी ले तो वह बेमज़ा और बेरंग होगा। एक…