Thursday, April 25, 2024

भाजपा की डबल इंजन सरकार में भ्रष्टाचार बना संस्थागत; कहीं हाईवे टूटा तो कहीं बांध दरका, कहीं पुल धंसे

क्या यह महज संयोग है कि नवनिर्मित हाइवे धंस रहे हैं, पुलों में दरार पड़ रही है, बांध पहले रिस रहे हैं और फिर बांध की दीवार बह जा रही है या फिर भाजपा की डबल इंजन सरकार ने भ्रष्टाचार को संस्थागत बना दिया है मध्य प्रदेश के धार में कारम नदी पर 304 करोड़ 44 लाख रुपए की लागत से बन रहा डैम पहली ही बारिश में लीक हो गया। धार और खरगोन जिले के 18 गांवों के हजारों लोगों की जान सांसत में आ गई है। डैम के रिसाव को रोकने के साथ ही उसके पानी को बहाने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। यहां तक कि सेना ने मोर्चा संभाल लिया है।इसके बावजूद कारम डैम से अब तेजी से पानी का बहाव हो रहा है, जिससे खतरा बढ़ गया है।

दरअसल रिसाव के बाद डैम को खाली करने के लिए बांध की जिस दीवार को तोड़कर पानी छोड़ा जा रहा था, उसी दीवार का बड़ा हिस्सा पानी के प्रेशर से बह गया। इसके बाद डैम से पानी काफी तेज स्पीड से निकल रहा है। बांध से लगे गांवों के खेतों में पानी घुसने लगा है।

वास्तव में बारिश से पहले जल्दबाजी में कारम डैम का काम पूरा करने के लिए मिट्टी को कंपैक्ट नहीं किया। इसी वजह से मिट्टी की दीवार (पाल) में लीकेज होना शुरू हो गया। इंजीनियर दीवार डिजाइन करते समय इस बात का ध्यान रखना भूल गए कि उस मिट्टी की दीवार पर सीधे पहाड़ का पानी आएगा जो उसे कमजोर कर सकता है, इससे निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं थे।जिस दीवार में लीकेज हो रहे हैं, उसका आधा हिस्सा बेहतर तरीके से बनाया गया है, लेकिन आधे हिस्से को जल्दबाजी में तैयार करने की गफलत में यह नौबत आई है।

इंजीनियरों ने कांट्रैक्टर से डैम का काम जल्दी में पूरा करने के लिए तो कहा, लेकिन कभी इसकी क्वालिटी की मॉनिटरिंग नहीं की। उन्होंने यह भी नहीं देखा की मिट्टी को सही तरीके से छानकर इस्तेमाल किया जा रहा है या नहीं और उसकी स्ट्रैंथनिंग की गई है या नहीं। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि बांध की दीवार बनाते समय उसमें ज्यादा संख्या में पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, जो मिट्टी की पकड़ को कमजोर करता है।बांध के ऊपरी हिस्से में जिस भुरभुरी मोरम का इस्तेमाल किया गया है। वह मिट्टी की पकड़ को कमजोर करने की बड़ी वजह रही है।

कॉन्ट्रैक्ट में जल्दबाजी में इस बात का ख्याल भी नहीं रखा कि यहां पानी को अवशोषित करने वाली ब्लैक स्वाइल की जरूरत थी, यहां आस-पास की कच्ची और मोरम वाली मिट्टी बिना एसेसमेंट के भर दी गई।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की सड़क धंसी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के पांचवें ही दिन एक्सप्रेस-वे के 195 किमी छिरिया सलेमपुर के पास चित्रकूट की तरफ जाने वाले लेन की सड़क धंस गई। पाइप लाइन टूटने पर मिट्टी कट गई थी। जिसके चलते दो फीट चौड़ा और छह फीट लंबा गड्ढा हुआ है। सड़क धंसने के कारण बुधवार रात दो कार और एक बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गई। प्रधानमंत्री मोदी ने 16 जुलाई को जालौन से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया था। इसके बाद इस पर आवागमन शुरू हो गया।

टांडा-बांदा हाईवे पर बना पुल धंसा

03 अगस्त, 2022 को खबर आई कि टांडा-बांदा हाईवे पर जायस कस्बे से पश्चिम मोजमगंज के मट्टन नाले से 20 मीटर दूरी पर निर्मित अतिरिक्त पुल धंस गया है। बांदा-टांडा नेशनल हाईवे रायबरेली-सुल्तानपुर मार्ग पर जायस थाना क्षेत्र के मोजमगंज के पास मट्टन नाले के पास अतिरिक्त जल निकासी के लिए एक पुल बना है। यह पुल सोमवार रात हुई हल्की बारिश में ही एक तरफ धंस गया है। हाईवे पर पुल धंसने के साथ सड़क पर बड़ा गड्ढा हो गया है। इसकी जानकारी जब एनएचएआई के अफसरों को हुई तो उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़क के चारों तरफ अस्थाई बैरिकेडिंग कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। करीब 232 किलोमीटर लंबे इस हाईवे पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में छोटे-बड़े व भारी वाहनों का आवागमन होता है।

ऑल वेदर रोड जगह-जगह पर धंसी

26 जुलाई, 22 को यह सूचना आई कि उत्तराखंड में चारधाम से कनेक्टिविटी और यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑल वेदर रोड पहली बारिश में कहीं या तो धंस जा रही है या तो बह जा रही है। इसके साथ ही निर्माणाधीन पुल की शटरिंग टूटने से भी इस परियोजना में काम कर रहे ठेकेदारों पर सवाल उठने लगे हैं। ऑल वेदर रोड का निर्माण सामरिक दृष्टि से भी किया गया है, क्योंकि यह सड़क सीधे चीन बॉर्डर तक जाती है। बीते 13 जुलाई को पहली बारिश के बाद ऋषिकेश-बदरीनाथ ऑलवेदर रोड हाईवे पर पुरसाड़ी के पास सड़क किनारे बनी आरसीसी दीवार का एक बड़ा हिस्सा ढह गया था, जिससे पूरा हाईवे बाधित हो गया था।

रुद्रप्रयाग में पुल की शटरिंग गिरी

रुद्रप्रयाग के नरकोटा में बीते 20 जुलाई को ऑलवेदर रोड के निर्माणाधीन पुल की शटरिंग गिरने से तीन मजदूरों की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि ये पुल 65 करोड़ की लागत से बन रहा है। 20 जुलाई बुधवार सुबह लगभग 9 बजे मजदूर पुल पर कार्य कर रहे थे। इस दौरान मजदूरों के ऊपर लोहे की शटरिंग गिर गई और 10 मजदूर दब गए थे, जिसमें से 3 की मौत हो गई थी। इस मामले में तीन इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

देवप्रयाग में बदरीनाथ हाईवे का 50 मीटर हिस्सा धंसा

26 जुलाई को देवप्रयाग के पास पंत गांव में बारिश से नेशनल हाईवे-58 का 50 मीटर हिस्सा धंस गया। विभाग की मानें तो सड़कों के किनारे विद्युत पोल लगाने के दौरान किए गए गड्ढों में पानी जमा होने के कारण मार्ग धंसा है।

भोपाल-जबलपुर हाईवे टूटा 

25 जुलाई को जबलपुर-भोपाल हाईवे पर कलियासोत नदी पर बनी सड़क टूट गई। इस मामले में सरकार ने एक इंजीनियर को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने पुल का निर्माण करने वाली एजेंसी और कंसलटेंट को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। सरकार ने ठेकेदार को चार महीने में सड़क को अपने पैसे से फिर से बनाने को कहा है। 

पुल टूटने के बाद से 8 लेन वाली इस सड़क से अब केवल 4 लेन पर ही यातायात जारी रहेगा। यह सड़क राजधानी भोपाल को जबलपुर से जोड़ती है। नेशनल हाईवे 12 पर बने इस पुल का 40 मीटर हिस्सा गिरा है। प्रदेश सरकार ने इस मामले में इंजीनियर एसपी दुबे को निलंबित कर दिया है। यह जानकारी पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने दी। उनके मुताबिक इस सड़क का निर्माण करने वाली एजेंसी सीडीएस इंडिया लिमिटेड और कन्सल्टेंट थीम इंजीनियरिंग को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है। सरकार ने ठेकेदार को चार महीने में धंसे पुल को दुरुस्त करने का आदेश दिया है।

हिमाचल में धर्मपुर-कसौली रोड धंसा

कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर बड़ोग टनल को जाने वाली सड़क धंसने के बाद कसौली-गढ़खल रोड धर्मपुर के समीप धराशायी हो गया है। इसके चलते मुख्य सड़क वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से बंद हो गई है। अब वाहनों को सुक्की जोहड़ी-सनावर से गढ़खल पहुंचना होगा। वहीं सड़क धंसने से सारा मलबा और पत्थर ठीक नीचे से गुजर रहे नेशनल हाईवे जा गिरा। इससे हाईवे पर भी ट्रैफिक को वनवे कर दिया गया है। फोरलेन बनने के बाद से ही पहाड़ दरक रहा था जिससे सड़क पर दरारें पड़ी थीं। यह सड़क पिछले तीन दिन से लगातार धंसना शुरू हुई और सड़क पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गईं।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

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