Friday, March 29, 2024

धनबाद: आटो टक्कर से जज की मौत के मामले में 3 गिरफ्तार

मॉर्निंग वॉक पर निकले जिला व सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की ‘हत्या’ मामले में पुलिस ने आरोपी ऑटो चालक समेत तीन लोगों को गिरिडीह से गिरफ्तार कर लिया है। ऑटो भी जब्त कर लिया गया है। इधर, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से स्वतंत्र जांच की मांग की है।

बता दें कि धनबाद के एडीजे उत्तम आनंद हर दिन की तरह कल 28 जुलाई बुधवार को भी मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। वे अपने बाएं सड़क के बिल्कुल किनारे चल रहे थे कि रणधीर वर्मा चौक के पास पीछे से जा रहे एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी, वे सड़क पर गिर पड़े, वहां से गुजर रहे लोगों ने आनन-फानन में उन्हें शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SNMMCH) पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

जब सुबह 7 बजे तक वे घर नहीं पहुंचे, तो उनके परिवार वालों ने खोज शुरू की। इसके बाद पता चला कि सड़क दुर्घटना के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गयी है। दुर्घटना की सूचना पर जिले के लगभग सभी न्यायिक पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे। न्यायाधीश उत्तम आनंद ने 6 माह पूर्व ही धनबाद में अपनी सेवाएं देनी शुरू की थी। इससे पहले वह बोकारो जिले के तेनुघाट में पदास्थापित थे।

CCTV की जांच में साफ-साफ नजर आ रहा है कि जज आनंद रणधीर वर्मा चौक की ओर से हीरापुर सब स्टेशन की ओर आ रहे थे। वह सड़क के किनारे जॉगिंग कर रहे थे। उसी वक्त पीछे से आ रहा एक ऑटो बीच सड़क से हटकर किनारे न्यायाधीश की तरफ आया और पीछे से उन्हें टक्कर मार कर सीधा रास्ता पकड़ कर पुलिस लाइन की ओर भाग निकला।

पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता ए वी होमकर ने बताया है कि सिटी एसपी राम कुमार के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी गयी है। वहीं, पूरी टीम को खुद धनबाद एसएसपी संजीव कुमार लीड कर रहे हैं, जबकि बोकारो रेंज के डीआईजी कन्हैया मयूर पटेल धनबाद पहुंचकर घटना को लेकर चल रही जांच की बारीकी से मॉनिटरिंग कर रहे हैं। डीजीपी नीरज सिन्हा के निर्देश पर रांची से फोरेंसिक और सीआईडी टीम को जांच में सहयोग के लिए धनबाद भेजा गया है। तकनीकी साक्ष्य के लिए घटनास्थल और आस पास के सीसीटीवी का फुटेज पुलिस एकत्र कर रही है। इसके अलावा अन्य तकनीकी साक्ष्य भी जुटाये जा रहे हैं।

जज उत्तम आनंद की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है। एसोसिएशन ने कहा है कि जिस तरह इस घटना को अंजाम दिया गया है, उसके पीछे बड़ी साजिश हो सकती है। इसलिए इस मामले की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।

वहीं हत्या में शामिल ऑटो चालक और उसके सहयोगी लखन वर्मा और राहुल वर्मा को गिरिडीह से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये दोनों जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के डिगवाडीह 12 नंबर के रहने वाले हैं। इस दौरान पुलिस ने ऑटो को भी जब्त कर लिया है।

घटना के बाद मिले CCTV फुटेज ने दुर्घटना पर सवाल खड़ा कर दिया है। लोग इसे साजिश के तहत हत्या बता रहे हैं। दोपहर होते-होते न्यायाधीश की मौत का मामला रांची हाईकोर्ट तक पहुंच गया। हाईकोर्ट ने धनबाद के जिला जज से रिपोर्ट मांगी है। वहीं, धनबाद SSP संजीव कुमार ने अपने दफ्तर में हाई लेवल मीटिंग की।

उत्तम आनंद की कोर्ट में कई बड़े केस की सुनवाई चल रही थी। वे धनबाद के बहुचर्चित रंजय सिंह हत्याकांड में सुनवाई कर रहे थे। इस मामले में झरिया की कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के मौसेरे देवर हर्ष सिंह आरोपित हैं। न्यायाधीश ने तीन दिन पूर्व यूपी के शूटर अमन सिंह के एक शागिर्द की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इतना ही नहीं जेल में बंद दर्जनों हत्याकांड में संलिप्त गैंगस्टर अमन सिंह मामले की सुनवाई भी इनके कोर्ट में चल रही थी। साथ ही यूपी के शूटर अभिनव प्रताप सिंह, जिसने धनबाद में कई घटनाओं को अंजाम दिया है, के मामले की सुनवाई भी इनके कोर्ट में हो रही थी।

बता दें कि पूर्व विधायक संजीव सिंह के करीबी रंजय सिंह की हत्या 29 जनवरी 2017 को हुई थी। घटना के समय रंजय चाणक्य नगर स्थित अपने फ्लैट से राजा यादव के साथ मेंशन जा रहे थे। रास्ते में ही उन पर गोलियों की बौछार हो गई। घायल स्थिति में उन्हें सेंट्रल अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। साथी राजा यादव के बयान पर सरायढेला थाना में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। बाद में जांच के बाद इस मामले में हर्ष सिंह और मामा के खिलाफ आरोप गठित किया गया था।

झारखंड कोयलांचल के धनबाद शहर में सिंह मेंशन और रघुकुल काफी चर्चित है। सिंह मेंशन की बुनियाद दंबग विधायक सूर्यदेव सिंह ने रखी थी, जो यूपी के बलिया जिले के मूल निवासी थे। कभी सिंह मेंशन बंगले में सूर्यदेव सिंह, बच्चा सिंह, विक्रम सिंह, राजन सिंह, रामधीर सिंह पांचों भाई रहते थे। बाद में विक्रम सिंह बलिया में रहने लगे।

सूर्यदेव सिंह के निधन के बाद बच्चा सिंह झरिया के विधायक व झारखंड के नगर विकास मंत्री बने। इस क्रम में उन्होंने सरायढेला इलाके में सूर्योदय नामक अपना बंगला बनवाया और उसमें रहने लगे। इसके बाद राजन सिंह ने रघुकुल के नाम से आलीशान बंगला बनाया और सपरिवार उसमें रहने लगे। सिंह मेंशन में सूर्यदेव सिंह व रामधीर सिंह का परिवार रहता है।

सूर्यदेव सिंह की पत्नी कुंती सिंह भी झरिया क्षेत्र की विधायक रह चुकी हैं। उनके पुत्र संजीव सिंह भी वहां से भाजपा के विधायक रहे हैं। नीरज सिंह ने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया। चचेरे भाई संजीव सिंह के खिलाफ झरिया से झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़े, पर हार गए। 2019 के चुनाव में झरिया से नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह ने संजीव सिंह को शिकस्त दी थी।

इधर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने उत्तम आनंद मौत मामले की जांच झारखंड उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश के नेतृत्व में एसआईटी से कराने की मांग की है। वहीं धनबाद के विधायक राज सिन्हा ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पहली बार धनबाद में किसी न्यायाधीश की हत्या हुई है।

हजारीबाग से मिली खबर के अनुसार न्यायाधीश उत्तम आनंद की धनबाद में मौत की खबर जैसे ही हजारीबाग के शिवपुरी मुहल्ला पहुंचा, मातम पसर गया। वे इसी मोहल्ले के निवासी थे। धीरे-धीरे पूरे शहर में यह सूचना फैल गयी। उत्तम आनंद को जानने वाले लोग एक-एक कर उनके घर पहुंचने लगे।

न्यायाधीश उत्तम आनंद का पूरा परिवार वकालत के पेशा से जुड़ा हुआ है। उनके पिता अधिवक्ता सदानंद प्रसाद हजारीबाग शिवपुरी मुहल्ले में रहते हैं। उत्तम आनंद के दो भाई और दो बहन हैं। छोटे भाई सुमन आनंद भी अधिवक्ता हैं। उनकी दो बहनें ज्योति आनंद और दीप्ति आनंद हैं, उनके दोनों बहनोई भी अधिवक्ता हैं। उत्तम आनंद की पत्नी कीर्ति सिन्हा पटना की रहने वाली हैं। उन्होंने भी लॉ की पढ़ाई पूरी की है। उत्तम आनंद की पत्नी कीर्ति आनंद हजारीबाग बार एसोसिएशन की सदस्य भी हैं।

उनकी माता सरिता प्रसाद और पिता सदानंद प्रसाद सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं। जब उन्हें बेटे की मौत की खबर मिली, तो वह अवाक रह गये।

उत्तम आनंद के छोटे भाई और पिता ने न्यायालय की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की है।

उत्तम आनंद ने सेंट जेवियर स्कूल हजारीबाग से 10वीं तक की पढ़ाई की थी। 1987 में 10वीं पास कर 12वीं की पढ़ाई गुरुनानक स्कूल रांची से की थी। दिल्ली विवि किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। 2002 में झारखंड न्यायिक सेवा परीक्षा में पास कर न्यायिक दंडाधिकारी बने। बोकारो, चतरा, जमशेदपुर, गुमला, रांची, डालटनगंज, तेनुघाट के बाद धनबाद कोर्ट में न्यायाधीश के पद पर कार्य किया।

बता दें कि पुलिस ने जज को टक्कर मारने वाले ऑटो को बुधवार देर रात गिरिडीह से बरामद किया। जांच में पता चला है कि ऑटो मंगलवार को चोरी हुआ था और 28 बुधवार सुबह 5.08 बजे जज उत्तम आनंद को टक्कर मार दी गई। ऑटो की मालकिन सुगनी देवी ने फुटेज देखते ही ऑटो को पहचान ली थी, उसने बताया कि ऑटो मंगलवार देर रात चोरी हो गया था।

पुलिस ने उत्तम आनंद की पत्नी की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज किया है।

बता दें कि जिला एवं अतिरिक्त न्यायाधीश उत्तम आनंद होटवार जेल में बंद गैंगस्टर समेत 15 बड़े अपराधियों के मामलों की भी सुनवाई कर रहे थे। उनके पास लंबित केसों में कई हाई-प्रोफाइल मर्डर और आदतन अपराधियों के मुकदमे भी शामिल थे। उन्होंने दो मामलों में दो सगे भाइयों समेत तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

आनंद के पिता सदानंद प्रसाद का कहना है कि तेनुघाट में पोस्टिंग के दौरान आनंद ने एक व्यक्ति को उम्रकैद की सजा दी थी। धनबाद में भी उन्होंने कुछ महीने पहले कुछ केसों में आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। ऐसे में शक है कि ऐसे लोग ही आनंद की जान के पीछे पड़ गए हों और उनकी हत्या करवा दी हो। वहीं आनंद के छोटे भाई सुमन शंभु ने भी सजा पाए आरोपियों की खुन्नस को हत्या की वजह बताया है।

(झारखण्ड से विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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