Saturday, April 27, 2024

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आजादी की अलख जगाती एक जरूरी किताब

सैंतालिस साल पहले भारत में लागू हुआ था आपातकाल। तब उसे लागू करने वाली सरकार ने 19 महीनों में ही हाथ खड़े कर दिए थे। कुछ लोग मानते हैं कि तब सरकार निश्चिंत हो गई थी कि देश की...

मानवता की जीवंत प्रतिमूर्ति थे गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर

निर्विवाद रूप से यह यह स्वीकार्य है कि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर एक विलक्षण प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। उनका व्यक्तित्व बहुआयामी था। वे एक ही साथ साहित्यकार, संगीतज्ञ, समाज सुधारक, अध्यापक, कलाकार एवं संस्थाओं के निर्माता थे। वे एक...

भारत से म्यांमार वापस भेजे गए रोहिंग्याओं का जीवन खतरे में: ह्यूमन राइट्स वॉच

न्यूयॉर्क। ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा 22 मार्च, 2022 को एक नृजातीय रोहिंग्या महिला को जबरन म्यांमार वापस भेजना भारत में रोहिंग्या शरणार्थियों के जीवन के समक्ष जोखिमों को उजागर करता है। अंतर्राष्ट्रीय कानून...

कश्मीरी पत्रकार फहद शाह के अभी तक न छोड़े जाने पर ह्यूमन राइट्स वाच ने जतायी चिंता

भारत के जम्मू और कश्मीर में एक मजिस्ट्रेट ने प्रतिष्ठित कश्मीरी पत्रकार और संपादक फहद शाह की हिरासत को जम्मू और कश्मीर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत इस आधार पर मंजूरी दे दी कि वह “सरकार और इसकी...

पत्रकार किशोर ह्यूमन की गिरफ्तारी के खिलाफ संगठनों और शख्सियतों ने लिखा सीएम धामी को पत्र

देहरादून। स्वतंत्र पत्रकार किशोर ह्यूमन की गिरफ्तारी उत्तराखंड में बड़ा मुद्दा बन गयी है। न केवल पत्रकारिता जगत के लोग बल्कि समाज और राजनीति का संवेदनशील तबका भी अब आगे आकर इसका विरोध करने लगा है। इसी कड़ी में...

कश्मीर में पत्रकार शाह फहद की गिरफ्तारी पर ह्यूमन राइट्स वॉच की तीखी प्रतिक्रिया

न्यूयॉर्क/दिल्ली। ह्यूमन राइट्स वॉच ने कश्मीरी पत्रकार फहद शाह की गिफ्तारी को बेहद गंभीरता से लिया है और उसने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उसने कहा है कि गिरफ्तारी न केवल मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला है...

भारत में लोगों के अधिकारों में भयानक कटौती; आलोचकों, मुसलमानों और संकटग्रस्त समूहों पर हमले बढ़े: ह्यूमन राइट्स वाच रिपोर्ट

न्यूयॉर्क। ह्यूमन राइट्स वॉच ने बुधवार को अपनी विश्व रिपोर्ट 2022 में कहा कि भारतीय सरकारी तंत्र ने 2021 में राजनीतिक रूप से प्रेरित अभियोजनों का इस्तेमाल कर कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और सरकार के दूसरे आलोचकों पर अपनी दमनात्मक कार्रवाई तेज कर दी है। भारत में...

धर्म परिवर्तन से नहीं होगा जाति समस्या का खात्मा: भगवान दास

(भगवान दास अम्बेडकरवाद और अनुसूचित जातियों के मानवाधिकारों के मुद्दे पर सबसे प्रतिष्ठित विद्वानों में से एक थे। व्यापक रूप से यात्रा करने वाले, भगवान दास ने भारत में दलितों की स्थितियों पर विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर...

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस विशेष: सिर्फ अधिकार ही नहीं अल्पसंख्यकों के वजूद पर संकट

वर्ष 2020 में कुछ जिज्ञासु शोधकर्ताओं ने यह जानने का प्रयास किया कि 2006 में आई सच्चर कमेटी की सिफारिशों के 14 वर्ष पूर्ण होने के बाद मुस्लिम अल्पसंख्यकों की स्थिति में क्या परिवर्तन आया है। उनके द्वारा एकत्रित...

अफ़स्पा की आड़ में मानवाधिकारों की ऐसी की तैसी

सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ़स्पा) एक बार फिर चर्चा में है। चर्चा की वजह, एक दर्दनाक वाक़या है। नगालैंड में 4 और 5 दिसंबर की दरमियानी रात को सेना की 21 पैरा स्पेशल फोर्स ने आतंकवादी होने के शक...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...