Thursday, March 28, 2024

बीजेपी ने केरल चुनाव में लगाया था हवाला का 40 करोड़ धन: केरल पुलिस

केरल पुलिस ने थ्रिसूर कोर्ट में दायर चार्जशीट में सनसनीखेज आरोप लगाया है। उसने कहा है कि भाजपा ने केरल चुनाव में हवाला का 40 करोड़ का काला धन खर्च किया है। केरल पुलिस ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के सुरेंद्रन और पार्टी के प्रदेश संगठन महासचिव एम गणेशन पर कैश लेन-देन की जानकारी रखने का आरोप लगाया है। केरल में इस साल हुए विधानसभा चुनाव से तीन दिन पहले थ्रिसूर के हाईवे में हुई 3.5 करोड़ रुपए की चोरी का मामला उलझता जा रहा है।

केरल पुलिस ने इस मामले में थ्रिसूर की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। इसमें आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनाव से पहले अप्रैल में कर्नाटक से अवैध तरीके से 40 करोड़ रुपए केरल पहुंचाए और इसे हवाला के जरिए केरल इकाई में अपने कई पदाधिकारियों को बांटे। पुलिस का कहना है कि थ्रिसूर हाईवे से जिन पैसों की चोरी हुई, वह भी काले धन का हिस्सा था। हालांकि, भाजपा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
थ्रिसूर कोर्ट में दी गई चार्जशीट के मुताबिक, कर्नाटक से केरल लाए जाने के दौरान 4.40 करोड़ की राशि कथित तौर पर तमिलनाडु के सलेम में भी लूटी गई थी।

लोकतांत्रिक युवा जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सलीम मदूवर जिन्होंने प्रवर्तन निदेशालय से पहले केरल हाईवे डकैती केस की जांच की मांग की थी, उन्होंने ही शनिवार को तमिलनाडु के डीजीपी को सलेम की लूट के बारे में जांच करने को कहा। उन्होंने यह भी बताया कि तमिलनाडु पुलिस को अब तक इस चोरी से हुई रकम की कोई जानकारी नहीं मिली है, जिससे साफ होता है कि 4.40 करोड़ की लूटी गई राशि काला धन थी।

क्राइम ब्रांच की ओर से दी गई चार्जशीट में कहा गया है कि सलेम में जो पैसा चोरी हुआ, वह बेंगलुरु के रास्ते 6 मार्च को केरल लाया जा रहा था। इसके करीब एक महीने बाद 3 अप्रैल को थ्रिसूर में 3.50 करोड़ रुपए की रकम की डकैती हुई। पुलिस का कहना है कि सलेम में जो रकम चोरी हुई थी, उसे संघ के एक कार्यकर्ता एके धर्मराजन का करीबी हवाला डीलर धनराजन केरल ला रहा था। केरल के थ्रिसूर में हुई लूट के मामले में भी धनराजन को गवाह बनाया गया है।

चार्जशीट में कहा गया है कि अवैध तरीके से जुटाए गए 40 करोड़ रुपए में 17 करोड़ रुपए सीधे धर्मराजन, धनराजन और अन्य लोग केरल लेकर आए। इसके अलावा 23 करोड़ रुपए कोझिकोड में हवाला एजेंट्स के जरिए लाए जाने थे। चार्जशीट में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के सुरेंद्रन और पार्टी के प्रदेश संगठन महासचिव एम गणेशन पर कैश लेन-देन की जानकारी रखने का आरोप लगा है। इसके अलावा सुरेंद्रन पर धर्मराजन से भी करीबी रिश्ते होने का आरोप है। बताया गया है कि 3 अप्रैल की सुबह जब थ्रिसूर में चोरी हुई, तो धर्मराजन लगातार सुरेंद्रन के बेटे केएस हरिकिशन के साथ संपर्क में था।

पुलिस के मुताबिक, थ्रिसूर में जो 3.50 करोड़ रुपए चोरी हुई। उनमें से 1.46 करोड़ रुपए रिकवर कर लिए गए हैं। यह ज्यादातर करेंसी या सोने के रूप में मिले हैं और ज्यादातर हिस्सा इस चोरी में गिरफ्तार किए गए 22 आरोपियों द्वारा खर्च कर दिया गया।

भाजपा ने आरोपों को खारिज किया। भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि असल में पुलिस आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही थी और जिन लोगों को भी कानून की बुनियादी समझ है, वे जानते हैं कि जब ”राजनीति से प्रेरित” इस आरोपपत्र को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा तो क्या होगा?

उन्होंने कहा कि विशेष जांच दल द्वारा दाखिल आरोपपत्र एक राजनीतिक साजिश है। ऐसा जान पड़ता है कि पुलिस आरोपी से पैसे बरामद करने की इच्छुक रही है। आरोपपत्र काफी हद तक राजनीतिक संकल्प जैसा प्रतीत होता है, जिसका मकसद भाजपा को बदनाम करना है।भाजपा नेता ने पुलिस पर भाजपा नेताओं से संबंधित कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के दावे के फर्जी होने का आरोप लगाया और दावा किया कि जल्द ही वास्तविक सीडीआर जारी की जाएगी।

गौरतलब है कि केरल विधानसभा चुनाव से पहले केरल के थ्रिसूर-एर्नाकुलम राजमार्ग पर कोडकारा में 3 अप्रैल 2021 को साढ़े तीन करोड़ रुपए की डकैती का मामला सामने आया था। 7 अप्रैल को मतदान के एक दिन बाद जिस गाड़ी से पैसे लूटे गए थे उसके कार चालक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

शमजीर शमसुद्दीन नाम का एक व्यक्ति एक गाड़ी में पैसे ले जा रहा था जो माना जाता है कि थ्रिसूर से कोच्चि जा रहा था। जैसे ही वे थ्रिसूर के कोडकारा फ्लाईओवर पर पहुंचा, दो वाहनों में सवार लगभग नौ लोगों ने शमजीर की कार को रोक दिया, कथित तौर पर उसके साथ मारपीट की और वाहन में रखी पूरी राशि लूट ली। चार दिन बाद शमजीर ने घटनास्थल से 500 मीटर दूर कोडकारा थाने में डकैती की शिकायत दर्ज कराई। शमजीर ने अपनी शिकायत में कहा कि उसकी गाड़ी से 25 लाख रुपये की लूट की गई, जो कथित तौर पर जमीन के सौदे के लिए था। पुलिस ने 7 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज की थी। यहीं से ट्विस्ट की शुरुआत हुई। पुलिस ने पाया कि यह मामला 25 लाख रुपये का नहीं था, बल्कि इससे कहीं अधिक राशि लेकर जाया जा रहा था।

गाड़ी चलाने वाला शमजीर डकैती के चार दिन बाद अकेले थाने में शिकायत दर्ज कराने नहीं आया, वह जिसके यहां काम करता था उसे लेकर आया।शमजीर के साथ वाले शख्स का नाम था एके धर्मराजन, जिसे आरएसएस का सदस्य बताया जा रहा है। धर्मराजन ने ही वो पैसे शमजीर को दिए थे। शिकायत में दोनों ने दावा किया कि कार थ्रिसूर से कोच्चि जा रही थी। धर्मराजन ने दावा किया था कि पैसे कई लोगों से उधार लिए गए थे। पुलिस ने पहले दीपक नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया और फिर 19 और लोगों को गिरफ्तार किया, जो कथित तौर पर डकैती में शामिल थे। जब उन्होंने चोरी किए गए पैसे को बरामद करना शुरू किया, तो उन्होंने पाया कि यह राशि 25 लाख रुपये से कहीं ज्यादा थी।

पुलिस की जांच में धर्मराजन ने बताया कि सुनील नाइक नाम के एक युवा मोर्चा के नेता ने उसे पैसे दिए थे। कोडकारा पुलिस ने जब सुनील नाइक से संपर्क किया तो उसने कहा कि उसने तीन स्रोतों से पैसे उधार लेकर धर्मराजन को दिए थे, जो उसका कारोबारी सहयोगी था। तब जाकर, पुलिस को पता चला कि 25 लाख नहीं बल्कि यहां 3.5 करोड़ रुपये की लूट हुई थी। पुलिस अब तक करीब एक करोड़ रुपये बरामद कर चुकी है।
(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

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