Friday, April 19, 2024

संवैधानिक अधिकारों की गांरटी सरकारी संस्थायें ही देंगी: सरकारीकरण आंदोलन मंच

सरकारीकण आंदोलन मंच ने आज कुमार परमार्थ गोविंद महाविद्यालय कल्यानपुर में एक सम्मेलन आयोजित किया। जिसमें तमाम जन सरोकारी छात्र व महिला संगठनों के लोगों ने भागीदारी की।

सम्मेलन का आगाज़ हजारों की संख्या में मौजूद छात्र-छात्राओं, नौजवानों और नागरिकों से स्वास्थ्य-शिक्षा सरकारी नौकरियों को मौलिक अधिकार की गारंटी बनाने की मांग के नारे के साथ किया।

समाजवादी लोकमंच के संयोजक साथी मुनीश कुमार ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ” यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब देश के लोग उप्र की तरफ बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं, खासकर उप्र के पूर्वांचल क्षेत्र के मऊ से। छात्रों, नौजवानों, शिक्षकों, वकीलों, बुनकरों, कारीगरों, किसानों, मजदूरों की बुलंद आवाज़ का आग़ाज़ हुआ है, यह आने वाले समय में देश को नई रौशनी देगा,आज देश की संसदीय राजनीति से जनता के बुनियादी सवाल,समान शिक्षा,समान चिकित्सा,सबको सरकारी नौकरी के सवाल ग़ायब हो गये हैं,और देश के संसाधनों को आम जनता को मुट्ठीं भर धन्नासेठों को निचोड़ने के लिए परोस दिया गया है। यह सब लोकतंत्र और संविधान की महानता बताकर किया जा रहा है।जबकि संवैधानिक अधिकारों की गांरटी सिर्फ़ और सिर्फ़ सरकारी संस्थाएं ही दे सकती हैं। इसलिए सरकारीकरण आंदोलन मंच का एजेंडा़ संविधान में दिये नागरिक अधिकारों का है। 

 सम्मेलन को सामुदायिक कार्यकर्ता मंच के संयोजक दीपक ढोलकिया ने सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकारीकरण आंदोलन मंच न सिर्फ़ निजीकरण का विरोध कर रहा है,बल्कि सरकारीकरण का एजेंडा देकर विकल्प दे रहा है। हम आप के साथ हैं। 

सम्मेलन मे अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों पर प्रस्ताव रखते हुए स्टूडेंट फार नेशनलाइजेशन की विद्या मौर्या ने बताया कि नई आर्थिक नीतियों के माध्यम से पूंजीवादी ताकतें पूरी दुनिया की आम जनता के धन संपत्तियों पर कब्जा कर रही हैं और इनसे उपजे असंतोष और वर्गीय संघर्षों को वे अस्मितावादी जातिवादी संप्रदायवादी  संघर्षों की तरफ मोड़ देना चाहती हैं जबकि दुनियाभर में लड़ रहे छात्रों,नौजवानों किसान,मजदूरों के  संघर्षों  को छुपा रही हैं।

 राष्ट्रीय परिस्थितियों पर प्रस्ताव रखते हुए मंच की महिला मोर्चे की संयोजक संगीता यादव ने बताया कि हमारा देश भारी उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है और सरकारें पूंजीवादी नीतियों को लागू करके जनता की संपत्तियों पर निजी लोगों का कब्जा करवा रही हैं दूसरी तरफ इन नीतियों के विरुद्ध संघर्ष के आंदोलनों में तमाम साथी शहीद हो रहे हैं तमाम साथियों को जेल भेजा जा रहा है लेकिन यह वर्गीय लड़ाई पूंजीवादी नीतियों को ध्वस्त करके समाजवाद को स्थापित करने तक जाएगी और वहां से मानव समाज विकास की नई ऊंचाइयों की तरफ विकसित होगा।

 इसी क्रम में साथी फखरे आलम ने कहा कि नफरत से भरी राजनीति भी यही काम कर रही है वह बुनियादी सवालों की राजनीति की लड़ाई को कुंद कर रही है लेकिन हमें जनता को इसके खिलाफ सचेत करना पड़ेगा,वरिष्ठ आंदोलनकारी शिवा जी राय ने बताया कि हमारी जो समाजवादी और जनवादी ताकते हैं सही मायनों में यही दो ताकंते पूंजीवादी सिस्टम के खिलाफ लड़ सकती हैं और मानव समाज को ऊंचाई देंगी।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए रामाश्रय यादव ने कहा कि सरकारी संस्थाओं को और उनके कर्मचारियों को सरकारी नीतियां ही बर्बाद कर रही हैं और आम जनता में उन नीतियों से यह संदेश दिया जा रहा है कि सरकारी कर्मचारी काम नहीं करते जबकि आप सभी को जो सुविधाएं अधिकारपूर्ण ढ़ग से सरकारी संस्थाओं में मिलती हैं। वह किसी भी निजी संस्था में नहीं मिल सकती इसलिए हम सबको एकजुट होकर शिक्षा चिकित्सा और नौकरियों के सवाल को मजबूती से वोट की राजनीति का मुद्दा बनाना है उन्होंने सरकारी करण आंदोलन मंच को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का पूरा पूरा समर्थन देने का भरोसा व्यक्त किया।

 सरकारीकरण आंदोलन मंच के शिक्षकों के बीच काम करने वाले युवा शिक्षक साथी तेजभान ने बताया तेजभान ने संबोधित करते हुए कहा कि शोषित वंचित समूहों में जिन सरकारी नौकरियों से सामाजिक चेतना और आर्थिक उन्नति आई थी निजी करण के माध्यम से इन समूहों को फिर से बदहाल बर्बाद करने की और नए ढंग से गुलाम बनाने की साजिश आज की राजनीति कर रही है इस राजनीति को हमारे छात्र नौजवान शिक्षक बेनकाब करेंगे और फिर से हम अपने सरकारी संस्थाओं को पुनर्जीवित करेंगे यह लड़ाई देश बचाने की है।

 इस सम्मेलन को सरकारी करण आंदोलन मंच की छात्र इकाई स्टूडेंट फॉर नेशनलाइजेशन के संयोजिका नीतू ने संबोधित करते हुए कहा कि आज शिक्षा पर एक गहरा संकट है और नई आर्थिक नीति से उपजी नई शिक्षा नीति लाकर मौजूदा सरकार वंचित गरीब समूहों के बच्चों को छोटे-छोटे धन पशुओं के शिक्षा संस्थानों के हवाले करती जा रही है कोई भी राज्य शिक्षा स्वास्थ्य और नौकरियों जैसी जिम्मेदारी से भागता है। तो यह हम सब जो पढ़ते हैं कि  यह सब राज्य का दायित्व है। इन नीतियों से राज्य के औचित्य पर ही सवालिया निशान लगाता है? 

छात्र इकाई की ही सदस्य निशा ने अपने गीत हर जवां शख्स को सरकारी नौकरी चाहिए शमा बांध दिया,सम्मेलन को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक अश्वनी कुमार”सुकरात” व समान शिक्षा के अधिकार का संघर्ष चलाने वाले डा.चतुरानन ओझा ने कहा कि पूंजीवादी ताकतें शिक्षा का बाजारीकरण कर रही हैं इसकी जगह पर सरकार को चाहिए कि वह हर जगह हर मोहल्ले में नवोदय विद्यालय स्थापित करे और प्रत्येक बच्चे को नवोदय जैसे सुविधा में रहकर शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मिले उन साथियों ने कहा कि पूंजीवादी निजाम यह काम नहीं कर सकता इसके लिए समाजवाद स्थापित होना चाहिए इसके लिए वर्गीय संघर्ष को तेज करने की जरूरत है।

 सम्मेलन को किसान आंदोलन के नेता राघवेन्द्र कुमार, एड.वीरेन्द्र प्रताप यादव,शिक्षाविद शिवचन्द्र राम,वरिष्ठ साथी लक्ष्मी चौरसिया,का.रामू शर्मा,बलवंत यादव ने भी संम्बोधित किया,सम्मेलन में सक्रिय भूमिका साथी अमित राय,पल्लवी मिश्रा,गुलाबचन्द्र,रविन्द्र कुमार,भृगुनाथ,जगजीत सिंह चौहान जैसे साथियों ने दी,सम्मेलन में संगठन का झड़ारोहण सचिव मरछू प्रजापति ने किया।

 सम्मेलन के सत्रों का संचालन मंच के संयोजक अरविंद मूर्ति व संगठनकर्ता बृकेश ने किया। सभी का आभार आयोजन स्थल कुमार परमार्थ गोविंद महाविद्यालय कल्यानपुर के वरिष्ठ शिक्षक नंदलाल यादव जी ने किया। 

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।

Related Articles

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।