Tag: journalist
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न्यूज़क्लिक मामले में न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा- मेरी खबर को पत्रकारों को चुप कराने के लिए इस्तेमाल करना बेहद परेशानी का विषय
नई दिल्ली। न्यूजक्लिक से जुड़े दर्जनों पत्रकारों के ठिकानों पर दिल्ली पुलिस के छापे और फिर उनकी हिरासत और गिरफ्तारी के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स का बयान आया है जिसमें उसने कहा है कि कोई भी सरकार अगर उसकी रिपोर्टिंग का इस्तेमाल पत्रकारों की आवाजों को दबाने के लिए कर रही है तो यह बेहद परेशान…
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जनपक्षीय पत्रकारों पर मोदी सरकार के हमले के खिलाफ पटना में विरोध-प्रदर्शन
पटना। दिल्ली में कई पत्रकारों के घरों पर छापेमारी और उन्हें हिरासत में लिए जाने की निंदनीय घटना के खिलाफ मंगलवार को पटना में एआईपीएफ के बैनर से जगजीवन राम संस्थान से सतमूर्ति तक नागरिक प्रतिवाद मार्च निकाला गया। इस मार्च में भाकपा-माले के महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य, जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार, बिहार…
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काशी भी हुई कवि-पत्रकार मुकुल की आवाज में शामिल, अवार्ड के साथ किताब पर चर्चा
वाराणसी। “सच कहने में सर कटने का ख़तरा है, चुप रहने में दम घुटने का ख़तरा है”- ऐसे शेर कहने वाले कवि-पत्रकार एवं संस्कृतिकर्मी मुकुल सरल के ग़ज़ल संग्रह “मेरी आवाज़ में तू शामिल” पर रविवार को यहां जगतगंज स्थित होटल कामेश हट में चर्चा हुई। इस मौके पर उन्हें जनमित्र अवार्ड से भी सम्मानित…
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‘गोदी मीडिया’ के आकाओं पर कब इनायत होगी जनाब!
पिछले एक हफ्ते से, जब से ‘इंडिया’ गठबंधन ने ‘गोदी मीडिया’ के चौदह रत्न एंकरों के बहिष्कार की घोषणा की है, तबसे समूचे मीडिया जगत में इसके औचित्य-अनौचित्य को लेकर बहस छिड़ गई है। राजग के बड़े घटक भाजपा ने तो जैसे मुहिम छेड़ रखी है विपक्षी ‘इंडिया’ के खिलाफ। हालांकि, कांग्रेस ने सफाई दी…
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शिवराज के थाना प्रभारी ने पत्रकार के सिर पर किया पेशाब, क्या सीएम इस बार भी पैर धोकर इस मामले को करेंगे रफा-दफा?
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में सिर पर पेशाब करने की एक और घटना सामने आई है। इस बार किसी शख्स के सिर पर बीजेपी के नेता ने पेशाब नहीं किया है। बल्कि सिर पर पेशाब करने वाला कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाने वाला थाना प्रभारी है। मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का…
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मोदी का अमेरिका दौरा: सरकार ने किया स्वागत तो सड़क रही गर्म
नौ सालों के अपने शासन काल में पहली बार पीएम मोदी को पत्रकारों का सामना करना पड़ा। वह भी विदेशी धरती पर। यह उनका फैसला नहीं बल्कि सामने आयी मजबूरी थी। जिसमें उनको अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ प्रेस से मुखातिब होना पड़ा। हालांकि लगता है उन्होंने यह सहमति प्रेस कांफ्रेंस स्थल पर टेलीप्रांप्टर लगाने…
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एक सच्चे अयोध्यावासी थे शीतला सिंह
शीतला सिंह नहीं रहे। शीतला सिंह अमर हैं। 1947 के भारत विभाजन और फिर 1971 के पाकिस्तान विभाजन (कश्मीर इन्हीं दोनों के भीतर का विवाद है) के बाद इस उपमहाद्वीप के सबसे बड़े विवाद के केंद्र में खड़े होकर उसे देखने, उसके साक्षी और भुक्तभोगी बनने और उसके समाधान के लिए एक सूत्रधार व पंच…
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शीतला सिंह: धार्मिक उन्माद व पत्रकारिता के दूषित प्रवाहों के विरुद्ध अलख जगाये रखने वाला महारथी चला गया
बीती शताब्दी के नवें दशक की बात है। ‘पढ़ाई-लिखाई’ खत्मकर बेरोजगार घूम रहा था और कई मीडिया संस्थानों में खासा बढ़िया इंटरव्यू देने के बावजूद हाथ लगी निराशा ने मनोबल को बुरी तरह तोड़ रखा था। इसलिए अयोध्या (उन दिनों फैजाबाद) से प्रकाशित दैनिक जनमोर्चा से, जिसकी जनपक्षधरता की उन दिनों उसके अंचल में तूती…