Saturday, April 20, 2024

कांग्रेस 15 जनवरी को देश भर में मनाएगी ‘किसान अधिकार दिवस’, राजभवन का होगा घेराव

कांग्रेस पार्टी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि वह किसानों को ‘थकाने और झुकाने’ की साजिश रच रही है। भारत की यह पहली सरकार है जो जिम्मेदारी से पीछा छुड़ा कर किसानों से कह रही है, ‘सुप्रीम कोर्ट चले जाओ’। ऐसी मोदी सरकार गद्दी छोड़ कर घर चली जाए तो अच्छा है। न किसान थकने वाला है, न झुकने वाला और न रुकने वाला है। पार्टी ने कहा है कि 15 जनवरी को देश भर में ‘किसान अधिकार दिवस’ मनाया जाएगा और ‘राजभवन’ का घेराव किया जाएगा।

महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला कहा कि मोदी सरकार न्याय मांग रहे देश के अन्नदाता किसानों को ‘थकाने और झुकाने’ की साजिश कर रही है। काले कानून खत्म करने के बजाय, 40 दिन से ‘मीटिंग-मीटिंग’ खेल रही है तथा किसानों को ‘तारीख पर तारीख’ दे रही है। 73 साल के देश के इतिहास में ऐसी निर्दयी और निष्ठुर सरकार कभी नहीं बनी, जिन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी और अंग्रेजों के जुल्मों को भी पीछे छोड़ दिया।

उन्होंने कहा कि 40 दिन से अधिक दिनों से लाखों अन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर काले कानून खत्म करने की गुहार लगा रहे हैं। हाड़ कंपाती सर्दी, बारिश और ओलों में 60 से अधिक किसानों ने दम तोड़ दिया। देश का दुर्भाग्य है कि प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी के मुंह से आज तक किसानों के प्रति सांत्वना का एक शब्द भी नहीं निकला। साफ है कि प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार 60 किसानों की कुर्बानी के लिए जिम्मेदार है।

उन्होंने कहा कि ये लड़ाई ‘किसानों की आजीविका’ और ‘सरकार की अवसरवादिता’ की है। ये लड़ाई ‘किसानों की खुद्दारी’ और ‘सरकार की खुदगर्जी’ के बीच है। ये लड़ाई ‘किसानों की बेबसी’ और ‘सरकार की बर्बरता’ की है। ये लड़ाई सत्ता के सिंहासन पर ‘मदमस्त सरकार’ और ‘न्याय मांगते’ सड़क पर बैठे किसानों के बीच है। ये लड़ाई ‘दीया’ और ‘तूफ़ान’ की है। किसान देश की उम्मीदों का दीप है और सरकार पूंजीपतियों के हित के लिए देश का सब कुछ तबाह कर देने वाला तूफ़ान।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि कमाल यह है कि 73 साल में यह देश की पहली सरकार है, जो अपनी जिम्मेदारी से पीछा छुड़ा देश के अन्नदाताओं से कह रही है कि ‘सुप्रीम कोर्ट चले जाओ’। सरकार को जनता ने चुना है। फिर उसी जनता और अन्नदाता को सरकार कहीं और क्यों भेजना चाहती है? ये तीनों विवादास्पद कृषि कानून सुप्रीम कोर्ट ने नहीं बनाए हैं। संसद में जबरन मोदी सरकार ने बनाए हैं। किस तरह बनाए, पूरे देश ने देखा था। फिर सरकार अपनी जिम्मेदारी कोर्ट की तरफ क्यों टाल रही है। नीतिगत फ़ैसले लेने के लिए कौन जवाबदेह है?

उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान ने कानून बनाने की जिम्मेदारी कोर्ट को नहीं दी, संसद को दी है। यदि सरकार अपनी जिम्मेदारी सम्हालने में अक्षम है, तो मोदी सरकार को एक मिनट भी सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष, सोनिया गांधी ने निर्णय किया है कि किसानों के समर्थन में हर प्रांतीय हेडक्वार्टर पर कांग्रेस पार्टी 15 जनवरी को ‘किसान अधिकार दिवस’ के रूप में एक जन आंदोलन करेगी। रैली और धरने के बाद राजभवन तक जाकर सरकार को तीनों काले कानून खत्म करने के लिए गुहार लगाएगी।

सुरजेवाला ने कहा कि समय आ गया है कि मोदी सरकार देश के अन्नदाता की चेतावनी को समझे, क्योंकि अब देश का किसान काले कानून खत्म करवाने के लिए ‘करो या मरो’ की राह पर चल पड़ा है।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।

Related Articles

जौनपुर में आचार संहिता का मजाक उड़ाता ‘महामानव’ का होर्डिंग

भारत में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद विवाद उठ रहा है कि क्या देश में दोहरे मानदंड अपनाये जा रहे हैं, खासकर जौनपुर के एक होर्डिंग को लेकर, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर है। सोशल मीडिया और स्थानीय पत्रकारों ने इसे चुनाव आयोग और सरकार को चुनौती के रूप में उठाया है।