Friday, March 29, 2024

एमपी में पूरा हो रहा है भागवत का सपना, शिवराज कराएंगे कामकाजी महिलाओं की ट्रैकिंग

कामकाजी महिलाओं की निगरानी के एमपी सरकार के प्रस्ताव के विरोध में दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया है। दिल्ली पुलिस द्वारा मैमूना मोल्ला, शबनम हाशमी, अंजलि भारद्वाज, पूनम कौशिक, दीप्ति भारती, रितु कौशिक, माधुरी वार्ष्णेय समेत लगभग 35 महिलाओं को दिल्ली पुलिस हिरासत में लेकर मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले गई है।

सोमवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश-स्तरीय ‘सम्मान’ अभियान का शुभारंभ के दौरान घोषणा की थी, “आने वाले समय में सरकार नई पहल करने जा रही है। कोई भी लड़की जब काम के लिए बाहर प्रदेश जाती है, तो उनका स्थानीय स्तर पर पंजीयन अब अनिवार्य रूप से किया जाएगा। उनकी सुरक्षा के लिए उनकी लगातार ट्रैकिंग की जाएगी और उन्हें कुछ संपर्क नंबर दिए जाएंगे, ताकि वो संकट के समय संपर्क कर सकें।”

शिवराज ने कहा था कि काम के लिए अपने माता-पिता के घरों के बाहर रहने वाली महिलाएं लोकल पुलिस स्टेशन में जाकर खुद को पंजीकृत करें, ताकि उन्हें उनकी सुरक्षा के लिए ट्रैक किया जा सके। इसके अलावा चौहान ने सुझाव दिया कि महिलाओं के लिए विवाह की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष की जाए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इन गलत प्रस्तावों का देश भर की महिलाएं विरोध कर रही हैं। सामान्य तौर पर (हाउसवाइफ) महिलाएं घर पर रहती हैं, लेकिन कुछ प्रतिशत स्त्रियां कार्य अवसर मिलने की स्थिति में घर से बाहर निकलती हैं। महिलाएं घर के भीतर सबसे अधिक असुरक्षित रहती हैं और यौन हिंसा और घरेलू हिंसा की सबसे ज़्यादा घटनाएं चारदीवारी के अंदर ही होती हैं।

घर के बाहर (और अंदर भी) महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने के बजाय, महिलाओं के  मूवमेंट को और अधिक सीमित करता है। दरअसल ये नियम महिलाओं की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि उनकी जासूसी करने और उनकी स्वतंत्रता को खत्म करने के लिए बनाया जा रहा है, जिसमें महिलाओं की वास्तविक स्थिति की ट्रैकिंग करके ये पता किया जा सकता है कि वो कहां हैं और किसके साथ हैं। इस तरह शिवराज सरकार का ये प्रस्ताव महिलाओं की निजता को खत्म करता है।

सनातनी पौराणिक शास्त्रों में लिखा गया है, “पिता रक्षति कौमारे, भर्ता रक्षति यौवने। पुत्रो रक्षति वार्धकये, न स्री स्वातंत्रयमर्हती। यानि कौमार्य अवस्था में स्त्री की रक्षा पिता करता है, युवा अवस्था में पति तथा बुढ़ापे में पुत्र रक्षा करता है। स्त्री कभी भी स्वतंत्र नहीं है। पौराणिक शास्त्रों के कथनों को पुनः इन नियमों के साथ लागू करके मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार स्त्री को क़ैद करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles