Thursday, March 28, 2024

डॉ. कफ़ील की रिहाई के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे कर अपनी कुंठा का प्रदर्शन कर रहे हैं योगी!

लखनऊ। अल्पसंख्यक कांग्रेस ने योगी सरकार द्वारा डॉ. कफ़ील खान की रिहाई के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अवकाश याचिका दायर करने को मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत कुंठा का ताजा उदाहरण बताया है।

अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गोविंद माथुर और सौमित्र दयाल सिंह ने 1 सितम्बर के अपने फैसले में स्पष्ट कहा है कि डॉ. कफ़ील के ख़िलाफ़ एनएसए लगाया जाना क़ानून की नज़र में क़ायम रहने लायक ही नहीं है। फ़ैसले में उन्होंने अलीगढ़ के डीएम पर भी कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि उन्होंने कफ़ील के भाषण की मनमाना व्याख्या कर उससे शांति व्यवस्था को ख़तरा बताया था। जबकि पूरा भाषण राष्ट्रीय सद्भाव और नागरिकों के बीच एकता का आह्वान करता है।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अगर न्यायालय में आस्था रखने वाले मुख्यमंत्री होते तो अपने अपराध के लिए कफ़ील से माफ़ी मांगते लेकिन अपनी व्यक्तिगत कुंठा के कारण वो अब सुप्रीम कोर्ट में भी अपनी किरकिरी कराने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने ऊपर लगे आपराधिक मुकदमों को मुख्यमंत्री बनते ही ‘जनहित’ में हटवा लेने वाले मुख्यमंत्री से ही ऐसी कुंठित कार्रवाई की उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कितने आश्चर्य की बात है कि जो व्यक्ति खुद जेल जाने के कारण संसद में रोता हो वो हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद एक मेहनती और ईमानदार डॉक्टर को जबरदस्ती जेल भेजने पर तुला है।

गौरतलब है कि डॉ. कफ़ील खान की रिहाई के लिए अल्पसंख्यक कांग्रेस ने प्रदेशव्यापी 15 दिवसीय अभियान चलाया था और उनकी रिहाई के बाद कांग्रेस ने उन्हें कांग्रेस शासित राजस्थान में रहने की व्यवस्था की थी। इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उनसे फ़ोन पर कई बार बात की थी। कफ़ील बाद में अपने परिवार सहित प्रियंका गांधी से मिलने उनके दिल्ली स्थित घर पर भी गए थे।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles