Thursday, April 25, 2024

आयुध कारखानों के निगमीकरण के खिलाफ प्रदर्शन

भारत सरकार द्वारा नागरिक रक्षा उत्पादन का निगमीकरण के रास्ते आयुध कारखानों का निजीकरण करने और इसका विरोध कर रहे कामगारों का दमन करने के लिए आवश्यक प्रतिरक्षा सेवा अध्यादेश (इडीएसओ) लागू किए जाने के खिलाफ 23 जुलाई को देशव्यापी विरोध दिवस का कार्यक्रम के आलोक में झारखंड मे भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

सीटू, एक्टू, एटक, इंटक, एचएमएस और एआईयूटीयूसी समेत विभिन्न श्रमिक फेडरेशनों ने भी इस प्रतिवाद दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। बता दें कि ट्रेड यूनियनों के राज्य मुख्यालयों को मिली अब तक की सूचना के अनुसार झारखंड में 400 से ज्यादा औद्योगिक और सरकारी संस्थानों, जिनमें कोयला, इस्पात, बैंक, बीमा, राज्य व केंद्र सरकार के दफ्तरों, आंगनवाड़ी केंद्रों और विभिन्न कल-कारखानों के कार्य स्थलों पर मजदूरों – कर्मचारियों ने कोविड – 19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए विरोध दिवस मनाया। राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक, मेन रोड स्थित बेफी कार्यालय के समक्ष कार्यक्रम आयोजित किया गया। एक्टू से जुड़े मजदूरों ने अल्बर्ट एक्का चौक पर विरोध प्रदर्शन किया, जबकि सीटू ने बेफी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। एक्टू के प्रदेश महासचिव शुभेंदु सेन ने कहा कि आयुध कारखानों में निगमीकरण के रास्ते निजीकरण देश के लिए घातक साबित होगा।

अपने जायज मांगों को लेकर विगत 26 जुलाई से डिफेंस के कर्मचारी हड़ताल पर हैं, मजदूरों से वार्ता करने के बजाय अनिवार्य सुरक्षा सेवा अध्यादेश लाना, ट्रेड यूनियन अधिकारों का उल्लंघन है, निजी कंपनियों के बजाय केन्द्र सरकार देश के मजदूरों की चिंता करें, अन्यथा मजदूरों के विरोध से बुरे दिन देखने होंगे। सीटू के राज्य महासचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि आयुध निर्माण बोर्ड के तहत संचालित 44 आयुष कारखानों के निजीकरण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए निगमित करने का विनाशकारी निर्णय लिया गया है।

रक्षा उत्पादन कर्मचारियों के सभी संघ लंबे समय से कई एकजुट आंदोलनों के माध्यम से सरकार के इस तरह के विनाशकारी कदम का पुरजोर विरोध कर रहे हैं और आयुध कारखानों के नेटवर्क को निगमित करने का सरकार का यह हालिया निर्णय रक्षा के संयुक्त मंच को अक्टूबर 2020 में सरकार द्वारा कर्मचारी संघों को दिए गए आश्वासन का पूर्ण उल्लंघन है। निजी कंपनियों के सामने सरकार निजीकरण पूरी तरह से असहाय साबित हो रही है। बैंक यूनियन बेफी के अध्यक्ष एम एल सिंह, एक्टू के भुवनेश्वर केवट, मजदूर नेता पुष्कर महतो, भीम साहू, एनामुल हक, मनोज पासवान, दिवाकर साहू, सीटू के अनिर्वान बोस, कनक रंजन, विजय वर्मा और सुमंत कुमार साहू समेत दर्जनों लोग मौजूद थे।

बता दें कि 30 जून 2021 को लाया गया आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 की घोषणा राष्ट्रीय हितों की रक्षा में रक्षा-उत्पादन श्रमिकों के एकजुट संघर्ष को रोकने की चाल है और पूरी तरह से निंदनीय है।

सीटू एक्टू समेत सभी यूनियनों ने कहा कि हम रक्षा उत्पादन श्रमिकों और उनके संघों के एकजुट संघर्षों को पूरा समर्थन करते हैं और सरकार से अध्यादेश को वापस लेने और आयुध कारखानों के निगमीकरण जैसे  विनाशकारी कदम से बचने की मांग करते हैं।

(झारखण्ड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट )

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