Thursday, April 18, 2024

बुंदेलखंड विद्युत परियोजना में 1600 करोड़ का घोटाला,अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम एन भंडारी तथा न्यायमूर्ति एस सी शर्मा की खंडपीठ ने बुंदेलखंड विद्युतीकरण योजना के तहत झांसी के  23 गांवों के विद्युतीकरण में 1600 करोड़ के घोटाले पर राज्य सरकार को 24 अगस्त तक का अतिरिक्त समय दिया है और पूछा है कि विवेचना पूरी करने में देरी क्यों की जा रही है। कौन से कारण हैं जिनके चलते भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।

खंडपीठ ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत झांसी में 1600 करोड़ रुपए के घोटाले पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों की अभी तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। कोर्ट ने कहा कि अगर यूपी पुलिस विफल है तो दूसरी एजेंसी से जांच क्यों नहीं कराते। कोर्ट ने इस मामले में सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए सरकार को 24 अगस्त तक का समय दिया है।

खंडपीठ ने कहा है कि अगर संसाधनों की कमी के कारण संबंधित थाने की पुलिस विवेचना नहीं कर पा रही है तो सरकार दूसरी जांच एजेंसी को विवेचना क्यों नहीं स्थानांतरित कर देती ?

खंडपीठ ने एफआईआर में 1600 करोड़ के घोटाले को गंभीर माना और कहा कि यदि संसाधनों की कमी के कारण संबंधित थाने की पुलिस विवेचना नहीं कर पा रही है तो सरकार दूसरी जांच एजेंसी को विवेचना क्यों स्थानांतरित नहीं कर देती। अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच में देरी की सराहना नहीं की जा सकती।

खंडपीठ ने अपर शासकीय अधिवक्ता एस ए मुर्तजा ने जानकारी उपलब्ध कराने के लिए समय की मांग की जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 24 अगस्त तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

खंडपीठ ने गिरराज सिंह की जनहित याचिका पर राज्य सरकार से पूछा था कि भारी संख्या में गांवों के लोग विवेचना में शामिल हैं। अब तक क्या तथ्य इकट्ठा किए गए हैं। यदि आरोपी अधिकारी जमानत पर नहीं हैं तो क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है। यदि गिरफ्तार नहीं किया गया है तो क्या कारण है। जिसके लिए अतिरिक्त समय मांगा गया।

याची का कहना है कि मेसर्स आईवीआरसीएल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड प्रोजेक्ट लि. हैदराबाद व बिजली विभाग के अभियंताओं की मिलीभगत से करोड़ों रूपए का बिना काम किए भुगतान लिया गया है। राज्य सरकार के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसकी जांच विजिलेंस विभाग कर रहा है।

खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि भारी संख्या में गांवों के लोग विवेचना में शामिल हैं। ऐसे में अब तक क्या तथ्य इकट्ठा किए गए हैं ? यदि जमानत पर नहीं हैं तो क्या अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है ? यदि गिरफ्तार नहीं किया गया है तो इसके पीछे क्या कारण है ?

बुंदेलखंड विद्युतीकरण योजना के तहत झांसी जिले के 144 गांवों में विद्युतीकरण होना था। इनमें से 23 गावों में न तो कोई काम हुआ और न ही बिजली आई। इसके बावजूद अफसरों की मिलीभगत से 1600 करोड़ रुपये का घोटाला हो गया। अब इसकी विजिलेंस जांच पूरी करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रगति रिपोर्ट मांगी है।

आरोप है कि मेसर्स आईवीआरसीएल (इरगवरापु वेंकट रेड्डी कंस्ट्रक्शन लिमिटेड) हैदराबाद व बिजली विभाग के अभियंताओं की मिलीभगत से करोड़ों रुपए का हेरफेर किया गया है। बिना काम किए भुगतान लिया गया है। इसकी जांच विजिलेंस विभाग कर रहा है। 5 जुलाई 2019 को थाना नवाबाद झांसी में एफआइआर दर्ज कराई गई है।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल इलाहाबाद में रहते हैं।)

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