छत्तीसगढ़ में अंधेरगर्दीः धान की फसल पर नगर निगम ने चलवाई जेसीबी, खबर बनाने पर पत्रकार के खिलाफ दर्ज करा दी एफआईआर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अंबिकापुर नगर निगम ने किसानों की धान की फसल पर जेसीबी चलवा दी। यही नहीं इस अमानवीय हरकत की रिपोर्टिंग करने वाले रिपोर्टर के खिलाफ एफआईआर भी लिखवा दी। कांग्रेस नेता अब धान की फसल को घास साबित करने के लिए जी-जोर लगाए हुए हैं।

छत्तीसगढ़ में पत्रकारों का उत्पीड़न और दमन लगातार जारी है। हाल ही में दो पत्रकारों के साथ कांग्रेस के लोगों द्वारा मारपीट के मामले में न्याय अभी लंबित है तो वहीं सरगुजा संभाग के अंबिकापुर में पत्रकार मनीष सोनी पर कांग्रेसी नेता की शिकायत पर FIR दर्ज की गई है। जिला अंबिकापुर के नगर निगम द्वारा शहर के भगवानपुर में किसानों के खेतों में धान की खड़ी फ़सल पर जेसीबी चलाने की ख़बर मनीष सोनी ने न्यूज़ एजेन्सी ANI और PTI को दी थी। इसके साथ ही देश भर के बड़े डिजिटल प्लेटफार्म पर भी यह खबर प्रमुखता से चलने लगी। इस मामले में बनाए गए वीडियो में फ़सल पर जेसीबी चलाए जाने से किसान रोता हुआ दिख रहा है। खबर चलने के बाद नगर निगम की कार्यप्रणाली पर लोग सवाल उठाने लगे हैं।

इस मामले से खिन्न अंबिकापुर नगर निगम के महापौर अजय तिर्की समेत कई कांग्रेसी नेताओं की जमकर किरकिरी होने लगी। इसी बीच किसी ने उक्त वीडियो की मीम बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। मीम में साफ तौर पर नजर आ रहा है कि मनीष की बनाई हुई ख़बर वाली वीडियो को किसी ने डाउनलोड कर 2.50 मिनट का मीम बनाया है। वीडियो पर एडिटिंग कर लिखा गया है, ‘स्थानीय भाजपा या कांग्रेस नेता सिर्फ चीन-पाकिस्तान में ही उलझे रहते हैं, स्थानीय समस्या उन्हें नहीं दिखती।’

चूंकि धान पक चुका था और 15 दिन बाद किसान वो फ़सल काट कर अपने घर ले जाता, परंतु जिस तरह से नगर निगम का अमला यह कह कर धान को नष्ट कर रहा था कि उस जगह पर अटल आवास बनना प्रस्तावित है, ये वीडियो देखने वालों पर गहरा असर छोड़ रहा है। लोग कांग्रेस पार्टी पर भी सवाल उठा रहे हैं।

निगम प्रशासन सिर्फ़ 15 दिन रुक जाता तो ये फ़सल किसान के घर चली जाती और किसान की मेहनत सफल हो जाती। निगम प्रशासन ने रोते हुए किसान के खिलाफ एक न सुनी और पांच एकड़ में लगे धान को चौपट कर दिया। मीम को आधार बना कर महापौर अजय तिर्की ने शिकायत में कहा है कि इस वीडियो क्लिप से कांग्रेस की बदनामी हो रही है। वहीं किसान पर भी कांग्रेसियों ने दबाव बना कर उसे डरा दिया, जिससे किसान अब कुछ भी कहने से बच रहा है।

जिन तीन किसानों की फ़सल निगम अमले ने बर्बाद की है, उनमें एक किसान महेंद्र कुशवाहा ने नगर निगम के अधिकारियों के ख़िलाफ़ गांधीनगर थाने में लिखित शिकायत करते हुए कहा है कि उक्त जमीन का पट्टा 1962 से है, जिस पर वे खेती करते आ रहे थे, निगम ने बिना किसी नोटिस के उनकी फसल को बर्बाद कर दिया है। इस बाबत जिम्मेदार अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज की जाए। इस मामले में पुलिस को एफआईआर करना था, वहीं अंबिकापुर नगर निगम के महापौर अजय तिर्की की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने दबाव में आकर पत्रकार पर ही मामला दर्ज कर लिया है।

कांग्रेसी नेताओं का किसान की फसल को लेकर अलग-अलग बयान
फ़सल पर जेसीबी चलाने और उसे नष्ट करने के मामले में जहां निगम के महापौर अजय तिर्की चाह कर भी झूठ नहीं बोल पा रहे हैं। तिर्की का कहना है कि मानवता के आधार पर किसान की फ़सल नष्ट नहीं करना था। 15 दिन रुकना चाहिए था। उधर, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता कह रहे हैं कि जमीन किसान की है ही नहीं। जो नष्ट किया गया वो धान नहीं बल्कि घास थी। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष धान को जिस तरह घास बता रहे हैं, उससे ये बात समझ में आती है कि वह सफेद झूठ बोल रहे हैं।

मनीष पिछले 18 सालों से जनसरोकार की पत्रकारिता करते आ रहे हैं। CHHATTISGARH POST नाम के फ़ेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर भी उनके वीडियो लगातार लोग पसंद कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा क़ानून को लेकर चल रही मांग के बीच पिछले 15 अक्तूबर को अंबिकापुर पुलिस ने पत्रकार मनीष के ख़िलाफ़ फेसबुक पोस्ट को आधार बना कर राजद्रोह का मामला दर्ज कर लिया था, जिसकी सीआईडी जांच चल ही रही है। इसी बीच ये बिना जांच के एफआईआर छत्तीसगढ़ पुलिस की स्थिति को बयां करती है। न्याय के लिए पुलिस सामने नहीं आती पर दबाव में आकर किसी पत्रकार को फंसाने में पीछे नहीं रहती।

(जनचौक के लिए छत्तीसगढ़ से तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)

तामेश्वर सिन्हा
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तामेश्वर सिन्हा